सिबिल स्कोर को साधारण भाषा में समझें तो यह होम लोन, ब्याज की सही दर और लोन की बेहतर शर्तों के लिए बेहद जरुरी है। यह आपकी लोन लेने की पात्रता का मापदंड है। ज्यादातर लोन देने वाले यह मानकर चलते हैं कि जिन्हें वे लोन दे रहे हैं उनका सिबिल स्कोर कम से कम 750 हो।
नई दिल्लीः यदि आप होम लोन (Home Loan) लेकर अपने सपनों का घर बनाना चाहते हैं तो सिबिल स्कोर (CiBil Score) का बेहतर होना जरूरी है। विशेषज्ञ बताते हैं कि सिबिल स्कोर 300 से 900 के बीच तीन अंकों का होता है. यह ग्राहक के फाइनेंशियल पैटर्न पर दिया जाता है. क्रेडिट इंफार्मेशन ब्यूरो ऑफ इंडिया सिबिल स्कोर प्रदान करती है। सिबिल स्कोर 900 के जितना करीब होगा उतना ही बेहतर माना जाएगा। यह इस फैक्टर पर निर्भर करता है कि आप अपने वित्तीय दायित्वों का किस तरह से पालन करते हैं। समय पर बिल भुगतान, पिछले लोन का समय पर निपटारा, आपकी वित्तीय स्थिति में शामिल होता है।
लोन पर असर डालता है सिबिल
यह सच है कि होम लोन के लिए आपकी योग्यता का पैमाना सिबिल स्कोर है। आपकी लोन पात्रता, रीपेमेंट कैपासिटी देखने के बाद बैंक आपका सिबिल स्कोर देखते हैं। सिबिल स्कोर जितना बेहतर होगा लोन मिलने में उतनी ही आसानी
होगी। बैंक भी बेझिझक लोन देते हैं क्योंकि वे आश्वस्त हो जाते हैं कि रीपेमेंट आसानी से होगा। यदि सिबिल स्कोर 750 से कम है तो लोन पाने की संभावना कम हो जाती है।
कैसे सुधारें सिबिल स्कोर
सिबिल स्कोर सुधारने का सबसे अच्छा तरीका यह है कि लिये गये लोन को समय से पेमेंट करें। इससे सिबिल स्कोर में सुधार होगा। ईएमआई और क्रेडिट कार्ड का पेमेंट भी सही समय पर करें। पुराने लेनदेन का रिकॉर्ड बेहतर रखें। इसके अलावा लोन का संतुलन बनाये रखें। रिकॉर्ड में अनसिक्योर्ड लोन व बाउंस से साख खराब होती है। क्रेडिट रिपोर्ट पर नजर रखें.