रिलायंस इंफ्रास्ट्रक्चर का बोर्ड 1 अक्टूबर को बैठक कर वित्तीय स्थिरता के लिए कदमों पर विचार करेगा, जिसमें पूंजी जुटाना भी शामिल है।
रिलायंस ग्रुप के चेयरमैन और मैनेजिंग डायरेक्टर अनिल अंबानी 1 अक्टूबर का इंतजार कर रहे हैं, जानते हैं क्यों... रिलायंस इंफ्रास्ट्रक्चर का मैनेजमेंट बोर्ड 1 अक्टूबर को बैठक करने वाला है। इस बैठक में बोर्ड लंबे समय तक वित्तीय स्थिरता सुनिश्चित करने के लिए कदमों पर विचार करेगा और उन्हें मंजूरी देगा। 19 सितंबर को हुई बोर्ड मीटिंग के बाद, कंपनी अब घरेलू और अंतरराष्ट्रीय बाजारों से पूंजी जुटाने पर ध्यान केंद्रित कर रही है।
1 अक्टूबर को होने वाली बैठक में, इक्विटी शेयरों/इक्विटी-लिंक्ड सिक्योरिटीज/ इक्विटी शेयरों में परिवर्तनीय वारंट के माध्यम से घरेलू और वैश्विक बाजारों से लंबी अवधि की पूंजी जुटाने पर विचार किया जाएगा। रिलायंस इंफ्रास्ट्रक्चर ने पिछले हफ्ते खुलासा किया था कि उनके बोर्ड ने लगभग 12.56 करोड़ इक्विटी शेयरों के तरजीही इश्यू के माध्यम से 3,014 करोड़ रुपये जुटाने को मंजूरी दे दी है।
शेयर बाजार में हाल ही में शानदार प्रदर्शन करने वाली दो कंपनियां अनिल अंबानी की हैं। रिलायंस पावर और रिलायंस इंफ्रास्ट्रक्चर। रिलायंस पावर का पूरी तरह से कर्ज मुक्त कंपनी बनना और रिलायंस इंफ्रा द्वारा 3831 करोड़ रुपये के कर्ज चुकाने से दोनों कंपनियों के शेयरों को फायदा हुआ है।
रिलायंस पावर ने स्टॉक एक्सचेंज में अपनी रेगुलेटरी फाइलिंग में 3872.04 करोड़ रुपये के बकाया कर्ज को चुकाने की जानकारी दी। इस खबर के बाद, रिलायंस पावर का शेयर 5 प्रतिशत बढ़कर 32.97 रुपये पर पहुंच गया। रिलायंस पावर निजी क्षेत्र की बिजली उत्पादन कंपनियों में देश की अग्रणी कंपनियों में से एक है। कंपनी कोयला, गैस, जलविद्युत और नवीकरणीय ऊर्जा आधारित परियोजनाओं के माध्यम से 5300 मेगावाट बिजली का उत्पादन करती है।