सीनियर सिटिजन से लेकर महिलाओं तक के लिए...15 प्वाइंट्स में जानें Budget 2023 में क्या रहा खास
वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने वित्त वर्ष 2023-24 का बजट पेश किया। उन्होंने बताया कि 9 साल में देश में प्रति व्यक्ति आय दोगुनी हो गई। राजकोषीय घाटा पूरा करने के लिए सरकार 15.4 लाख करोड़ रुपए कर्ज लेगी।
Vivek Kumar | Published : Feb 1, 2023 12:57 PM IST / Updated: Feb 01 2023, 06:42 PM IST
नई दिल्ली। वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने बुधवार को बजट (Budget 2023-24) संसद में पेश किया। उन्होंने कहा कि करीब 9 साल में भारत में प्रति व्यक्ति आय दोगुनी (1.97 लाख रुपए) हो गई है। 9 साल में भारत दुनिया की 10वीं सबसे बड़ी अर्थव्यवस्था से 5वीं सबसे बड़ी अर्थव्यवस्था बन गया है। 15 प्वाइंट्स में जानें बजट की खास बातें…
वित्त मंत्री ने कहा कि बजट की 7 प्राथमिकताएं हैं। उन्होंने इसे 'सप्तऋषि' नाम दिया। ये प्राथमिकताएं समावेशी विकास, अंतिम मील तक पहुंच, बुनियादी ढांचा और निवेश, क्षमता उजागर करना, ग्रीन ग्रोथ, युवा शक्ति और वित्तीय क्षेत्र हैं।
पीएम आवास योजना में बजट आवंटन 66 फीसदी बढ़ाकर 79 हजार करोड़ रुपए से अधिक कर दिया गया।
रेल मंत्रालय को 2.40 लाख करोड़ रुपए का आवंटन मिला है। 2013-14 में मिले फंड से यह करीब 9 गुणा अधिक है।
अंतरराष्ट्रीय अवसर का लाभ देश के युवा उठा सकें इसके लिए पूरे देश में 30 स्किल इंडिया इंटरनेशनल सेंटर्स की स्थापना की जाएगी। इससे युवाओं का कौशल विकास किया जाएगा।
एमएसएमई के लिए क्रेडिट गारंटी योजना को प्रभावी बनाने के लिए 9,000 करोड़ रुपए दिए गए हैं। अब इस योजना के तहत दिया जाने वाला कुल कर्ज 2 लाख करोड़ रुपए हो गया है।
वरिष्ठ नागरिकों द्वारा बचत योजना में जमा किए जाने वाले पैसे की अधिकतम सीमा को 15 लाख से बढ़ाकर 30 लाख रुपए कर दिया गया है।
राजकोषीय घाटे को 2025-26 तक 4.5 प्रतिशत से कम करने का लक्ष्य है।
पूंजी निवेश के लिए 10 लाख करोड़ रुपए रखा गया है। इसमें 33 प्रतिशत की वृद्धि की गई है। इससे विकास करने, रोजगार के अवसर पैदा करने और निजी निवेश आकर्षित करने में मदद मिलेगी।
प्रधानमंत्री PVTG डेवलपमेंट मिशन को अगले तीन साल में लागू करने के लिए 15,000 करोड़ रुपए का आवंटन किया गया है।
100 महत्वपूर्ण ट्रांस्पोर्ट इन्फ्रास्ट्रक्चर प्रोजेक्ट्स में 75,000 करोड़ रुपए का निवेश किया जाएगा। इसमें 15,000 करोड़ रुपए निजी स्रोतों से जुटाए जाएंगे। इस प्रोजक्ट के तहत बंदरगाहों, कोयला, इस्पात, उर्वरक और खाद्यान्न क्षेत्रों के लिए कनेक्टिविटी बढ़ाई जाएगी।
बुनियादी ढांचे में निजी निवेश को बढ़ाने के लिए नया इंफ्रास्ट्रक्चर वित्त सचिवालय स्थापित किया गया है। स्टार्ट-अप और शिक्षाविदों द्वारा इनोवेशन और रिसर्च को बढ़ावा देने के लिए नेशनल डेटा गवर्नेंस पॉलिसी लाई जाएगी। ईज ऑफ डूइंग बिजनेस बढ़ाने के लिए पैन कार्ड को सभी सरकारी एजेंसियों द्वारा सामान्य पहचान पत्र के रूप में मान्य किया जाएगा।
मिष्टी (मैंग्रोव इनिशिएटिव फॉर शोरलाइन हैबिटैट्स एंड टैंजिबल इनकम) को मनरेगा, कैम्पा फंड और अन्य स्रोतों से चलाया जाएगा। इसके माध्यम से समुद्र तट के किनारे और नमकीन पानी वाले दलदली जमीन पर मैंग्रोव वृक्षारोपण किया जाएगा।
महिला सम्मान बचत प्रमाणपत्र की शुरुआत की जाएगी। इसमें महिलाएं 2 वर्ष (मार्च 2025 तक) के लिए दो लाख रुपए तक जमा कर सकती हैं। उन्हें 7.5 प्रतिशत ब्याज मिलेगा।
राज्यों के लिए GSDP के 3.5 प्रतिशत के राजकोषीय घाटे की अनुमति है। इसमें से 0.5 प्रतिशत बिजली क्षेत्र के सुधारों से जुड़ा है। चालू वित्त वर्ष के लिए राजकोषीय घाटा GDP का 6.4 प्रतिशत रहने का अनुमान है। सरकर द्वारा वित्त वर्ष 2023-24 में 15.4 लाख करोड़ रुपए कर्ज लेने का अनुमान है।
नई कर व्यवस्था में आयकर छूट की सीमा 5 लाख रुपए से बढ़ाकर 7 लाख रुपए की गई। 7 लाख रुपए तक की आय वाले व्यक्तियों को टैक्स नहीं देना होगा।