ITR Extension 2025: आईटीआर फाइलिंग में लेट यूटिलिटीज और ओवरलैपिंग डेडलाइन टैक्सपेयर के लिए चुनौती बन गई हैं। एक्सपर्ट्स का कहना है कि 15 सितंबर के बाद भी एक्सटेंशन संभव है, लेकिन सुरक्षित रहने के लिए जल्दी फाइल करना बेहतर है।
Income Tax Return 2025 : हर साल टैक्स फाइलिंग का सीजन टैक्सपेयर और चार्टर्ड अकाउंटेंट्स के लिए चैलेंजिंग होता है। लेकिन इस साल हालात पिछले सालों से काफी अलग हैं। लेट ITR यूटिलिटीज और कम समय ने टैक्सपेयर को चिंता में डाल दिया है। ऐसे में सवाल उठ रहा है कि क्या आईटीआर भरने की 15 सितंबर की डेडलाइन आगे बढ़ने वाली है? आइए जानते हैं एक्सपर्ट्स क्या कहते हैं...
ITR दाखिल करने की डेडलाइन क्यों बढ़ सकती है?
Moneycontrol ने एक्सपर्ट्स के हवाले से बताया है, हर टैक्स सीजन में फॉर्म्स और यूटिलिटीज का समय पर मिलना बेहद जरूरी होता है। पिछले साल की तुलना में 2025 में स्थिति काफी टाइट रही। ITR-1 से ITR-4 और ITR-6 अप्रैल 2024 में जारी हुए थे। ITR-5 मई में और ITR-7 जून में आए। इस साल ITR-2 और ITR-3 केवल 11 जुलाई को आए, जबकि ITR-5, ITR-6 और ITR-7 अगस्त में ही उपलब्ध हुए। CBDT ने गैर-ऑडिट मामलों की डेडलाइन 31 जुलाई से बढ़ाकर 15 सितंबर 2025 कर दी, लेकिन देर से यूटिलिटीज आने की वजह से टैक्सपेयर के पास फाइलिंग के लिए बहुत कम समय बचा।
ITR डेडलाइन को लेकर एक्सपर्ट्स का क्या कहना है?
मनीकंट्रोल ने CA प्रतिभा गोयल (Pratibha Goyal) के हवाले से बताया, 'लेट यूटिलिटीज ने टैक्सपेयर की प्लानिंग बिगाड़ दी है। डेडलाइन बढ़ना चाहिए ताकि लास्ट टाइम के हड़कंप से बचा जा सके।' SBHS & Associates के पार्टनर हिमांक सिंघला का कहना है, 'सितंबर में ओवरलैपिंग डेडलाइन और टैक्स ऑडिट रिपोर्ट्स की टाइम लिमिट ने स्थिति और कठिन कर दिया है।'
क्या इनकम टैक्स रिटर्न फाइल करने की लास्ट डेट बढ़ेगी?
CBDT ने मई 2025 में नॉन-ऑडिट ITR की डेडलाइन 15 सितंबर तक बढ़ाई थी। लेकिन यूटिलिटीज देर से आने की वजह से टैक्सपेयर इसका पूरा फायदा नहीं उठा पाए। एक्सपर्ट्स का कहना है कि 15 सितंबर के बाद भी एक्सटेंशन की संभावना बनी रह सकती है, ताकि लोग फाइलिंग आराम से कर सकें।
ITR देर से फाइल करने के रिस्क क्या हैं?
एक्सपर्ट्स के अनुसार, अंतिम समय पर फाइलिंग से इनकम टैक्स पोर्टल स्लो या फ्रीज हो सकता है। OTP या वैरिफिकेशन में तकनीकी गड़बड़ियां आम हैं। आखिरी समय में डॉक्यूमेंट्स करना तनाव और गलतियों का कारण बन सकता है। जल्दी फाइल करने से न सिर्फ गलतियों की आशंका कम होती है, बल्कि मानसिक तनाव भी घटता है।
आईटीआर फाइल करने को लेकर एक्सपर्ट्स की सलाह
- आईटीआर एक्सटेंशन का भरोसा न करें, यह जोखिम भरा है।
- पोर्टल क्रैश और OTP समस्याओं से बचने के लिए जल्दी आईटीआर दाखिल करें।
- इनकम और डिडक्शन प्रूफ समेत सभी डॉक्यूमेंट्स तैयार रखें।
- कॉम्प्लेक्स केस में CA या प्रोफेशनल सर्विस की मदद कर सकती है।
डिस्क्लेमर: यह आर्टिकल सिर्फ सामान्य जानकारी के लिए है। इसमें दी गई जानकारी टैक्सपेयर के अनुभव और एक्सपर्ट राय पर आधारित है। यह किसी भी व्यक्ति, कंपनी या संस्था के लिए कानूनी या वित्तीय सलाह का विकल्प नहीं है। ITR फाइलिंग या टैक्स से जुड़े किसी फैसले से पहले चार्टर्ड अकाउंटेंट (CA) या योग्य टैक्स प्रोफेशनल से सलाह जरूर लें।
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