Budget 2023: लैब में हीरे बनाने को बढ़ावा दे रही सरकार, घटाई इंपोर्ट ड्यूटी, कम होगी गहनों की कीमत

Published : Feb 01, 2023, 02:24 PM ISTUpdated : Feb 01, 2023, 06:46 PM IST
Jewellery

सार

वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण (Nirmala Sitharaman) ने बजट (Budget 2023-24) में लैब में बनने वाले हीरों के बीजों के आयात पर लगने वाली इंपोर्ट ड्यूटी को घटाने का फैसला किया है।

नई दिल्ली। वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण (Nirmala Sitharaman) ने बुधवार को संसद में बजट (Budget 2023-24) पेश किया। इसमें ऐसे इंतजाम किए गए हैं, जिससे हीरे के गहनों की कीमत कम होगी। सरकार ने भारत में लैब में हीरे बनाने को प्रोत्साहन देने का फैसला किया है।

सरकार लैब में हीरे बनाने के लिए जरूरी सामानों के आयात पर टैक्स घटाने जा रही है। हीरा बनाने में इस्तेमाल होने वाले बीजों पर आयात शुल्क में कटौती होगी। वित्त मंत्री ने कहा कि भारत प्राकृतिक हीरों की कटिंग और पॉलिशिंग में दुनिया में सबसे आगे है। दुनिया में हीरों के कारोबार में तीन चौथाई हिस्सा भारत का है।

कम होगा हीरों के बीजों पर सीमा शुल्क
वित्त मंत्री ने कहा, "प्राकृतिक हीरों के भंडार में कमी हो रही है। इसके चलते हीरा उद्योग प्रयोगशाला में विकसित हीरे (LGDs) की ओर बढ़ रहा है। यह सेक्टर बहुत बढ़ने वाला है। इस अवसर के इस्तेमाल के लिए मैं लैब में हीरे बनाने के लिए जरूरी बीजों पर बुनियादी सीमा शुल्क को कम करने का प्रस्ताव करती हूं।"

हीरे के पारंपरिक स्रोत की हो रही कमी
बता दें कि रत्न और आभूषण निर्यातकों ने आयात शुल्क में कटौती की मांग की थी। दुनिया भर में अपरिष्कृत हीरे (बिना कटे और पॉलिश किए गए हीरे) के पारंपरिक स्रोत की कमी हो रही है। इसके चलते प्राकृतिक हीरों की कीमत में बहुत अधिक वृद्धि हो गई है। लैब में विकसित किए जाने वाले हीरों का इस्तेमाल बढ़ा है। केंद्र सरकार ने यह भी फैसला किया है कि लैब में हीरे बनाने की मशीनों के निर्माण पर रिसर्च के लिए आईआईटी कॉलेज को पांच साल का ग्रांट दिया जाएगा।

यह भी पढ़ें- Defence Budget 2023: रक्षा मंत्रालय को मिला 5.94 लाख करोड़ रुपए, 69 हजार करोड़ की हुई वृद्धि

प्राकृतिक हीरे की तरह दिखता है लैब में बना हीरा
लैब में हीरों को खास मापदंडों के तहत अत्याधुनिक तकनीकों का इस्तेमाल कर बनाया जाता है। वह प्राकृतिक हीरे की तरह दिखता है। उसकी रासायनिक संरचना भी प्राकृतिक हीरे जैसी होती है। लैब में हीरे बनाने के लिए बीज का इस्तेमाल किया जाता है। यह महत्वपूर्ण कच्चा माल है। कामा ज्वैलरी के फाउंडर और मैनेजिंग डायरेक्टर कॉलिन शाह ने कहा, "यह रत्न और आभूषण उद्योग के लिए एक मिश्रित बजट था। वित्त मंत्री ने निर्यात के लिए एलजीडी की क्षमता को स्वीकार किया है। इससे हीरों के गहनों का निर्यात बढ़ेगा और रोजगार के अधिक अवसर पैदा होंगे।

यह भी पढ़ें- Budget 2023 में जानें क्या सस्ता और क्या महंगाः मोबाइल-टीवी का दाम होगा कम, बढ़ेंगे डायमंड-सिगरेट के रेट

PREV

Recommended Stories

8वां वेतन आयोग कब लागू होगा? जानें सरकार की तरफ से लेटेस्ट अपडेट
तत्काल टिकट कंफर्म नहीं हुआ? घबराएं नहीं, ऐसे करें उसी दिन बुकिंग