
Salary Saving Tips : क्या आपकी भी सैलरी आते ही उड़ जाती है? बचत के नाम पर हाथ में कुछ नहीं बचता है? सेविंग्स करना तो चाहते हैं, लेकिन लाइफस्टाइल नहीं बदलना चाहते? अगर हां, तो आप अकेले नहीं हैं। S&P ग्लोबल फिनलिट की रिपोर्ट बताती है कि भारत में 24% लोग ही फाइनेंशियली स्मार्ट हैं। मतलब, ज्यादातर लोग पैसों का सही इस्तेमाल और सेविंग्स करना नहीं जानते हैं। इस आर्टिकल में जानिए कैसे आप अपनी आदतों और शौक से कंप्रोमाइज किए बिना बड़े ही सिंपल और प्रैक्टिकल तरीके से सैलरी से हर महीने पैसे बचा सकते हैं..
अपने हर महीने के खर्चों का एक बजट बनाना सबसे पहला और जरूरी कदम है। अपनी इनकम के अनुसार जरूरी खर्चे जैसे रेंट, बिल, राशन और गैर-जरूरी खर्च जैसे बाहर खाना, शॉपिंग को अलग करें। हर खर्च को नोट करें और देखें कि कहां बचत की गुंजाइश है। आप चाहें तो कुछ स्मार्टफोन ऐप्स की हेल्प से भी खर्चों को ट्रैक कर सकते हैं। एक्सपर्ट्स कहते हैं, सिर्फ जरूरी खर्चों को ही प्रॉयरिटी दें, गैर-जरूरी खर्चों को कंट्रोल करें। इससे आपकी लाइफस्टाइल भी नहीं बदलेगी और सेविंग में भी हेल्प मिलेगी।
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खरीदारी के समय कुछ स्मार्ट फैसले लेने से महीने के खर्च में काफी बचत होती है। डिस्काउंट, कैशबैक ऑफर्स और कूपन का इस्तेमाल जरूर करें। महंगे ब्रांड की बजाय क्वालिटी प्रोडक्ट्स को चुनें। ऑनलाइन शॉपिंग से पहले प्राइस कम्पैरिजन जरूर करें। बड़े खर्च के लिए EMI या इंस्टॉलमेंट प्लान लें, जिससे पैसों का मैनेजमेंट आसान हो।
कई बार छोटे-छोटे एक्स्ट्रा खर्च हम नोटिस ही नहीं करते हैं। अनावश्यक सब्सक्रिप्शन्स जैसे OTT, मैगजीन जैसी चीजों पर नजर रखें। जब भी बाहर खाना हो, तो ऑफर्स या डिल्स का फायदा उठाएं। बिजली, पानी जैसे बिल बचाने के लिए छोटे-छोटे कदम अपनाएं जैसे LED लाइट, फालतू डिवाइसेज बंद करें।
अपने सैलरी अकाउंट से हर महीने एक तय राशि को सेविंग अकाउंट में ऑटोमैटिक ट्रांसफर कर दें। इससे पैसों को खर्च करने का मौका कम मिलता है। आप Recurring Deposit (RD) या 'सैलरी सेविंग प्लान' में भी निवेश कर सकते हैं।
एक इमरजेंसी फंड जरूर बनाएं। इमरजेंसी फंड में 3-6 महीने का खर्च रखें। यह फंड जरूरत पड़ने पर ही निकालें, जिससे आपके बाकी सेविंग्स सुरक्षित रहें। यह फंड कई बार बड़ी प्रॉब्लम्स में काफी काम आता है।
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अपनी सैलरी में से कुछ पैसे इन्वेस्ट करें, जिससे आपकी सेविंग्स बढ़े और पैसा भी काम करे। PPF, SIP या पोस्ट-ऑफिस स्कीम्स में छोटे-छोटे अमाउंट से इन्वेस्ट करें। इस तरह आप बिना बड़ी लाइफस्टाइल चेंज किए पैसे बचा पाएंगे।
सेविंग्स का मतलब यह बिल्कुल भी नहीं कि आप अपने शौक, खुशी या आराम छोड़ दें। अपने शौक के लिए थोड़ा बजट जरूर रखें लेकिन डिसिप्लिन के साथ खर्च करें ताकि सेविंग्स भी होती रहे।
अगर अपने पैसे सही तरह से मैनेज नहीं कर पा रहे हैं तो 50:30:20 का फॉर्मूला अपनाएं। 50% जरूरी खर्चों के लिए (राशन, बिल, किराया और अन्य), 30% अपनी इच्छाओं और शौकों के लिए (एंटरटेनमेंट, शॉपिंग, खाना-पीना) और 20% सेविंग्स और इन्वेस्टमेंट के लिए रखें। इस फॉर्मूले से आप बिना लाइफस्टाइल बदले भी बचत कर सकते हैं और शौक भी पूरा कर सकते हैं।