एनडीए सरकार ने 18वीं लोकसभा का पहला बजट मंगलवार को पेश किया। वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने बजट पेश किया तो विपक्ष ने इसे कॉपी-पेस्ट बजट करार दिया। विपक्ष का आरोप है कि बजट में शिक्षा-स्वास्थ्य, कृषि जैसे मुख्य मुद्दों को दरकिनार कर दिया गया है।
Union Budget 2024: मोदी 3.0 का पहला बजट मंगलवार को वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने पेश किया। देश की पहली वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने अपना छठवां बजट पेश किया। केंद्र सरकार ने आम बजट पेश कर इसे सभी वर्गों के विकास वाला बजट बताया है। विशेषज्ञों का मानना है कि इस बजट पर सभी क्षेत्रों पर फोकस किया गया है। रोजगार से लेकर मिडिल क्लास की बात की गई है। हालांकि, विपक्ष ने इसे निराशाजनक बजट करार दिया है।
राहुल गांधी ने कहा-कुर्सी बचाओ बजट
आम बजट 2024 को कांग्रेस नेता राहुल गांधी ने कुर्सी बचाओ बजट करार दिया है। उन्होंने इस बजट को तीन प्वाइंट में डिफाइन किया है। राहुल गांधी ने कहा कि अन्य राज्यों की कीमत पर खोखले वादे करते हुए सहयोगियों को खुश करने वाला बजट पेश किया गया है। यह बजट मोदी जी ने अपने मित्रों को खुश करने के लिए लाया है, आम भारतीयों को कोई राहत नहीं दी गई है। इसमें कांग्रेस के घोषणा पत्र और पिछले बजट को कॉपी-पेस्ट किया गया है।
बीजेपी नेता सुब्रमण्यम स्वामी ने सीतारमण को बताया नाच-गाने वाली
केंद्रीय बजट पेश होने के बाद बीजेपी नेता सुब्रमण्यम स्वामी ने वित्त मंत्री और पीएमओ पर कटाक्ष किया। स्वामी ने ट्वीट किया कि बेशक वित्त मंत्री को दोष देना मुश्किल है क्योंकि बजट PMO में बनाया गया था लेकिन वहां के मूर्खों ने इसे हस्ताक्षर के लिए “निमी” को भेज दिया। वह JNU की पूर्व छात्रा है जिसका मतलब है कि वह केवल नाच और गाना जानती है।
अखिलेश बोले-मुख्य मुद्दा बजट से नौ-दो ग्यारह हो गया
यूपी के पूर्व सीएम अखिलेश यादव ने कहा कि ग्यारहवें बजट में बेरोज़गारी-महँगाई, किसान-महिला-युवा का मुद्दा नौ दो ग्यारह हो गया है। उन्होंने कहा कि ये बजट भी नाउम्मीदगी का ही पुलिंदा है, शुक्र है इंसान इन हालातों में भी जिंदा है।
संजय राउत बोले-पहले गुजरात के लिए बजट बनता था अब दो और जुड़े
शिवसेना सांसद संजय राउत ने कहा कि पिछले दस सालों में बजट से आम आदमी, किसान, छात्रों को क्या मिला? पहले सिर्फ एक राज्य गुजरात के लिए बजट बनता था, अब इसमें दो और राज्य जुड़ गए हैं। पहली बार मैंने देखा है कि देश के कल्याण के लिए नहीं बल्कि सरकार बचाने के लिए बजट बनाया गया है।
बिहार को बजट से मिली निराशा: तेजस्वी यादव
राजद नेता और बिहार के पूर्व डिप्टी सीएम तेजस्वी यादव ने कहा कि आज के बजट ने बिहार के लोगों को फिर निराश किया है। बिहार को प्रगति पथ पर ले जाने के लिए एक रिवाइवल प्लान की ज़रूरत थी और जिसके लिए विशेष राज्य के दर्जे के साथ विशेष पैकेज की सख़्त जरूरत है। रूटीन आवंटन तथा पूर्व स्वीकृत, निर्धारित व आवंटित योजनाओं को नई सौग़ात बताने वाले बिहार का अपमान ना करें। पलायन रोकने, प्रदेश का पिछड़ापन हटाने तथा उद्योग धंधों के साथ साथ युवाओं के बेहतर भविष्य के लिए हम विशेष राज्य के दर्जे की माँग से इंच भर भी पीछे नहीं हटेंगे।
