सार

चांदी की तरह दिखने वाला व्हाइट गोल्ड, सोने से ज़्यादा महंगा क्यों होता है? असल में, व्हाइट गोल्ड बनाने की प्रक्रिया बेहद जटिल होती है और इसमें दुनिया की सबसे महंगी धातुओं का उपयोग होता है। जानिए, क्या है व्हाइट गोल्ड और क्या है इसकी खासियत।

दुनिया की सबसे कीमती धातुओं में से एक है सोना। सोने को उसकी शुद्धता के आधार पर 20 कैरेट, 22 कैरेट, 24 कैरेट जैसे तीन भागों में बांटा गया है। लेकिन अक्सर ज्वेलरी शॉप पर हमें व्हाइट गोल्ड से बने आभूषण भी दिखाई देते हैं। ये आम सोने के मुकाबले ज़्यादा महंगे होते हैं। आखिर क्या है व्हाइट गोल्ड? 

चांदी की तरह दिखने वाला व्हाइट गोल्ड, सोने से ज़्यादा महंगा क्यों होता है? दरअसल, व्हाइट गोल्ड बनाने की प्रक्रिया बेहद जटिल होती है। दुनिया की सबसे महंगी धातुओं को मिलाकर 'व्हाइट गोल्ड' तैयार किया जाता है।

पीले रंग का सोना प्राकृतिक रूप से पाया जाने वाला एक धातु है। लेकिन व्हाइट गोल्ड प्राकृतिक सोना नहीं होता है। इसे दूसरी धातुओं के साथ मिलाकर बनाया जाता है। यही वजह है कि व्हाइट गोल्ड, पीले सोने के मुकाबले ज़्यादा महंगा होता है. 

व्हाइट गोल्ड की चमक बढ़ाने के लिए इसमें कई कीमती धातुएं मिलाई जाती हैं। खासतौर पर निकल, सफेद धातु प्लेटिनम या चांदी का मिश्रण होता है। व्हाइट गोल्ड बनाने के लिए रोडियम जैसी कीमती धातु का इस्तेमाल किया जाता है। रोडियम, व्हाइट गोल्ड की चमक को और बढ़ा देता है। बाज़ार में मिलने वाले ज़्यादातर व्हाइट गोल्ड में निकल मिला होता है। असली सोने का रंग पीला होता है और उसे चमकाने की ज़रूरत नहीं होती, लेकिन व्हाइट गोल्ड के साथ ऐसा नहीं है. 

प्राचीन काल से ही पीला सोना प्रचलन में है। लेकिन हाल के दिनों में व्हाइट गोल्ड की लोकप्रियता बढ़ी है। अंतरराष्ट्रीय बाजार में भी इसकी मांग बढ़ रही है। देखना होगा कि आने वाले समय में क्या व्हाइट गोल्ड, पारंपरिक पीले सोने को टक्कर दे पाता है या नहीं।