सार
खाद्य तेलों की कीमतें पिछले एक साल से आसमान पर हैं। इसके बाद से सरकार इस मुद्दे पर लगातार घिर रही है। चुनावों के बीच भी यह मुद्दा बन रहा था, जिसे देखते हुए सरकार ने यह फैसला लिया है। यह फैसला तत्काल प्रभाव से लागू हो गया है। इससे पहले सरकार ने सरसों के तेल में ब्लेंडिंग पर रोक लगाई थी।
नई दिल्ली। खाद्य तेलों की कीमतों को लेकर पिछले करीब एक साल से घिर रही केंद्र सरकार ने (Central Government) ने इनकी कीमतें कम करने को लेकर बड़ा फैसला लिया है। सरकार ने एक आदेश जारी कर खाने के तेल और खाद्य तिलहन की स्टॉक लिमिट (Stock Limit) तय कर दी है। आदेश के तहत रिटेल दुकानदार 30 क्विंटल खाद्य तेल और 100 क्विंटल खाद्य तिलहन तक का ही स्टॉक कर सकेंगे। थोक विक्रेता 500 क्विंटल खाद्य तेल और 2000 क्विंटल तिलहन का स्टॉक कर सकेंगे। रिटेल चेन के लिए भी स्टॉक लिमिट रखी गई है। अपनी दुकानों में 30 क्विंटल और डिपो में 1000 क्विंटल तक खाद्य तेल स्टॉक कर सकते हैं।
पिछले एक साल से आसमान हैं तेलों के दाम
खाद्य तेलों की कीमतें पिछले एक साल से आसमान पर हैं। इसके बाद से सरकार इस मुद्दे पर लगातार घिर रही है। चुनावों के बीच भी यह मुद्दा बन रहा था, जिसे देखते हुए सरकार ने यह फैसला लिया है। यह फैसला तत्काल प्रभाव से लागू हो गया है। इससे पहले सरकार ने सरसों के तेल में ब्लेंडिंग पर रोक लगाई थी। सरकार ने 8 अक्टूबर, 2021 के आदेश में खाने के तेल और तिलहनों पर स्टॉक लिमिट तय किया था, जो कि 31 मार्च 2022 तक के लिए लागू थी। सरकार ने कहा कि राज्य सरकारों को उपभोक्ताओं को स्टॉक लिमिट का पूरा लाभ देना जरूरी है।
छह राज्यों को दी गई लिमिट से छूट
स्टॉक लिमिट से कर्नाटक, उत्तर प्रदेश, बिहार, हिमाचल प्रदेश, तेलंगाना, और राजस्थान को मुक्त रखा गया है। हालांकि, इन राज्यों में जो भी स्टॉक लिमिट है, इन्हें उसका पालन करना होगा। दरअसल, इससे पहले सरकार ने जो स्टॉक लिमिट लगाई थी, इन राज्यों ने उसका पालन किया है। इसलिए इन्हें नए आदेश से मुक्त रखा गया है। इसके अलावा ऐसे निर्यातक, रिफाइनर, मिलर, एक्सट्रैक्टर, थोक व्यापारी और, डीलर जिनके पास इंपोर्ट-एक्सपोर्ट कोड संख्या है, उन्हें छूट दी गई है। हालांकि उन्हें साबित करना होगा कि स्टॉक निर्यात के लिए है या आयात से प्राप्त हुआ है।
यह भी पढ़ें
Adani Wilmer IPO: 230 रुपए हुआ इश्यू प्राइस फाइनल, 30 हजार करोड़ रुपए कंपनी की वैल्यू