BSE, Angel One शेयरों में बिकवाली की आंधी, जानें क्यों हिले कैपिटल मार्केट स्टॉक्स

Published : Aug 21, 2025, 02:22 PM IST

Capital Market Stocks Crash : कैपिटल मार्केट स्टॉक्स आज गुरुवार,21 अगस्त को बुरी तरह टूट गए। BSE, Angel One और मोतीलाल ओसवाल फाइनेंशियल सर्विसेज के शेयरों में इंट्राडे में 6% तक की गिरावट देखने को मिली। आइए जानते हैं इसके पीछे का कारण...  

PREV
15
BSE और अन्य कैपिटल मार्केट स्टॉक्स क्यों गिरे?

SEBI (भारतीय प्रतिभूति और विनिमय बोर्ड) के चेयरमैन तुहिन कांता पांडे (Tuhin Kanta Pandey) का बड़ा बयान सामने आया, जिसमें उन्होंने इक्विटी डेरिवेटिव कॉन्ट्रैक्ट्स की मैच्योरिटी और टेन्योर बढ़ाने की तैयारी की बात कही। इसके बाद कैपिटल मार्केट स्टॉक्स में जोरदार गिरावट आई।

25
कौन-कौन से स्टॉक्स में बिकवाली?

BSE शेयर प्राइस 6.66% टूटकर 2,354.90 रुपए तक पहुंचा। एंजल वन शेयर 7% की गिरावट के साथ 2,538.40 रुपए पर आया और मोतीलाल ओसवाल शेयर करीब 3% गिरकर 933.85 रुपए पर पहुंचा। मार्केट एक्सपर्ट्स के मुताबिक, डेरिवेटिव ट्रेडिंग वॉल्यूम पर असर पड़ने की आशंका से निवेशकों ने तेजी से प्रॉफिट बुकिंग शुरू कर दी।

35
SEBI चीफ ने क्या कहा?

FICCI कैपिटल मार्केट्स कॉन्फ्रेंस में बोलते हुए सेबी चेयरमैन तुहिन कान्त पांडे ने कहा, 'हम स्टेकहोल्डर्स से कंसल्ट करेंगे ताकि डेरिवेटिव प्रोडक्ट्स की क्वालिटी और मैच्योरिटी प्रोफाइल में सुधार हो सके। इससे हेजिंग और लॉन्ग-टर्म इन्वेस्टिंग को मजबूती मिलेगी।' उन्होंने साफ किया कि डेरिवेटिव्स कैपिटल फॉर्मेशन में अहम रोल निभाते हैं, लेकिन मार्केट में बैलेंस और क्वालिटी बनाए रखना जरूरी है। इस पर जल्द ही एक कंसल्टेशन पेपर जारी होगा।

45
निवेशकों की चिंता क्यों बढ़ी?

एक्सचेंज और ब्रोकरेज कंपनियां अपनी आय का बड़ा हिस्सा शॉर्ट-टर्म और हाई-फ्रिक्वेंसी ट्रेडिंग से कमाती हैं। रॉयटर्स के अनुसार, BSE की 50% से ज्यादा और एंजल वन की 75% आय डेरिवेटिव ट्रेडिंग से आती है। अगर कॉन्ट्रैक्ट टेन्योर लंबा हुआ तो साप्ताहिक कॉन्ट्रैक्ट्स की वॉल्यूम गिर सकती है। यही वजह रही कि निवेशकों ने घबराकर अपने पोजीशन काट दिए।

55
सेबी ने पहले क्या किया था?

सेबी के पहले के उठाए गए कदम की बात करें तो डेरिवेटिव कॉन्ट्रैक्ट की एक्सपायरी लिमिट घटाई। लॉट साइज बढ़ाया, ताकि ट्रेड महंगे हो सकें। एक स्टडी में पाया गया कि 90% से ज्यादा रिटेल ट्रेडर्स डेरिवेटिव्स में घाटा उठाते हैं। मार्केट एक्सपर्ट्स के अनुसार, 'अगर कॉन्ट्रैक्ट टेन्योर बढ़ाए गए तो वॉल्यूम वीकली प्रोडक्ट्स से हटकर लंबे कॉन्ट्रैक्ट्स की ओर शिफ्ट होंगे। इससे एक्सचेंज, ब्रोकर्स और मार्केट लिक्विडिटी पर सीधा असर पड़ेगा।'

डिस्क्लेमर: यह आर्टिकल सिर्फ जानकारी के लिए है। यहां दी गई जानकारी को किसी भी तरह की निवेश सलाह (Investment Advice) न समझें। स्टॉक मार्केट में निवेश जोखिमों के अधीन है। निवेश से पहले अपने फाइनेंशियल एडवाइजर से सलाह जरूर लें।

Read more Photos on

Recommended Stories