
8th Pay Commission Update: देशभर के 1 करोड़ से ज्यादा केंद्रीय कर्मचारियों और पेंशनर्स को बड़ी राहत मिलने वाली है। केंद्र सरकार ने संकेत दिए हैं कि 8वें वेतन आयोग को लेकर जल्द बड़ा फैसला लिया जा सकता है। केंद्रीय मंत्री डॉ. जितेंद्र सिंह ने आश्वासन दिया है कि राज्य सरकारों से चर्चा चल रही है और आयोग के गठन का औपचारिक ऐलान जल्द होगा। दरअसल, 8वां वेतन आयोग जनवरी 2025 में घोषित हुआ था, लेकिन अब तक इसके पैनल सदस्यों की नियुक्ति और टर्म ऑफ रिफरेंस (ToR) को लेकर देरी हो रही थी। कर्मचारियों का प्रतिनिधित्व करने वाले गवर्नमेंट एम्प्लॉइडज नेशनल कंफेडरेशन (GENC) ने 4 अगस्त 2025 को मंत्री डॉ. जितेंद्र सिंह से मुलाकात की और अपनी मांगों पर चर्चा की। कर्मचारियों ने आयोग गठन में हो रही देरी, NPS-UPS खत्म करने और पुरानी पेंशन स्कीम (OPS) बहाल करने की मांग रखी। आइए जानते हैं बैठक में उठे प्रमुख मुद्दे और सरकार का जवाब...
बैठक की शुरुआत इसी मुद्दे से हुई। कर्मचारी संगठनों ने साफ कहा कि आयोग का गठन जल्द से जल्द किया जाए। इस पर मंत्री डॉ. जितेंद्र सिंह ने भरोसा दिलाया कि राज्य सरकारों से बातचीत चल रही है और जल्द ही आयोग के गठन की घोषणा कर दी जाएगी।
संगठन ने राष्ट्रीय पेंशन प्रणाली (NPS) और यूनिफाइड पेंशन स्कीम (UPS) को खत्म करने की मांग रखी और पुरानी पेंशन योजना (OPS) की वापसी पर ज़ोर दिया। मंत्री ने इस विषय पर गंभीरता दिखाते हुए पेंशन सचिव के साथ GENC की तत्काल बैठक आयोजित करवाई।
कोविड-19 के दौरान 18 महीने के रुके हुए डीए एरियर्स की मांग कर्मचारियों ने ज़ोर-शोर से उठाई। हालांकि, सरकार ने साफ कर दिया कि इसे जारी करने का कोई विचार नहीं है। मतलब सरकार ने इस मांग को खारिज कर दिया है।
कर्मचारी संगठनों ने सहानुभूति नियुक्तियों के लिए 5% सीमा बढ़ाने की अपील की। मंत्री ने बताया कि यह सीमा कानूनी आदेशों से तय है और फिलहाल इसे बढ़ाना संभव नहीं है।
GENC ने कहा कि पेंशन बहाली 15 साल के बजाय 12 साल में होनी चाहिए। मंत्री ने जवाब दिया कि इस पर पहले ही विभाग अपना रुख स्पष्ट कर चुका है और इसमें बदलाव की कोई संभावना नहीं है।
पदोन्नति के लिए न्यूनतम अवधि कम करने की मांग पर मंत्री ने कहा कि इसे 8वें वेतन आयोग के गठन के बाद उसके समक्ष रखा जाएगा। हॉफ पे लीव को 3 दिन तक बिना मेडिकल सर्टिफिकेट के कम्यूटेड लीव में बदलने की मांग भी सामने आई। मंत्री ने इसे उचित मानते हुए संबंधित विभाग से जांच कराने का आश्वासन दिया।
कर्मचारियों ने शिकायत की कि CGHS और CS(MA) अस्पतालों में कैशलेस इलाज की सुविधा न होने से मुश्किलें आती हैं। इस पर मंत्री ने आश्वासन दिया कि स्वास्थ्य मंत्रालय से इस पर गंभीरता से चर्चा होगी।
JCM (Joint Consultation Mechanism) की बैठकें नियमित न होने पर संगठन ने सवाल उठाए। मंत्री ने कहा कि मंत्रालयों को पहले ही निर्देश दिए गए हैं और अब इसे और सख्ती से लागू किया जाएगा।
पूर्व सैनिकों की सैलरी तय करने और लीव इनकैशमैंट की समस्या भी बैठक में रखी गई। मंत्री ने कहा कि यह मामला फिलहाल विचाराधीन है और जल्द समाधान निकाला जाएगा।
फायर फाइटिंग स्टाफ जैसे सामान्य कैडर में एक समान भर्ती नियम बनाने की सलाह दी गई। मंत्री जितेंद्र सिंह ने इस पर सहमति जताते हुए कहा कि प्रस्ताव की गंभीरता से समीक्षा होगी।
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