Indonesian Palm Oil Export Ban बढ़ाएगा भारत में महंगाई, जानिए कैसे

दुनिया के सबसे बड़े एडिबल ऑयल खासतौर पर पाम ऑयल और सोया ऑयल के इंपोर्टर भारत के लिए यह नुकसान गंभीर है। उपभोक्ता मूल्य सूचकांक (सीपीआई) के आंकड़ों से पता चलता है कि एडिबल ऑयल तेल और फैट की कीमतें मार्च में साल-दर-साल 19 फीसदी और पूरे वित्तीय वर्ष 2021-22 के लिए 27.4 फीसदी बढ़ीं।

Asianet News Hindi | Published : Apr 25, 2022 10:09 AM IST / Updated: Apr 25 2022, 05:30 PM IST

बिजनेस डेस्क। इंडोनेशिया का पाम तेल के निर्यात पर 28 अप्रैल से प्रतिबंध लगाने का फैसला इससे बुरे वक्त पर नहीं आ सकता था। इस प्रतिबंध से पहले भी, एडिबल ऑयल की कीमतें रिकॉर्ड लेवल पर कारोबार कर रही थीं, जो 2008 और 2011 में अपने पिछले हाई लेवल से लगभग 45 फीसदी अधिक थी। दुनिया के सबसे बड़े एडिबल ऑयल खासतौर पर पाम ऑयल और सोया ऑयल के इंपोर्टर भारत के लिए यह नुकसान गंभीर है। उपभोक्ता मूल्य सूचकांक (सीपीआई) के आंकड़ों से पता चलता है कि एडिबल ऑयल तेल और फैट की कीमतें मार्च में साल-दर-साल 19 फीसदी और पूरे वित्तीय वर्ष 2021-22 के लिए 27.4 फीसदी बढ़ीं। सॉल्वेंट एक्सट्रैक्टर्स एसोसिएशन के अध्यक्ष अतुल चतुर्वेदी ने कहा कि इंडोनेशियाई पाम तेल प्रतिबंध से कीमतों में तत्काल 10 फीसदी की बढ़ोतरी हो सकती है।

एडिबल ऑयल बिल में हुआ इजाफा
भारत एक महीने में लगभग एक मिलियन टन खाद्य तेल का इंपोर्ट करता है और पिछले वर्ष के 1.5 मिलियन टन से 1.3 मिलियन टन के आयात के साथ वित्त वर्ष 2022 समाप्त हुआ। फिर भी, वित्त वर्ष 22 में एडिबल ऑयल से संबंधित भारत का इंपोर्ट बिल बढ़कर 1.4 लाख करोड़ रुपए हो गया, जो एक साल पहले 82,123 करोड़ रुपए से 72 फीसदी अधिक था। इंडोनेशियाई समाचार ने ग्लोबल एडिबल ऑयल मार्केट में एकदम तूफान ला दिया है। पाम दुनिया में सबसे अधिक खपत होने वाला खाना पकाने का तेल है, जो ग्लोबल खपत का 40 फीसदी है, इसके बाद सोया तेल 32 फीसदी और सरसों (या कैनोला) 15 फीसदी है।

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बीते 12 महीनों में इन कारणों से भी बढ़े दाम
पिछले 12 महीनों में, खाद्य तेल फसलों के लिए जो कुछ भी गलत हो सकता है, वह सब हुआ है। कोविड के कारण प्रवासी श्रमिकों की अनुपलब्धता की वजह से इंडोनेशिया और मलेशिया के अपने सबसे बड़े बढ़ते क्षेत्रों में 2020 और 2021 में पाम ऑयल का प्रोडक्शन उत्पादन प्रभावित हुआ। सोया ऑयल के सबसे बड़े निर्यातक अर्जेंटीना ने 2021 में खराब फसल की सूचना दी। इसने निर्यात को कुछ समय के लिए रोक दिया, और फिर अपने निर्यात कर को 31 फीसदी से बढ़ाकर 33 फीसदी करने के बाद फिर से शुरू किया। कैनोला के सबसे बड़े उत्पादक कनाडा और यूरोप ने फसल के नुकसान की सूचना दी। इस प्रकार, फरवरी में जब रूस ने यूक्रेन के साथ युद्ध किया - सूरजमुखी के तेल के निर्यात को रोक दिया, खाना पकाने के तेल की कीमतें पहले से ही ऐतिहासिक ऊंचाई पर थीं। युद्ध और प्रतिबंधों ने इसे और खराब कर दिया।

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महंगाई और बढऩा अभी बाकी है
त्रासदी यह है कि खाना पकाने के तेल की महंगाई कच्चे तेल और गैस के साथ-साथ गेहूं, निकल, तांबा, पैलेडियम जैसी अन्य वस्तुओं की कीमतों में सामान्य वृद्धि के साथ मेल खा रही है, जहां रूस मुख्य निर्यातक है। मार्च में भारत का सीपीआई 17 महीने के उच्चतम 6.95 फीसदी पर पहुंच गया। उम्मीद है कि 6.95 फीसदी का मार्च सीपीआई नए शिखर पर हो सकता है। इंडोनेशियाई प्रतिबंध के कारण एडिबल ऑयल में नया उछाल का मतलब यह हो सकता है कि सबसे खराब स्थिति आना अभी बाकी है।

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