4 मई को ओपन होगा LIC IPO, आइए यहां पढ़ें इसके बारे में 10 अहम बातें

पिछले महीने भारतीय प्रतिभूति एवं विनिमय बोर्ड यानी सेबी ने एलआईसी के आईपीओ प्रस्ताव को मंजूरी दी थी। कंपनी ने बाजार नियामक के पास ड्राफ्ट रेड हेरिंग प्रॉस्पेक्टस दाखिल किया है।

Asianet News Hindi | Published : Apr 26, 2022 5:11 AM IST

LIC IPO: भारतीय जीवन बीमा निगम का बहुप्रतीक्षित आरंभिक सार्वजनिक निर्गम यानी आईपीओ 4 मई से सदस्यता के लिए खुलने की संभावना है। पिछले महीने भारतीय प्रतिभूति एवं विनिमय बोर्ड यानी सेबी ने एलआईसी के आईपीओ प्रस्ताव को मंजूरी दी थी। कंपनी ने बाजार नियामक के पास ड्राफ्ट रेड हेरिंग प्रॉस्पेक्टस दाखिल किया है। आइए आपको भी इस आईपीओ से संबंधित प्रमुख 10 बातों के बारे में बताते हैं।

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एलआईसी आईपीओ के बारे में 10 अहम बातें

1) एलआईसी आईपीओ सब्सक्रिप्शन के लिए 4 मई से 9 मई तक खुलेगा।

2) सरकार, जो पूरी तरह से बीमा दिग्गज की मालिक है, 3.5 फीसदी शेयर बेचने की योजना बना रही है।

3) एलआईसी ने बाजार की स्थिति को देखते हुए आईपीओ के साइज को 5 प्रतिशत से घटाकर 3.5 प्रतिशत कर दिया है। एलआईसी के आईपीओ के साइज को 5 फीसदी से घटाकर 3.5 फीसदी करने का प्रस्ताव रेड हेरिंग प्रॉस्पेक्टस (डीआरएचपी) के मसौदे में शनिवार को हुई बोर्ड की बैठक में रखा गया और इसे मंजूरी दी गई।

4) पॉलिसीधारकों और कर्मचारियों के लिए आरक्षण, और छूट, जारी करने की तारीख और निर्गम मूल्य बुधवार तक पता चल जाएगा।

5) एलआईसी आईपीओ को एंकर निवेशकों से 13,000 करोड़ रुपए मूल्य की निवेश प्रतिबद्धताएं मिली हैं, जो ऐसे निवेशकों को दिए गए शेयरों के मूल्य से दोगुने से अधिक है।

6) एलआईसी का मूल्य 6 ट्रिलियन रुपए है, जो सरकार के संशोधित अनुमानों के अनुसार, 5.39 ट्रिलियन रुपए के मूल एम्बेडेड मूल्य का सिर्फ 1.1 गुना है।

7) हालांकि, सरकार द्वारा सोमवार को सेबी के पास दाखिल किए गए अपडेटिड आईपीओ डॉक्युमेंट्स में एम्बेडेड मूल्य को भी संशोधित किया जा सकता है।

8) 13 अप्रैल को, सरकार ने एलआईसी के लिए प्रारंभिक शेयर बिक्री को आकर्षक बनाने के लिए जो मूल्यांकन चाहा है, उसे घटा दिया है।

9) एलआईसी के आईपीओ से सरकारी खजाने को 21,000 करोड़ रुपए मिलेंगे।

10) सरकार शुरू में 31 मार्च को समाप्त हुए पिछले वित्तीय वर्ष में एलआईसी को लिस्टिड करना चाहती थी, लेकिन रूस-यूक्रेन वॉर के बाद बाजार में गिरावट के बाद बिक्री में देरी हुई।

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