ITR अब तक फाइल नहीं किया? जानिए क्यों 15 सितंबर तक इंतजार पड़ सकता है महंगा

Published : Sep 08, 2025, 02:18 PM IST
Income Tax Return Deadline

सार

Tax Filing Tips: आईटीआर फाइल करने में देर करने से कई तरह की समस्याएं हो सकती हैं। एक्सपर्ट्स सलाह देते हैं कि सितंबर 15 की एक्सटेंशन को डेडलाइन नहीं मानना चाहिए, जल्दी फाइल करना फायदेमंद हैं। इसमें देरी नुकसान करा सकती है। 

DID YOU KNOW ?
ITR डेडलाइन बाद जुर्माना
अगर आपकी टैक्सेबल इनकम ₹5 लाख से ज्यादा है, तो ₹5,000 की लेट फीस लगेगी। अगर टैक्सेबल इनकम ₹5 लाख से कम है, तो लेट फीस ₹1,000 होगी।

Income Tax Return Deadline: आईटीआर दाखिल करने की डेडलाइन अब करीब आ चुकी है। टैक्सपेयर्स को 15 सितंबर 2025 तक का समय मिला है। हालांकि, अभी भी बहुत से लोग ऐसे हैं, जो आईटीआर नहीं भर पाएं हैं। एक्सपर्ट्स का कहना है कि ऐसे लोगों को तुरंत अपना इनकम टैक्स रिटर्न दाखिल कर देना चाहिए। जल्दी आईटीआर फाइल करना फायदेमंद है। लास्ट डेट तक का इंतजार महंगा पड़ सकता है।

ITR देर से फाइल करने के नुकसान

एक्सपर्ट्स का कहना है, अगर आप ITR डेडलाइन के करीब फाइल करते हैं, तो दो बड़ी समस्याएं हैं। पहला, अगर कोई सेल्फ-एसेसमेंट टैक्स देना है, तो उस पर ब्याज बढ़ता रहेगा। दूसरा, रिफंड देर से मिलेगा। सिर्फ सैलरी इनकम वाले टैक्सपेयर्स ही नहीं, बल्कि जिनकी इनकम में बिजनेस, रेंट या कैपिटल गेन्स शामिल हैं, उन्हें एडवांस टैक्स भी भरना पड़ता है। अगर यह 10,000 रुपए से ज्यादा है और समय पर नहीं भरा गया, तो ब्याज लगेगा। आर्टिकल 234B के तहत, एडवांस टैक्स न भरने पर अप्रैल से रिटर्न फाइलिंग तक 1% प्रति माह ब्याज लगता है। वहीं, आर्टिकल 234C के तहत सालाना किस्तों में भुगतान न करने पर भी ब्याज लगता है।

लास्ट डेट तक ITR फाइल करने में रिस्क क्या है?

एक्सपर्ट्स के अनुसार, आमतौर पर डेडलाइन के पास पोर्टल पर भीड़ बढ़ जाती है। इस कारण टेक्निकल गड़बड़ियां और तीसरे पक्ष के सॉफ्टवेयर में AIS या TIS डेटा इंपोर्ट करने में दिक्कतें आ सकती हैं। IT विभाग लगातार AIS या TIS लिंक बदल रहा है ताकि पोर्टल पर लोड मैनेज किया जा सके। इसलिए, जब भी लिंक एक्टिव हो, तुरंत डाउनलोड करना चाहिए।

ITR जल्दी फाइल करने के कौन-कौन से फायदे हैं?

  • सेल्फ-एसेसमेंट टैक्स पर अतिरिक्त ब्याज से बच जाएंगे।
  • रिफंड जल्दी मिल सकता है।
  • पोर्टल स्लोडाउन और सॉफ्टवेयर गड़बड़ी से बच जाएंगे।
  • समय पर कंप्लायंस पूरा होगा।

ITR की डेडलाइन छूट जाए तो क्या करें?

  • सितंबर 15 के बाद भी बिलेटेड रिटर्न 31 दिसंबर 2025 तक फाइल किया जा सकता है।
  • अगर वह भी छूट जाए, तो अपडेटेड रिटर्न फाइल करने की सुविधा है, शर्तों के अनुसार।
  • लेट फाइलिंग के कारण फ्यूचर इनकम से सेट-ऑफ के लिए लॉस क्लेम नहीं किए जा सकते।

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