सार
इस आर्टिकल में जानें मोदी सरकार के इस बजट का किन चीजों पर पड़ेग सीधा असर और किन चीजों से आपकी जेब को मिलेगी राहत। देखें क्या हुआ सस्ता और महंगा…
बिजनेस डेस्क. वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने संसद में केंद्रीय बजट 2023 (Union Budget 2023) पेश कर दिया है। अपने डेढ़ घंटे के बजट भाषण में वित्त मंत्री ने आम आदमी को राहत देने वाली कई घोषणाएं की हैं। इसी के साथ कई चीजें सस्ती हुई हैं तो कई चीजें महंगी भी। इस आर्टिकल में जानें मोदी सरकार के इस बजट का किन चीजों पर पड़ेगा सीधा असर और किन चीजों से आपकी जेब को मिलेगी राहत।
Budget 2023 में ये चीजें हुईं सस्ती
- मोबाइल फोन
- मोबाइल कैमरा लैंस
- टीवी
- इलेक्ट्रिक व्हीकल (EV) व अन्य वाहन
- साइकिल
- लीथियम बैटरी
- डीनेचर्ड इथाइल एल्कोहॉल
- दवाईयां
- हीटर
- माइक्रोवेव ओवन
- प्रेस (आयरन)
- इंडक्शन
- गीजर
- बायोगैस से जुड़ी चीजें
- कॉस्मेटिक्स
Budget 2023 में ये चीजें हुईं महंगी
- सोना
- इम्पोर्टेड चांदी
- कपड़े
- सिगरेट
- हीरा
- इम्पोर्टेड रबर
- तांबा
- इलेक्ट्रिक किचन चिमनी
- टायर
- विदेशी खिलौने
- विदेशी वाहन और विदेशी साइकिल
मोबाइल फोन व गाड़ी खरीद रहे हैं तो जरा ठहरें
अगर हाल फिलहाल में ही आप मोबाइल फोन, गाड़ी या टीवी खरीदने का प्लान कर रहे हैं तो आपको कुछ दिनों के लिए ठहर जाना चाहिए। दरअसल, बजट 2023 में इन चीजों के सस्ते होने के साथ मार्केट में भी इसका असर देखने को मिलेगा। ये परिवर्तन आने वाले कुछ दिनों में नजर आने लगेगा। ऐसे में हो सकता है कि जो चीज आप आज खरीद रहे हैं वो कल सस्ती हो जाए। मोबाइल फोन के पार्ट्स के साथ-साथ मोबाइल फोन कैमरा लैंस पर लगने वाली कस्टम ड्यूटी 2.5 प्रतिशत की कमी की गई है। इसी प्रकार इलेक्ट्रिक वाहनों व मोबाइल फोन में लगने वाली लीथियम बैटरी और टेलीविजन पैनल्स की इंपोर्ट ड्यूटी भी घटा दी गई है।
विदेशी वाहन अब 10 प्रतिशत और महंगे
वित्त मंत्री ने अपने बजट भाषण में कहा कि विदेशों में पूरी तरह बनने वाली गाड़ियां जिनकी कीमत 40 हजार डॉलर से कम और इंजन की क्षमता 3 हजार सीसी से कम है, उनपर अब कस्टम ड्यूटी 60 प्रतिशत से बढ़ाकर 70 प्रतिशत कर दी गई है। इतना ही नहीं, विदेश साइकिलों पर भी ड्यूटी 30 से 35 प्रतिशत कर दी गई है। इसके अलावा विदेश से इंपोर्ट की जाने वाली इलेक्ट्रिक किचन चिमनियों पर कस्टम ड्यूटी 7.5 प्रतिशत से बढ़ाकर 15 प्रतिशत कर दी गई है, जिससे देश में ही इसके उत्पादन को बढ़ावा मिले और विदेशी इंपोर्ट कम हो।