Finance Ministry ने कहा, बढ़े टैक्स रेवेन्यू से भारत की 5 ट्रिलियन डॉलर की Economy बनने की राह होगी आसान

डायरेक्ट टैक्स कलेक्शन रिपोर्टिंग वर्ष में 14.10 लाख करोड़ रहा, जो कि बजट अनुमान से 3.02 लाख करोड़ रुपए अधिक है। वित्त वर्ष 2022 में प्रत्यक्ष कर संग्रह 49 फीसदी बढ़ा, जबकि अप्रत्यक्ष कर संग्रह 30 फीसदी बढ़ा। प्रत्यक्ष करों में, कॉर्पोरेट कर संग्रह में 56 फीसदी की वृद्धि हुई, जबकि व्यक्तिगत आयकर में 43 फीसदी की वृद्धि हुई।

Saurabh Sharma | Published : Apr 14, 2022 2:22 PM IST

बिजनेस डेस्क। वित्त मंत्रालय ने गुरुवार को कहा कि चालू वित्त वर्ष में में घोषित बजट में पूंजीगत व्यय पर ध्यान देने से मैन्युफेक्चरिंग और टैक्स रेवेन्यू कलेक्शन को बढ़ावा मिलेगा, जिससे भारत 5 ट्रिलियन डॉलर की इकोनॉमी बनने की राह पर रहेगा। मार्च में समाप्त होने वाले वित्तीय वर्ष 2021/22 में भारत का ग्रोस टैक्स कलेक्शन बढ़कर 27.07 लाख करोड़ (356.82 बिलियन डॉलर) हो गया, जो संशोधित लक्ष्य को व्यापक अंतर से पार कर गया।

27 लाख करोड़ रुपए हुआ था टैक्स कलेक्शन
मंत्रालय ने एक बयान में कहा कि भारत को एक ग्लोबल इकोनॉमिक पॉवरहाउस बनाने पर केंद्र सरकार का ध्यान और इस प्रतिबद्धता के लिए अपनाए गए उपायों की मेजबानी हाल के वर्षों में भारत की जीडीपी वृद्धि में प्रत्यक्ष रूप से रिफ्लेक्ट हुई है। फरवरी में, भारत की वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने वित्त वर्ष 22 के लिए 22.17 लाख करोड़ रुपए के पूर्व अनुमान से कर प्राप्तियों के लक्ष्य को बढ़ाकर 25.16 लाख करोड़ रुपए कर दिया था।

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पिछले साल हुआ था टैक्स कलेक्शन में इजाफा
इस बीच, डायरेक्ट टैक्स कलेक्शन रिपोर्टिंग वर्ष में 14.10 लाख करोड़ रहा, जो कि बजट अनुमान से 3.02 लाख करोड़ रुपए अधिक है। वित्त वर्ष 2022 में प्रत्यक्ष कर संग्रह 49 फीसदी बढ़ा, जबकि अप्रत्यक्ष कर संग्रह 30 फीसदी बढ़ा। प्रत्यक्ष करों में, कॉर्पोरेट कर संग्रह में 56 फीसदी की वृद्धि हुई, जबकि व्यक्तिगत आयकर में 43 फीसदी की वृद्धि हुई।

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इस पर दिया जाएगा जोर
मंत्रालय ने कहा कि कोविड-19 के कारण एक संक्षिप्त झटके के अलावा, सरकार ने हाल के वर्षों में सकल घरेलू उत्पाद की वृद्धि को 10 फीसदी से ऊपर बनाए रखा है। जीएसटी, अप्रत्यक्ष करों को एकत्र करने का एक सरल तरीका, भारत के सकल घरेलू उत्पाद को बढ़ावा देने वाला एक क्रांतिकारी कदम रहा है। मंत्रालय ने कहा कि वित्त वर्ष 2022-23 के केंद्रीय बजट में पूंजीगत व्यय पर जोर देने के साथ, आने वाले वर्षों में घरेलू विनिर्माण में वृद्धि के साथ-साथ रोजगार में वृद्धि देखने को मिलेगी। ये बदले में सीधे सरकारी खजाने में कर योगदान को बढ़ावा देंगे।

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