अनिल अंबानी न करते ये 7 बड़ी गलतियां, तो उनके सामने मुकेश अंबानी भी नहीं टिकते !

रिलायंस ग्रुप का बंटवारा होने के बाद अनिल अंबानी के पास आरकॉम, रिलायंस कैपिटल, रिलायंस एनर्जी और रिलायंस नेचुरल रिसोर्सेज जैसी कंपनियां थीं, लेकिन कुछ ही सालों में उनकी गलतियों से इन कंपनियों की हालत खराब होती गई।

 

Satyam Bhardwaj | Published : Aug 23, 2024 12:17 PM IST

बिजनेस डेस्क :मार्केट रेगुलेटर सेबी (SEBI) ने फंड की गड़बड़ी को लेकर अनिल अंबानी (Anil Ambani) को शेयर मार्केट से 5 साल के लिए बैन कर दिया है। उन पर 25 करोड़ रुपए का जुर्माना भी लगाया है। उन्हें किसी भी लिस्टेड कंपनी में डायरेक्टर रहने पर भी रोक लगा दिया है। सेबी के एक्शन के बाद अनिल अंबानी की कंपनी रिलायंस इंफ्रा, रिलायंस होम फाइनेंस और रिलायंस पावर के शेयरों में गिरावट आई है। रिलायंस इंफ्रा करीब 14%, रिलायंस होम फाइनेंस 5.12% और रिलायंस पावर में 5.01% की गिरावट आई है। अनिल अंबानी साल 1983 में रिलायंस से जुड़े थे। 2002 में धीरूभाई अंबानी के निधन के बाद कंपनी के मैनेजिंग डायरेक्टर बने। 2005 में मुकेश अंबानी और उनका बंटवारा हो गया। तब उनके पास बड़े भाई मुकेश अंबानी (Mukesh Ambani) से भी ज्यादा संपत्ति थी लेकिन उन्होंने ऐसी कौन सी गलती कर दी कि आज पूरी तरह फ्लॉप हो गए हैं। यहां जानिए...

नए जमाने के बिजनेसमैन थे अनिल अंबानी

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जब 2005 में रिलायंस ग्रुप (Reliance Group) का बंटवारा हुआ था, तब बड़े भाई मुकेश अंबानी के हिस्से में पेट्रोकेमिकल, टेक्सटाइल रिफाइनरी और तेल गैस जैसे पुराने बिजनेस आए थे, जबकि अनिल अंबानी के हिस्से में टेलीकॉम, फाइनेंस और एनर्जी कारोबार आया, जो नए जमाने के बिजनेस थे। साल 2006 में अनिल अंबानी, लक्ष्मी मित्तल और अजीम प्रेमजी के बाद भारत के तीसरे सबसे अमीर बिजनेसमैन थे। तब उनकी नेटवर्थ मुकेश अंबानी से 550 करोड़ रुपए ज्यादा थी। हालांकि, इसका कुछ खास कमाल नहीं दिखा और आज मुकेश अंबानी अर्श और अनिल अंबानी फर्श पर पहुंच गए हैं।

अनिल अंबानी की 5 गलतियां

1. जब रिलायंस ग्रुप का बंटवारा हुआ तब अनिल अंबानी के पास टेलीकॉम, एनर्जी और फाइनेंस जैसे कारोबार मिले लेकिन बहुत जल्दबाजी में बिना किसी सटीक प्लानिंग के आगे बढ़ने के लिए कई कदम उठाए, जो लाभ की बजाय उन पर भारी पड़ गए।

2. अनिल अंबानी ने बिना तैयारी के बैक टू बैक नए प्रोजेक्ट्स में पैसे लगाए, जिससे उनके ऊपर कर्ज बढ़ता गया और मुसीबतें बढ़ती गईं।

3. बिजनेस की दुनिया का किंग बनने के लिए अनिल अंबानी ने तब एनर्जी से लेकर टेलीकॉम सेक्टर के जिन प्रोजेक्ट्स पर पैसा खर्च कर रहे थे, उनमें लागत अनुमान कहीं ज्यादा थे और रिटर्न न के बराबर। बावजूद इसके उन्होंने अपनी रणनीति में बदलाव करने में देरी की।

4. कई एक्सपर्ट्स का मानना है कि अनिल अंबानी आज जिस जगह हैं, उसका एक बड़ा कारण है कि उनका पूरा फोकस कभी एक कारोबार पर रहा ही नहीं। वे एक से दूसरे बिजनेस की ओर जाते रहे।

5. जब अनिल अंबानी ने बिना सोचे-समझे प्रोजेक्ट्स में पैसे लगाए तो उ्हें पूरे करने के लिए एडिशनल एक्विटी और देनदारों से कर्ज लेना पड़ा। लागत लगातार बढ़ती गई और रिटर्न के नाम पर कुछ हाथ नहीं आया, इससे कर्ज का बोझ बढ़ता ही गया। जिससे उनकी कई कंपनियां बिकने के कगार पर पहुंच गईं।

6. अनिल अंबानी ने अधिकांश फैसले महत्वाकांक्षा के चक्कर में लिए। वह बिना किसी रणनीति के कॉम्‍पिटीशन को देखते हुए किसी भी कारोबार में कूद जाते थे। जिसका परिणाम रहा कि 2008 की ग्लोबल मंदी में उन पर इतना कर्ज हो गया कि दोबारा से संभलने का मौका ही नहीं दिया।

7. कई एक्सपर्ट्स का मानना है कि मुकेश अंबानी गंभीर और प्लानिंग बेस्ड काम करने में विश्वास करते हैं। वे किसी भी प्रोजेक्ट में जाने से पहले पूरी डिटेल्स लेते हैं और फिर सोच-समझकर ही आगे बढ़ते हैं लेकिन अनिल अंबानी हाईप्रोफाइल लाइफस्टाइल और मॉडर्न तौर-तरीकों के चक्कर में भरोसा करते हैं।

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