मिकी जगतियानी का बचपन भारत में बीता। उनकी स्कूलिंग चेन्नई, मुंबई और बेरुत में हुई। अकाउंट्स की पढ़ाई करने लंदन चले गए। पैसे नहीं थे तो टैक्सी चलाकर खर्चा चलाया करते थे। इस कारण कॉलेज ड्रॉपआउट करना पड़ा।
बिजनेस डेस्क : दुनिया के सबसे अमीर शहरों में से एक दुबई (Dubai) बेहद खूबसूरत है। दुनियाभर के कई बिजनेसमैन और अमीर इस शहर से अपने बिजनेस का विस्तार करते हैं। यहां के सबसे ज्यादा रईसों में भारत के मिकी जगतियानी (Micky Jagtiani) का नाम भी है। जिनकी शुरुआत शून्य से हुई और आज दुबई में अरबों डॉलर का सामाज्य है। संयुक्त अरब अमीरात (UAE) के सबसे अमीर भारतीयों में उनका नाम आता है। हालांकि, बहुत ही कम लोग जानते हैं कि जगतियानी के सफलता की यात्रा एक टैक्सी ड्राइवर के तौर पर हुई थी। कभी लंदन में टैक्सी चलाने वाले मिकी जगतियानी इतने दौलतमंद कैसे बने, आइए जानते हैं...
पैसे नहीं थे तो पढ़ाई छोड़ी, टैक्सी चलाकर गुजारा
मिकी जगतियानी की फैमिली भारतीय मूल की थी। उनका जन्म साल 1951 में कुवैत में हुआ था। हालांकि, मिकी का बचपन भारत में बीता। उनकी स्कूलिंग चेन्नई, मुंबई और बेरुत में हुई। 17 साल की उम्र में अकाउंट्स की पढ़ाई करने लंदन चले गए। इस दौरान पैसे नहीं थे तो टैक्सी चलाकर खर्चा चलाया करते थे। पैसों की तंगी पढ़ाई की राह में रोड़ा बन गई और उन्हें कॉलेज ड्रॉपआउट करना पड़ा। नौकरी के चलते कुछ एग्जाम में शामिल नहीं हो पाए और कॉलेज ने उन्हें बाहर का रास्ता दिखा दिया।
नौकरी नहीं मिली तो होटल में रूम की सफाई की
मिकी जगतियानी कॉलेज ड्रॉपआउट थे तो कोई भी उन्हें नौकरी नहीं देना चाहता था। बाद में लंदन से बहरीन आ गए और होटल में रूम सर्विस का काम करने लगे। जिगतियानी नौकरी तो कर रहे थे लेकिन मन में खुशी नहीं थी। इसके बाद कुछ बेहतर करने की चाह में परिवार के साथ कुवैत लौट आएं।
माता-पिता और भाई की मौत ने तोड़ा
कुवैत में ल्यूकीमिया के चलते उनके भाई की मौत हो गई। इसके बाद पिता और फिर मां ने भी दुनिया छोड़ दिया। इन घटनाओं से मिकी की जिंदगी पूरी तरह बदल गई। उस वक्त उनकी उम्र सिर्फ 20 साल ही रही होगी। हालांकि, मिकी ने हालात से समझौता नहीं किया। भाई की दुकान से उन्होंने करीब 6,000 अमेरिकी डॉलर यानी करीब 4 लाख से बेबी प्रोडक्ट्स की शुरुआत की। शुरुआती 10 साल में उन्होंने खूब मेहनत की और इसी तरह की 6 दुकानें खोली। धीरे-धीरे उनकी बेबी शॉप का नाम हो गया था और अच्छे पैसे आ रहे थे। उनकी दुकानों पर करीब 100 लोग काम भी करते थे। 1992 में खाड़ी के देशों के बीच जंग शुरू हो गई और मिकी ने बिजनेस दुबई में सेटअप करने की सोची। पत्नी रेणुका के साथ दुबई आकर बस गए।
दुबई से बदली किस्तम, बने सबसे ज्यादा दौलतमंद
दुबई शिफ्ट होने के बाद मिकी ने लैंडमार्क ग्रुप की शुरुआत की। बाद में ये ग्रुप भारत, अफ्रीका और मिडिल ईस्ट तक फैल गया। बच्चों के कपड़े और खिलौने निर्यात करने से हुई शुरुआत फैशन, इलेक्ट्रॉनिक, फर्नीचर और होटल इंडस्ट्री तक पहुंच चुकी थी। आज 20 देशों में 6,000 स्टोर हैं और कई हजार लोग काम करते हैं। साल 2008 में फोर्ब्स की सबसे अमीर भारतीयों की लिस्ट में मिकी को जगह मिली। उन्हें सबसे ज्यादा दौलतमंद में से एक माना गया। मई 2023 में मिकी जगतियानी का निधन हो गया। आज उनकी कुल संपत्ति 5.2 बिलियन अमेरिकी डॉलर यानी 43,194 करोड़ रुपए है।
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