Indian Space Economy: 2040 तक 8 लाख करोड़ होगी देश की स्पेस इकोनॉमी, रूस-चीन के बजाय भारत की ओर देख रही दुनिया

भारत ने चंद्रमा के साउथ पोल पर चंद्रयान-3 की सॉफ्ट लैंडिंग करा कर इतिहास रच दिया है। इसी बीच, मल्टीनेशनल मैनेजमेंट कंसल्टेंसी आर्थर डी लिटिल (ADL) ने अपनी रिपोर्ट में कहा है कि 2040 तक भारत की स्पेस इकोनॉमी 100 अरब डॉलर तक पहुंच सकती है।

Indian Space Economy: भारत ने चंद्रमा के साउथ पोल पर चंद्रयान-3 की सॉफ्ट लैंडिंग करा कर इतिहास रच दिया है। इसके साथ ही भारत ऐसा करने वाला दुनिया का पहला देश बन गया है। इस उपलब्धि से न सिर्फ भारतीय अंतरिक्ष एजेंसी ISRO का दबदबा बढ़ेगा, वहीं पूरी दुनिया कम खर्च में स्पेस मिशन लॉन्च करने के लिए भी अब भारत का रुख करेगी। इसी बीच, मल्टीनेशनल मैनेजमेंट कंसल्टेंसी आर्थर डी लिटिल (Arthur D. Little) ने अपनी रिपोर्ट में कहा है कि 2040 तक भारत की स्पेस इकोनॉमी 8 लाख करोड़ रुपए तक पहुंच सकती है।

मल्टीनेशनल मैनेजमेंट कंसल्टेंसी आर्थर डी लिटिल (Arthur D. Little) की रिपोर्ट 'स्पेस में भारत: 2040 तक 100 अरब डॉलर की इंडस्ट्री’ के मुताबिक, अगले 17 सालों में भारत की स्पेस इकोनॉमी 8 लाख करोड़ रुपए तक पहुंच सकती है। फिलहाल ये 66,400 करोड़ रुपए है। यानी अगले 17 साल में भारत की अंतरिक्ष अर्थव्यवस्था में 1150 फीसदी का उछाल आ सकता है।

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भारत की तरफ उम्मीद लगाए देख रही दुनिया

बता दें कि भारत के सफल चंद्रयान-3 मिशन के बाद अब पूरी दुनिया सस्ते अंतरिक्ष मिशन के लिए भारत की तरफ देख रही है। अब तक रूस और चीन कम लागत में स्पेस प्रोग्राम प्रोवाइड कराते थे, लेकिन भारत ने महज 615 करोड़ रुपए में चंद्रमा के दक्षिण ध्रुव पर चंद्रयान उतारकर एक नया रिकॉर्ड बना दिया है। इतने कम खर्च में सफल मिशन को अंजाम देने वाला भारत दुनिया का इकलौता देश बन गया है।

चंद्रयान की कामयाबी से भारत बनेगा वर्ल्ड लीडर

चंद्रयान-3 की कामयाबी से भारत पूरी दुनिया में वर्ल्ड लीडर बनकर उभरेगा। बता दें कि भारतीय स्पेस एजेंसी ISRO की उपग्रह भेजने का सक्सेस रेट 95 प्रतिशत है। साथ ही भारत के पास एक साथ कई सैटेलाइट को लॉन्च करने की भी क्षमता है और वो पहले ऐसा कर चुका है। ऐसे में हर कोई अपने सैटेलाइट लॉन्च करने और स्पेश मिशन के लिए भारत की तरफ रुख करेंगे।

4 साल में स्पेस स्टार्टअप की संख्या बढ़कर 28 गुना

बता दें कि पिछले 5 सालों में भारत के अंदर स्पेस स्टार्टअप की संख्या 28 गुना बढ़ चुकी है। कोरोना की शुरुआत के दौरान भारत में स्पेस स्टार्टअप की संख्या महज 5 थी, जो अब बढ़कर 140 हो चुकी है। पिछले साल स्पेस स्टार्टअप ने नए निवेश में करीब 990 करोड़ रुपए का फंड जुटाया है।

स्पेस इकोनॉमी के लिए लगातार बजट बढ़ा रही सरकार

भारत में स्पेस इकोनॉमी को बढ़ावा देने के लिए सरकार लगातार इसके बजट आवंटन में इजाफा कर रही है। वित्त वर्ष 2016-17 में स्पेस इकोनॉमी का बजट 7,510 करोड़ रुपए था, जो 2023-24 में बढ़ाकर 12,543 करोड़ रुपए कर दिया गया।

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