Car खरीदते समय इग्नोर न करें 2 RULES...आसान होगा लोन, कम आएगी EMI

त्योहारों के मौसम में नई कार खरीदने का प्लान कर रहे हैं? कार लोन लेने से पहले 20-10-04 और 50-20-04 के नियम जरूर जान लें, वरना फ्यूचर में कई दिक्कतें आ सकती हैं।  

Satyam Bhardwaj | Published : Oct 3, 2024 11:10 AM IST

बिजनेस डेस्क : फैमिली छोटी हो या बड़ी हर कोई कार से चलना चाहता है। घर के बाहर खड़ी कार अलग ही फील कराती है। इस फेस्टिव सीजन कई कारों पर जबरदस्त डिस्काउंट ऑफर चल रहा है। ऐसे में अगर आप दशहरा-दिवाली पर नई कार खरीदने का मन बना रहे हैं तो बिना प्लान नई गाड़ी खरीदने न जाएं। कार खरीदने और लोन लेने (Car Loan) से पहले 20-10-04 और 50-20-04 का रूल जरूर अपनाएं। इससे आपको फायदे ही फायदे हो सकते हैं।

20-10-04 रूल क्या है

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कार लोन लेते समय इस नियम का ध्यान रखना चाहिए। इसके अनुसार, जब भी कार की बुकिंग कराने जाएं तो कोशिश करें कि कार की ऑन रोड प्राइस का 20% डाउन पेमेंट तुरंत ही कर दें। कार की EMI मंथली इनकम की 10% तक ही होनी चाहिए। कार लोन 4 साल से ज्यादा के लिए न लें।

50-20-04 नियम क्या है

कार खरीदते समय 50-20-04 का नियम अपनाना चाहिए। इसमें 50 का मतलब आपकी सालाना इनकम का 50% है। यह नियम कहता है कि जिस भी कार को आप खरीदने जा रहे हैं, उसकी कीमत आपकी सालाना इनकम की आधी ही होनी चाहिए। अगर आपका एनुएल पैकेज 30 लाख का है तो कार 15 लाख वाली ही लेनी चाहिए। इसमें 20 का मतलब 20% डाउनपेमेंट और 4 का मतलब लोन पीरियड से है।

नई कार लेते समय और बाद में क्या करें

1. कार कंपनी सही चुनें

जिस भी कंपनी की कार ले रहे हैं, उनकी वेबसाइट्स पर जाकर और किसी दोस्त-रिश्तेदार जिसके पास वो कार हो उससे सही जानकारी लेकर ही कार खरीदें। कुछ गाड़ियां टेस्ट ड्राइव का भी मौका देती हैं, जो खुद करें।

2. जैसा बजट, वैसी कार

कार हमेशा बजट के हिसाब से ही खरीदना चाहिए। कार खरीदने से पहले अपना बजट बनाना चाहिए। देखनी चाहिए कि कौन सी कार आपके लिए सही रहेगी। एक ही कंपनी के अलग-अलग वैरिएंट में फीचर्स अलग-अलग रहते हैं। वैरिएंट के हिसाब से कार की कीमत बढ़ती है, ऐसे में बजट और जरूरत के हिसाब से कार का सही मॉडल ही चुनना चाहिए।

3. कार के सेफ्टी फीचर्स पर ध्यान दें

कार खरीदते समय उसके सेफ्टी फीचर को इग्नोर न करें। एयरबैग्स, रियर पार्किंग सिस्टम, हिल स्टार्ट असिस्ट, एंटी लॉक ब्रेकिंग सिस्टम, क्रूज कंट्रोल सिस्टम, इलेक्ट्रॉनिक ब्रेक फोर्स और डिस्ट्रीब्यूशन जैसे फीचर्स जरूर होने चाहिए।

4. कार का इंश्योरेंस बाहर से कराएं

ज्यादातर कार डीलर्स कार का इंश्योरेंस खुद करके देते हैं लेकिन हो सकता है कि बाहर किसी दूसरी कंपनी का बीमा आपको इससे सस्ता मिल जाए। ऐसे में कोशिश करें कि कार इंश्योरेंस बाहर से ही चेक करके कराएं।

5. कार की वारंटी और सर्विस

नई कार लेते समय उसकी वारंटी और सर्विस के बारें में सही तरह जानकारी लें। पता करें कि आपको कितनी सर्विस फ्री मिलेगी और क्या वारंटी बाद में बढ़ सकती है या नहीं। इससे आप एक अच्छी कार घर ला सकते हैं।

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