Fixed Deposit अकाउंट खोलने से पहले जान लें यह पांच बातें

बैंक अलग-अलग अवधि में डिपोजिट की पेशकश करते हैं और इसलिए समय सीमा के आधार पर, जमाकर्ता 15 दिनों से लेकर 10 साल तक का एफडी खोलना चुन सकते हैं।

Saurabh Sharma | Published : Apr 15, 2022 6:13 AM IST

बिजनेस डेस्क। अधिकतर कंजरवेटिव इंवेस्टर्स के लिए बैंक फिक्स्ड डिपोजिट एक पॉपुलर सेविंग ऑप्शन है। जो लोग रिस्क नहीं लेना चाहते हैं और अपने निवेश पर एक निश्चित रिटर्न चाहते हैं, वे अपने धन को बैंक डिपोजिट में रखते हैं। बैंक अलग-अलग अवधि में डिपोजिट की पेशकश करते हैं और इसलिए समय सीमा के आधार पर, जमाकर्ता 15 दिनों से लेकर 10 साल तक का एफडी खोलना चुन सकते हैं। बैंक एफडी में अपना पैसा डालने से पहले कुछ बातों का ध्यान रखें:

1. एफडी में लैडरिंग क्यों और कैसे करें
अगर आप कुछ दिनों में बैंक में फिक्स्ड डिपॉजिट खोलने जा रहे हैं, तो यहां आपके लिए एक महत्वपूर्ण मैसेज है। कुछ बैंकों ने पहले ही अपनी एफडी दरों को ऊपर की ओर रखना शुरू कर दिया है। महंगाई के माहौल में, अर्थव्यवस्था में ब्याज दरें बढ़ जाती हैं और अधिक बैंकों से कुछ महीनों के समय में अपने एफडी पर उच्च दरों की पेशकश करने की उम्मीद की जाती है। इसलिए, या तो आप अपने फंड को 'सीढ़ी' के माध्यम से फैला सकते हैं या अधिकतम शॉर्ट से मीडियम टर्म डिपॉजिट में रख सकते हैं। 'लेडरिंग' के तहत, जब सबसे छोटी अवधि की एफडी मैच्योर हो जाती है, तो अपनी ज़रूरत के आधार पर सबसे लंबी अवधि के लिए फिर से निवेश करें।

2. लोअर इफेक्टिव रिटर्न
यदि आप 30 फीसदी इनकम टैक्स का भुगतान करने वाले हाइएस्ट टैक्स ब्रैकेट में हैं, तो बैंक एफडी में टैक्स के बाद रिटर्न आपके लिए बहुत कम होगा। बैंक एफडी पर अर्जित ब्याज किसी के आयकर स्लैब के अनुसार कर के अधीन है। ब्याज आय की राशि को 'अन्य सोर्स से आय' में जोड़ा जाता है और फिर उस पर टैक्स लगाया जाता है। अधिकांश बैंक लगभग 6.5 फीसदी ब्याज दरों की ऑफर कर रहे हैं और टैक्स की कटौती के बाद और महंगाई के समायोजन के बाद, प्रभावी रिटर्न लगभग नकारात्मक है। एफडी कैपिटल को प्रिजर्व के लिए बेस्ट है न कि वेल्थ क्रिएशन के लिए।

3. स्पेशल डिपोजिट
कभी-कभी, बैंकों के पास 444 दिनों या 650 दिनों या 888 दिनों के स्पेसिफिक टेन्योर के लिए स्पेशल फिक्स्ड डिपोजिट योजना भी होती है। ऐसी जमाओं पर, बैंक आमतौर पर उच्च ब्याज दर की पेशकश करते हैं। उन्हें चुनने से आपको कुछ अतिरिक्त दिनों के लिए फंड लॉक करके उच्च दर प्राप्त होती है।

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4. स्वीप-इन एफडी
एफडी एक लॉक-इन अवधि के साथ आती है और ज़रूरत के समय, आपको कैश लेना है तो आपको जमा राशि को समय से पहले तोडऩा होगा। इसके बजाय, उन बैंकों में स्वीप-इन एफडी योजनाओं के साथ जाएं जहां लिक्विडिटी बनी रहती है और साथ ही आप एफडी दरों का भी फायदा उठा सकते हैं।

5. स्मॉल फाइनेंस बैंकों की एफडी को देखें
प्रमुख बैंकों के अलावा, स्मॉल फाइनेंस बैंकों की एफडी योजनाएं हैं जो आम तौर पर हाई इंट्रस्ट रेट ऑफर करती हैं। अन्य  कमर्शियल बैंकों की तरह स्मॉल फाइनेंस बैंक प्रति बैंक प्रति जमाकर्ता 5 लाख रुपए तक की डिपोजिट अमाउंट का बीमा कवरेज फायदा भी ले सकते हैं।

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