देश की मूल समस्याओं के लिए कुछ भी नहीं: सुप्रिया श्रीनेत
कांग्रेस प्रवक्ता सुप्रिया श्रीनेत ने कहा कि देश की मूल समस्याओं में आज बेरोज़गारी, महंगाई, आर्थिक असमानता, ग़रीबी है। इस बजट में रोज़गार सृजन, महंगाई को कम करने, ग़रीबी को हटाने और आर्थिक असमानता की खाई को पाटने के लिए कुछ नहीं है। शिक्षा, कृषि, स्वास्थ्य सबका बजट घटाया।
मायावती बोलीं-धन्ना सेठों को छोड़कर किसी वर्ग के अच्छे दिन की बात नहीं
बहुजन समाज पार्टी सुप्रीमो मायावती ने कहा कि संसद में आज पेश केन्द्रीय बजट अपने पुराने ढर्रे पर कुछ मुट्ठी भर अमीर व धन्नासेठों को छोड़कर देश के गरीबों, बेरोजगारों, किसानों, महिलाओं, मेहनतकशों, वंचितों व उपेक्षित बहुजनों के त्रस्त जीवन से मुक्ति हेतु ’अच्छे दिन’ की उम्मीदों वाला कम बल्कि उन्हें मायूस करने वाला ज्यादा है। देश में छाई जबरदस्त गरीबी, बेरोजगारी, महंगाई, पिछड़ापन तथा यहाँ के 125 करोड़ से अधिक कमजोर तबकों के उत्थान व उनके लिए जरूरी बुनियादी सुविधाओं के प्रति इस नई सरकार में भी अपेक्षित सुधारवादी नीति व नीयत का अभाव। बजट में ऐसे प्रावधानों से क्या लोगों का जीवन खुश व खुशहाल हो पाएगा? देश का विकास व लोगों का उत्थान आँकड़ों के भूल भुलैया वाला न हो, बल्कि लोगों को त्रस्त जीवन से मुक्ति के लिए रोजगार के अवसर, जेब में खर्च के लिए पैसे/ आमदनी जैसी बुनियादी तरक्की सभी को मिलकर महसूस भी हो। रेलवे का विकास भी अति-जरूरी। सरकार बीएसपी सरकार की तरह हर हाथ को काम दे।
चंद्रशेखर रावण ने पूछा: बजट में एससी-एसटी स्टूडेंट्स बेरोजगारों के लिए क्या?
आजाद समाज पार्टी के अध्यक्ष सांसद चंद्रशेखर रावण ने कहा कि मुझे युवाओं, किसानों, महिलाओं के लिए कल्याणकारी योजनाओं को लेकर बजट से काफी उम्मीदें थीं लेकिन इसमें कुछ भी नहीं था। इंटर्नशिप के बाद क्या होगा? बेरोजगारों को और बेरोजगार बनाने के लिए कदम उठाए गए हैं। महंगाई कम करने के लिए कोई कदम नहीं उठाया गया। एमएसपी गारंटी के लिए कुछ नहीं किया गया। स्वास्थ्य और शिक्षा के लिए बजट नहीं बढ़ाया गया। एसटी, एससी छात्रों के कल्याण के लिए कोई कल्याणकारी योजना नहीं लाई गई।
केरल के प्रति भेदभाव वाला बजट: मुख्यमंत्री पी.विजयन
केरल के मुख्यमंत्री पिनाराई विजयन ने कहा कि वित्त मंत्री सीतारमण द्वारा पेश किया गया बजट विपक्षी राज्यों, विशेषकर केरल के प्रति भेदभावपूर्ण रवैया को प्रदर्शित करता है। एम्स, आपदा राहत पैकेज और पर्यटन क्षेत्र के लिए हमारी वास्तविक मांगों को अनसुना कर दिया गया है। यह उदासीनता केरलवासियों की आकांक्षाओं को कमजोर करती है और बेहद निराशाजनक है। बजट में प्रभावी हस्तक्षेपों के माध्यम से राष्ट्र को सशक्त बनाने के कई दावे शामिल हैं। यह राज्यों के लिए वित्तीय सशक्तीकरण के महत्वपूर्ण मुद्दे को स्पष्ट रूप से अनदेखा करता है। इसके बजाय, राज्यों के वित्त को बाधित करने के लिए और कदम उठाए गए हैं जो हमारी स्वायत्तता और विकास के लिए एक महत्वपूर्ण चुनौती है। इस असहानुभूतिपूर्ण और भेदभावपूर्ण रुख को उजागर किया जाना चाहिए और सक्रिय रूप से इसका विरोध किया जाना चाहिए। हम केरल के अधिकारों और जरूरतों की वकालत करने में दृढ़ हैं और निष्पक्ष और न्यायपूर्ण विचार की मांग करते हैं।
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