ITR फाइलिंग 2024: करदाता ले सकते हैं 40,000 रुपए तक की आयकर कटौती का लाभ, करना होगा ये काम

Published : Jun 10, 2024, 05:56 PM ISTUpdated : Jun 10, 2024, 05:58 PM IST
Tax Incentive

सार

ITR फाइलिंग 2024: टैक्सपेयर धारा 80डीडीबी के तहत एक वित्तीय वर्ष में 40,000 रुपए की आयकर कटौती का दावा कर सकते हैं। अगर वे किसी आश्रित व्यक्ति के इलाज पर खर्च करते हैं जिसे न्यूरोलॉजिकल रोग, कैंसर, डिमेंशिया, पार्किंसंस, एड्स जैसी गंभीर बीमारी हो।

नई दिल्ली। वित्त वर्ष 2024 के लिए इनकम टैक्स रिटर्न (ITR) फाइल करने की आखिरी तारीख 31 जुलाई 2024 है। सैलरी पाने वाले और करदाता इनकम टैक्स में कटौती का दावा करने के तरीके तलाश रहे हैं। टैक्सपेयर धारा 80सी के तहत 1.5 लाख रुपए की सीमा के अलावा, कई अन्य तरीकों का इस्तेमाल कर अतिरिक्त कर लाभ का दावा कर सकते हैं।

आयकर नियमों में कई धाराएं और प्रावधान हैं जो करदाताओं को अपना पैसा बचाने में मदद कर सकते हैं। धारा 80DDB के तहत ऐसा ही एक प्रावधान दिया गया है। इसका इस्तेमाल कर आयकर रिटर्न दाखिल करने वाले लोग खुद या आश्रितों के किसी भी गंभीर बीमारी के इलाज के लिए खर्च किए गए पैसे पर इनकम टैक्स छूट प्राप्त कर सकते हैं।

ITR फाइलिंग 2024: बचा सकते हैं 40,000 रुपए

करदाता धारा 80डीडीबी के तहत एक वित्तीय वर्ष में 40,000 रुपए की आयकर कटौती का दावा कर सकते हैं। अगर वे खुद या किसी आश्रित के इलाज पर खर्च करते हैं। यह लाभ न्यूरोलॉजिकल रोग, कैंसर, क्रोनिक रीनल फेल्योर, डिमेंशिया, मोटर न्यूरॉन रोग, पार्किंसंस रोग और एड्स जैसे गंभीर बीमारी के इलाज पर मिलता है।

यह खास कर लाभ केवल भारत में रहने वाले भारत के नागरिकों को ही दिया जाता है। इसका दावा कोई व्यक्ति तब कर सकता है जब उसने अपने आश्रित व्यक्ति पति/पत्नी, बच्चों, माता-पिता और भाई-बहनों के इलाज पर पैसा खर्च किया हो। कटौती की सीमा 40,000 रुपए। वरिष्ठ नागरिकों के मामले में यह 1 लाख रुपए है।

अगर आपने स्वास्थ्य बीमा पॉलिसी लिया है और इलाज के पैसे बीमा कंपनी से मिले तब भी यह आयकर कटौती लागू होती है। कटौती की राशि, बीमाकर्ता से प्राप्त राशि या व्यक्ति के इलाज के लिए नियोक्ता द्वारा दी गई राशि से कम हो जाती है।

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उदाहरण के लिए अगर किसी व्यक्ति ने किसी गंभीर बीमारी के इलाज पर 80,000 रुपए खर्च किए। उसे बीमा कंपनी से 30,000 रुपए मिले। इस धारा के तहत वह केवल 10,000 रुपए छूट दिए जाने का दावा कर सकते हैं। क्योंकि एक वित्तीय वर्ष में छूट की सीमा 40,000 रुपए है।

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