अप्रैल में अर्जेंटीना से ब्राजील के रास्ते तेल की 40 हजार टन सोयाबीन तेल की खेप आ रही थी। लेकिन मई में घटकर 30 से 32 हजार टन रह गया। ऐसे में खुदरा बाजार में इसकी कीमतों में 3 से 4 रुपए प्रति लीटर का इजाफा हुआ है।
बिजनेस डेस्क. प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी 9 जून को तीसरा कार्यकाल शुरू किया है। उनके कार्यकाल के पहले ही दिन दाल और खाने का तेल महंगा हो गया है। पिछले महीने के मुताबिक, उनकी कीमतों में 15% की बढ़ोतरी हुई है। इसके पीछे का कारण अर्जेंटीना और ब्राजील से सोयाबीन तेल की सप्लाई में कमी और घरेलू सरसों तेल के दामों बढ़ोतरी बताया जा रहा है। आपको बता दें कि सरकार हर साल 30 लाख टन सोयाबीन तेल और 25 से 30 लाख टन सूरजमुखी का आयात करता है।
जानें कैसे महंगे हुए खाने के तेल के दाम
मीडिया रिपोर्ट्स के मुताबिक, अडानी विल्मर, इमामी एग्रोटेक और सनविन ग्रुप जैसी कंपनियों ने कहा कि अर्जेंटीना और ब्राजील से सोयाबीन तेल की सप्लाई में कमी के कारण इसके दामों में बढ़ोतरी हुई है। इसके अलावा नाफेड और हरियाणा राज्य सहकारी सप्लाई और मार्केटिंग फेडरेशन लिमिटेड ने सरसों की खरीदी ज्यादा मात्रा में की है। ऐसे में सरसों की कीमतों में बढ़ोतरी की है। इस समय सरसों पर MSP 5,650 रुपए मिल रहा है। ऐसे में इसकी कीमतों में 15% की बढ़ोतरी हुई है।
सूरजमुखी के तेल भी महंगा
मीडिया रिपोर्ट्स के मुताबिक, फिलहाल रूस और यूक्रेन से सूरजमुखी तेल की सप्लाई में कमी आई है। साथ ही वहां पर अभी फसल की ऑफ सीजन है। दरअसल, वहां बढ़ते तापमान से फसल पर असर हुआ है। ऐसे में बाजार में धारणा प्रभावित हुई है। सूरजमुखी तेल के रेट में 6.5% का इजाफा हुआ है।
खुदरा बाजार में बढ़ी कीमतें
मीडिया रिपोर्ट्स के मुताबिक, अप्रैल में अर्जेंटीना से ब्राजील के रास्ते तेल की 40 हजार टन सोयाबीन तेल की खेप आ रही थी। लेकिन मई में घटकर 30 से 32 हजार टन रह गया। ऐसे में खुदरा बाजार में इसकी कीमतों में 3 से 4 रुपए प्रति लीटर का इजाफा हुआ है।
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