उम्मीद की जा रही थी कि पूरी दुनिया में डिजिटल करेंसी के तेजी से बढ़ते चलन के बाद भारत में Cryptocurrency को लीगल किया जा सकता है। हालांकि, बजट में क्रिप्टो को किसी प्रकार की तवज्जो नहीं दी गई।
बिजनेस डेस्क. पिछले एक वर्ष से क्रिप्टो का बाजार बुरी तरह से गिरा हुआ था पर मोदी सरकार के आम बजट की घोषणा से कुछ ही दिन पहले क्रिप्टो बाजार में तेजी देखने को मिली। क्रिप्टो में निवेश करने वाले देश के करोड़ों लोगों को उम्मीद थी कि इस बजट में क्रिप्टो को लीगल किया जा सकता है। हालांकि, सभी क्रिप्टो निवेशकों की उम्मीदों पर फिलहाल पानी फिर गया है।
क्रिप्टो को कब किया जाएगा लीगल?
पिछले वर्ष सरकार द्वारा क्रिप्टो पर 30% टैक्स लगाए जाने के बाद क्रिप्टो निवेशकों ने हाथ खड़े कर दिए थे। इसका सीधा असर दुनियाभर की क्रिप्टो करेंसी पर देखने को मिला था, जिसमें भारतीय निवेश कर रहे थे। इतने भारी-भरकम टैक्स की वजह से ये माना जाने लगा था कि सरकार क्रिप्टाे को बैन ही कर देना चाहती है। हालांकि, सरकार की मंशा थी कि इसे रेगुलराइज करने के पहले तक इसपर टैक्स लगाकर रखा जाए। वहीं इस बजट में उम्मीद की जा रही थी कि वित्त मंत्री इसे लीगल करने की घोषणा कर सकती हैं।
क्रिप्टो के मुनाफे पर लगा था ये टैक्स
2022 में बजट के दौरान वित्त मंत्री ने क्रिप्टोकरेंसी के प्रॉफिट पर 30 प्रतिशत टैक्स लगाने की बात कही थी। यानी अगर आपको क्रिप्टो से 1 हजार रुपए का फायदा होता तो 300 रु आपको टैक्स के रूप में चुकाने होते। इसके साथ-साथ एक प्रतिशत टीडीएस भी इसमें जोड़ा गया था। ऐसे में क्रिप्टो निवेशकों के लिए ये घाटे का सौदा बन गया।
क्या क्रिप्टो को ‘करेंसी’ मानेगी सरकार?
पिछले साल वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने बजट भाषण के दौरान साफ कहा था कि भारत में क्रिप्टो को करेंसी का दर्जा नहीं दिया गया है। इसलिए इसे लेनदेन में इस्तेमाल नहीं किया जा सकता। इसे करेंसी तभी माना जा सकता है जब केंद्रीय बैंक की ओर से इसे जारी किया जाए। वित्त मंत्री ने इसके बाद क्रिप्टो को रेगुलराइज करने की व्यवस्था लाने की बात कही थी। अब जब बजट में इसे लेकर कोई घोषणा नहीं हुई है, तो सवाल उठता है क्या इसे सरकार लीगल करेगी या क्रिप्टो का भविष्य भी अधर में लटक जाएगा?