अचानक पैसों की जरूरत हो तो गोल्ड लोन एक आसान विकल्प हो सकता है, लेकिन यह जानना जरूरी है कि यह पर्सनल लोन से कैसे अलग है और इसके फायदे और नुकसान क्या हैं?
बिजनेस डेस्क : सोने की कीमतें लगातार बढ़ रही हैं। ऐसे में अगर पैसों की अचानक से जरूरत पड़ जाए तो आप गोल्ड लोन (Gold Loan) ले सकते हैं। यह काफी आसानी से मिल जाता है और पर्सनल लोन से सस्ता भी पड़ता है। रिपोर्ट्स के अनुसार, बैंकों और NBFC से मिलने वाला गोल्ड लोन सालान आधार पर 8.45% बढ़ रहा है। क्रेडिट रेटिंग एजेंसी ICRA लिमिटेड का अनुमान है कि आने वाले 3 साल में गोल्ड लोन 15 लाख करोड़ रुपए तक बांटा जा सकता है। ऐसे में आइए जानते हैं गोल्ड लोन लेना क्यों अच्छा हो सकता है, इसे लेने से पहले किन बातों का ध्यान रखना चाहिए...
पर्सनल लोन vs गोल्ड लोन
गोल्ड लोन लेने के फायदे
Gold Loan लेते समय सावधानियां
गोल्ड लोन हमेशा किसी प्रतिष्ठित लेंडर से ही लें, जिनके पास सुरक्षित स्टोरेज, लॉकर फैसिलिटी या इंश्योर्ड वॉल्ट जैसी सुविधाएं हो, क्योंकि आपका गिरवी रखा सोना कितना सुरक्षित है, यह सुनिश्चित करना सबसे महत्वपूर्ण होता है। गोल्ड लोन लेने से पहले ब्याज दर, प्रोसेसिंग फीस, लोन चुकाने की शर्तें और लोन-टू-वैल्यू रेशियो पर जरूर ध्यान दें।
गोल्ड लोन कितना और कितने समय के लिए ले सकते हैं
1 लाख के सोने के मूल्य पर 90,000 रुपए तक का गोल्ड लोन मिलता है। एसबीआई मिनिमम 1,500 और अधिकतम 50 लाख रुपए तक गोल्ड लोन देता है। बाकी गोल्ड लोन की मैक्सिमम वैल्यू अलग-अलग फर्म के आधार पर अलग-अलग हो सकती है। गोल्ड लोन चुकाने का समय 2-3 साल तक का होता है। हालांकि, यह बैंक और लोन देने वाले फर्म पर भी डिपेंड करता है।
गोल्ड लोन चुकाना का तरीका और न चुकाने पर क्या होगा
बैंक लोन और ब्याज रीपेमेंट करने के लिए कई ऑप्शन देते हैं। आप सुविधा के हिसाब से कोई चुन सकते हैं। आप चाहें तो EMI में लोन चुका सकते हैं। एकमुश्त भी पूरा लोन चुका सकते हैं। अगर आप समय पर अपना लोन नहीं दे पा रहे हैं तो बैंक के पास आपके सोने को बेचने का अधिकार है। अगर सोने की कीमत गिर जाती है तो आपसे एक्स्ट्रा सोना भी रखने को कह सकती है।
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