4 मई से 9 मई तक चलने वाला एलआईसी इश्यू 902 रुपए से 949 रुपए के प्राइस बैंड में बिका। खुदरा निवेशकों, कर्मचारियों और बीमाकर्ता के पॉलिसीधारकों की मजबूत मांग के कारण सोमवार को बोली लगाने के अंतिम दिन इश्यू को 2.95 गुना सब्सक्रिप्शन मिला।
बिजनेस डेस्क। लाइफ इंश्योरेंस कॉरपोरेशन (एलआईसी), जिसने हाल ही में भारत का अब तक का सबसे बड़ा पब्लिक इश्यू खत्म किया है, ने आईपीओ इश्यू प्राइस को इंडिकेटेड रेंज के टॉप-एंड पर 949 रुपए पर सेट किया है। 4 मई से 9 मई तक चलने वाला एलआईसी इश्यू 902 रुपए से 949 रुपए के प्राइस बैंड में बिका। खुदरा निवेशकों, कर्मचारियों और बीमाकर्ता के पॉलिसीधारकों की मजबूत मांग के कारण सोमवार को बोली लगाने के अंतिम दिन इश्यू को 2.95 गुना सब्सक्रिप्शन मिला।
कितनी मिली बोलियां
एक्सचेंज के आंकड़ों से पता चलता है कि बीमा दिग्गज द्वारा इश्यू को बिक्री पर (एंकर बुक को छोड़कर) 162 मिलियन शेयरों के मुकाबले 478.3 मिलियन शेयरों के लिए बोलियां मिलीं। इस मुद्दे को 7.3 मिलियन से अधिक आवेदन प्राप्त हुए, जिसने अनिल अंबानी की रिलायंस पॉवर शेयर बिक्री के 14 साल पुराने रिकॉर्ड को तोड़ दिया, जिसने 2008 में 4.8 मिलियन आवेदन प्राप्त किए।
17 को होगी लिस्टिंग
शुक्रवार को बोली लगाने वालों को शेयर आवंटन नहीं मिलने पर रिफंड की शुरुआत होगी। सोमवार को, शेयरों को पात्र निवेशकों को जमा किया जाएगा और स्टॉक की लिस्टिंग मंगलवार तक होने की संभावना है। एलआईसी घरेलू प्राथमिक बाजार में अब तक का सबसे बड़ा आईपीओ था क्योंकि सरकार ने कंपनी में 22.13 करोड़ शेयर या 3.5 प्रतिशत हिस्सेदारी बेची, जिसका मूल्य 6 लाख करोड़ रुपये था, जो 5.4 लाख करोड़ रुपये के एम्बेडेड मूल्य का लगभग 1.12 गुना था।
ग्रे मार्केट क्या दे रहा है संकेत
वहीं दूसरी ओर ग्रे मार्केट में एलआईसी का मार्केट का शेयर नेगेटिव रिटर्न का संकेत दे रहे हैं। बाजार जानकारों के अनुसार एलआईसी आईपीओ जीएमपी (ग्रे मार्केट प्रीमियम) घटकर माइनस 26 रुपए देखने को मिल रही है। एलआईसी का आईपीओ जीएमपी लगातार दूसरे दिन निगेटिव जोन में बना हुआ है। जानकारों की मानें तो 17 मई को होने वाली लिस्टिंग डिस्काउंट में देखने को मिल सकता है।
इस जीएमपी का क्या मतलब है?
बाजार पर्यवेक्षकों के अनुसार 12 मई को एलआईसी का आईपीओ जीएमपी माइनस 26 रुपए है। इसलिए एलआईसी आईपीओ लिस्टिंग लगभग 923 रुपये (949 रुपए - 26 रुपए) में होने की उम्मीद है। जो इसके 902 रुपए से 949 रुपए प्रति इक्विटी के प्राइस बैंड से लगभग 3 फीसदी कम है। इसका मतलब है कि अगर बाजार की धारणा नकारात्मक बनी रहती है तो एलआईसी के शेयरों में छूट वाली लिस्टिंग हो सकती है। हालांकि, जीएमपी एक अनौपचारिक डेटा है, जो गैर-विनियमित भी है, इसलिए, यह कंपनी की ठोस मौलिक तस्वीर नहीं दे सकता है या इसके शेयर वास्तव में कैसे लिस्टेड होंगे।