
Low Risk Investment Options : आज के समय में पैसे को सही जगह लगाना बेहद जरूरी है, लेकिन ज्यादातर लोग कंफ्यूज हैं कि आखिर कहां इन्वेस्ट करें? ऐसा निवेश जो सेफ हो, बिना ज्यादा रिस्क के अच्छा मुनाफा दे। खासकर तब जब मार्केट में उतार-चढ़ाव आम बात हो। अगर आप भी अपने पैसे को बढ़ाने के लिए ऐसे ऑप्शंस ढूंढ रहे हैं जो रिस्क कम और रिटर्न देते रहें तो यह आर्टिकल आपके लिए है। यहां जानिए भारत के सबसे भरोसेमंद और सेफ इन्वेस्टमेंट ऑप्शंस, जो आपके फ्यूचर को मजबूत बनाएंगे।
PPF (Public Provident Fund) देश में सबसे पॉपुलर, भरोसेमंद और सुरक्षित निवेश ऑप्शन में से एक है। यह सरकार सपोर्टेड योजना है, जिसमें आपका पैसा 15 साल के लिए लॉक रहता है। इसमें अभी 7.1% का गारंटेड ब्याज मिलता है। इसके साथ ही निवेश पूरी तरह रिस्क फ्री है। इसका ब्याज हर साल कंपाउंड होता है। यानी ब्याज पर ब्याज मिलता है। यही कंपाउंडिंग की ताकत इसे बेहद खास बनाती है। इसमें मिलने वाला ब्याज और मेच्योरिटी पर मिलने वाला फंड टैक्स-फ्री होता है। इस स्कीम में आप हर साल कम से कम 500 रुपए और ज्यादा से ज्यादा 1.5 लाख रुपए तक निवेश कर सकते हैं।
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एफडी यानी फिक्स्ड डिपॉजिट एक ऐसा इन्वेस्टमेंट ऑप्शन है, जिसमें आप अपना पैसा एक तय समय के लिए बैंक में जमा करते हैं, जो 7 दिन से लेकर 10 साल तक हो सकता है। इसमें बैंक आपको फिक्स ब्याज दर पर रिटर्न देता है। 6% से 7.5% तक का ब्याज मिलता है, जिसे बैंक तय करते हैं। एफडी के सबसे फायदे की बात करें तो ब्याज दर फिक्स होता है, जिससे मार्केट के उतार-चढ़ाव का कोई असर नहीं पड़ता है। DICGC (डिपॉजिट इंश्योरेंस एंड क्रेडिट गारंटी कॉर्पोरेशन) 5 लाख रुपए तक के डिपॉजिट को इंश्योर करता है, यानी अगर कोई बैंक डिफॉल्ट करता है, तो भी 5 लाख रुपए की रकम तक आपका पैसा सेफ है।
एनपीएस (National Pension System) सरकार की एक स्वैच्छिक और लॉन्ग टर्म रिटायरमेंट सेविंग स्कीम है। इसके तहत कोई भी भारतीय नागरिक अपनी रिटायरमेंट के बाद की फाइनेंशियल जरूरतों को पूरा करने के लिए रेगुलर तौर से पैसे जमा कर सकता है। इसके तहत एक एनपीएस अकाउंट खोला जाता है, जिसमें व्यक्ति खुद या उसकी कंपनी रेगुलर तौर से पैसे जमा कर सकती है। यह योगदान कर्मचारी की बेसिक सैलरी और महंगाई भत्ता (DA) से किया जाता है। कंपनी का योगदान इनकम टैक्स एक्ट की धारा 80CCD(2) के तहत टैक्स छूट में आता है। म्यूचुअल फंड मैनेजर्स के मुताबिक, 8-10% तक रिटर्न मिलता है।
सॉवरेन गोल्ड बॉन्ड्स (SGB) बंद होने के बाद गोल्ड ETF को एक्सपर्ट्स अच्छा इन्वेस्टमेंट मानते हैं। यह एक तरह का ओपन एंडेड म्यूचुअल फंड है, जो सोने के गिरते-चढ़ते भाव पर बेस्ड होता है। इसमें सोने के डिजिटल फॉर्म में निवेश किया जाता है। इसके लिए डीमैट अकाउंट होना जरूरी होता है। गोल्ड ईटीएफ में सोना यूनिट्स में खरीदा जाता है, जिसमें एक यूनिट का मतलब एक ग्राम होता है। इसमें कम मात्रा में सोना खरीद सकते हैं। इसे शेयर की तरह कभी भी खरीद और बेच सकते हैं। डीमैट अकाउंट होने से सोना पूरी तरह सुरक्षित होता है। इसमें मेकिंग चार्ज और स्टोरेज चार्ज नहीं देना पड़ता है। इसमें सोने की शुद्धता की गारंटी 99.5% होता है।
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म्यूचुअल फंड्स अलग-अलग एसेट्स में निवेश करते हैं। अगर आप थोड़ा रिस्क उठा सकते हैं तो डेब्ट म्यूचुअल फंड्स आपके लिए सही हो सकते हैं। इसमें 6% से 12% तक रिटर्न मिल सकता है, जो फंड पर निर्भर करता है। इसका फायदा ये है कि एक्सपर्ट्स इसे मैनेज करते हैं और निवेश का आसान विकल्प है। इसमें रिस्क इक्विटी फंड्स से कम और फिक्स्ड इनकम विकल्पों से ज्यादा है। हालांकि, म्यूचुअल फंड्स में निवेश से पहले मार्केट एक्सपर्ट की सलाह जरूर लेना चाहिए।
पोस्ट ऑफिस मंथली इनकम अकाउंट भारत सरकार की सुरक्षित बचत योजना है, जो हर महीने नियमित आय देती है। यह खासकर रिटायर, बुजुर्ग और जोखिम से बचने वाले लोगों के लिए फायदेमंद है। इस योजना में सालाना ब्याज को 12 हिस्सों में बांटा जाता है, जो हर महीने आपके खाते में जमा होता है। जैसे- 9 लाख रुपए के निवेश पर 7.4% ब्याज के अनुसार सालाना करीब 66,600 रुपए ब्याज मिलेगा, यानी महीने में लगभग 5,550 रुपए। जॉइंट अकाउंट में निवेश बढ़ाने पर मंथली इनकम भी बढ़ती है।