Bangladesh Crisis : नए प्रधानमंत्री को क्यों कहा जाता है 'गरीबों का बैंकर'?

बांग्लादेश की आवाम की डिमांड पर नोबेल पुरस्कार विजेता मोहम्मद यूनुस को प्रधानमंत्री बनाया जाएगा। लेकिन कम ही लोग जानते हैं कि कौन वह कौन है। उन्हें मोहम्मद यूनुस को गरीबों का बैंकर भी कहा जाता है।

बिजनेस डेस्क. बांग्लादेश में तख्तापलट के बाद पूर्व प्रधानमंत्री शेख हसीना बांग्लादेश छोड़ भारत आ गई है। लेकिन अब बांग्लादेश का नया प्रधानमंत्री कौन बनेगा इस पर से भी पर्दा उठ गया है। अब बांग्लादेश की आवाम की डिमांड पर नोबेल पुरस्कार विजेता मोहम्मद यूनुस को प्रधानमंत्री बनाया जाएगा। लेकिन कम ही लोग जानते हैं कि कौन वह कौन है। तो हम आपको बताने जा रहे है कि वह कौन थे और उनकी क्या उपलब्धियां हैं।

बांग्लादेश का सरकारी नेटवर्क तैयार किया था

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मोहम्मद यूनुस बांग्लादेश में प्रीपेड मोबाइल सर्विस शुरू करने वाले शख्स थे। उन्होंने ग्रामीण टेलीकॉम नाम की कंपनी की नींव रखी थी। ग्रामीण टेलीकॉम की, ग्रामीण फोन में 34.20% हिस्सेदारी है। अब यह बांग्लादेश की सबसे बड़ी टेलीकॉम कंपनी है। वहां की टेलीकॉम कंपनियों में इस कंपनी की हिस्सेदारी 48% है। इसके 8 करोड़ से ज्यादा ग्राहक है।

बांग्लादेश का पहला ग्रामीण बैंक खोला

बांग्लादेश के मोहम्मद यूनुस ने साल 1983 में ग्रामीण बैंक की स्थापना की थी। इसमें गरीब महिलाओं को बिना गारंटी के लोन देने की सुविधा दी गई थी। इस माइक्रोफाइनेंस मॉडल के जरिए गरीब महिलाओं की आर्थिक स्थिति में सुधार आया था। मीडिया रिपोर्ट्स के मुताबिक, इस बैंक ने बीते 40 सालों में एक करोड़ से ज्यादा गरीबों को 3.1 लाख करोड़ रुपए का लोन दे चुका है। इसमें ज्यादातर महिलाएं हैं। इसलिए उन्हें मोहम्मद यूनुस को गरीबों का बैंकर भी कहा जाता है। गरीबी मिटाने के लिए उन्हें और ग्रामीण बैंक को साल 2006 में नोबेल शांति पुरस्कार से नवाजा गया था।

 मोहम्मद यूनुस ने की थी GTC की स्थापना

ग्रामीण टेलीकॉम कंपनी यानी GTC की स्थापना  मोहम्मद यूनुस ने 16 अक्टूबर 1995 को की थी। इसे बांग्लादेश के कंपनी अधिनियम, 1994 की धारा 28 के तहत   गैर-लाभकारी कंपनी के तौर पर रजिस्टर्ड किया गया था।

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