Economic Survey: चीफ इकोनॉमिक एडवाइजर ने जताया भरोसा, कहा- कोरोना के नुकसान से उबर चुकी अर्थव्यवस्था

वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण द्वारा संसद में आर्थिक सर्वे (Economic Survey 2023) पेश करने के बाद चीफ इकोनॉमिक एडवाइजर (CEA) वी अनंत नागेश्वरन ने प्रेस कॉन्फ्रेंस की। इसमें उन्होंने आर्थिक सर्वे 2023 (Economic Survey 2023) का ब्योरा पेश किया।

Economic Survey 2022-23: वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण द्वारा मंगलवार को संसद में आर्थिक सर्वे (Economic Survey 2023) पेश करने के बाद देश के चीफ इकोनॉमिक एडवाइजर (CEA) वी अनंत नागेश्वरन ने प्रेस कॉन्फ्रेंस की। इसमें उन्होंने आर्थिक सर्वे 2023 (Economic Survey 2023) का ब्योरा पेश किया। सीईए ने कहा कि कोरोना महामारी में हुए नुकसान से अर्थव्यवस्था अब उबर चुकी है। भारत को अब अर्थव्यवस्था में सुस्ती की चिंता करने की जरूरत नहीं है। मौजूदा वित्त वर्ष में विकास दर 7% रहने का अनुमान है। वहीं, 2023-2024 में विकास दर 6 से 6.8% के बीच रह सकती है।

IMF ने भी बरकरार रखी भारत की ग्रोथ रेट : 
चीफ इकोनॉमिक एडवाइजर (CEA) वी अनंत नागेश्वरन ने कहा कि पिछले 8 सालों में भारत ने जिस तरह के रिफॉर्म्स किए हैं, उससे अगले दशक में देश का आर्थिक प्रदर्शन बहुत बेहतर होगा। उन्होंने कहा कि IMF ने भी मौजूद और अगले वित्त वर्ष के लिए भारत की GDP ग्रोथ के अनुमान को बरकरार रखा है। आर्थिक सर्वे को लेकर उन्होंने कहा कि लंबे समय के बाद बैंक, कॉर्पोरेट सेक्टर और NBFC कंपनियों की बैलेंस शीट बेहतर स्थित में है। इससे अर्थव्यवस्था को विकास के लिए पर्याप्त धन मिल सकेगा।

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दुनिया की सबसे तेज बढ़ती अर्थव्यवस्था बना रहेगा भारत :

चीफ इकोनॉमिक एडवाइजर (CEA) ने कहा कि भारत दुनियाभर में सबसे तेज रफ्तार से विकसित होती अर्थव्यवस्था बनी रहेगी। IMF ने वित्त वर्ष 2022-2023 में ग्रोथ रेट 6.8% रहने का अनुमान जताया है। वहीं अगले वित्त वर्ष यानी 2023-24 में विकास दर के 6.1% रहने का अनुमान लगाया गया है। हमारे इकोनॉमिक सर्वे में भी विकास दर के इसी स्पीड से बढ़ने की उम्मीद जताई गई है।

एग्रीकल्चर सेक्टर में निवेश 9.3% तक पहुंचा :

CEA ने कहा- कृषि क्षेत्र में निजी निवेश 9.3% तक पहुंच गया है। एग्रीकल्चर सेक्टर में मजबूत ग्रोथ देखने को मिली है। पिछले 6 सालों में एग्रीकल्चर सेक्टर की एवरेज सालाना ग्रोथ 4.6 प्रतिशत रही है। ऐसा सरकार की अच्छी नीतियों के चलते हुआ है।

पिछली 3 तिमाहियों में जीएसटी रेवेन्यू बढ़ा :

चीफ इकोनॉमिक एडवाइजर वी अनंत नागेश्वरन के मुताबिक, 2019 में कॉर्पोरेट टैक्स में करने से कॉर्पोरेट सेक्टर को अपनी बैलेंस शीट बेहतर बनाने में मदद मिली है। अप्रैल से नवंबर 2022 के बीच नेट टैक्स रेवेन्यू में 15.5% की बढोतरी हुई है। वित्त वर्ष 2022-23 की पिछली तीन तिमाहियों में जीएसटी रेवेन्यू के रूप में 13.40 लाख करोड़ रुपए जमा हुए हैं।

बेरोजगारी दर में आई कमी :

जुलाई-सितंबर 2019 में बेरोजगारी दर 8.3% से घटकर जुलाई-सितंबर 2022 में 7.2% हुई। चीफ इकोनॉमिक एडवाइजर ने कहा कि प्राइवेट सेक्टर की ओर से इन्वेस्टमेंट बढ़ने और कंस्ट्रक्शन सेक्टर में फिर से एक्टिविटी शुरू होने की वजह से एक बार फिर गांवों से शहर आने वाले मजदूरों को रोजगार के अवसर मिल रहे हैं। भविष्य में रोजगार की दिशा में और बढ़ोतरी के संकेत हैं।

G20 देशों में सबसे अच्छी सेहत इंडियन इकोनॉमी की :

मूडीज इन्वेस्टर्स सर्विस के सीनियर वाइस प्रेसिडेंट क्रिस्टियन डी गजमैन के अनुमान के मुताबिक, वित्त वर्ष 2023-24 में भारत की जीडीपी ग्रोथ 5.6 % रहने का अनुमान है। हालांकि, बावजूद इसके भारतीय अर्थव्यवस्था जी-20 देशों में सबसे तेजी से बढ़ने वाली इकोनॉमी होगी।

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Economic Survey: वित्त मंत्री ने पेश किया आर्थिक सर्वे, 2023-24 में विकास दर 6.5% रहने का अनुमान

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