यूरो का इस्तेमाल करने वाले दुनिया के 20 देश हल्की आर्थिक मंदी की चपेट में, महंगाई ने मचाया हाहाकार, उद्योग-धंधे की चौपट होने के कगार पर

गुरुवार को प्रकाशित संशोधित आधिकारिक आंकड़ों के अनुसार, वर्ष के पहले तीन महीनों में, यूरोज़ोन में आर्थिक उत्पादन पिछली तिमाही की तुलना में 0.1% गिरा। 2022 की चौथी तिमाही में भी उत्पादन 0.1% गिरा है।

Dheerendra Gopal | Published : Jun 8, 2023 5:00 PM IST / Updated: Jun 08 2023, 11:51 PM IST

20 countries fell into mild recession: यूरो का यूज करने वाले दुनिया के करीब 20 देशों पर मंदी की मार पड़ी है। इकोनॉमिक रिपोर्ट्स के अनुसार, यूरो का उपयोग करने वाले 20 देशों में हल्की मंदी की मार पड़ी है। बेतहाशा बढ़ी हुई महंगाई की वजह से कंज्यूमर खर्चे में काफी गिरावट आई है जबकि सरकार ने भी अपने नियमों को सख्त कर दिया है। ऐसे हालत में महंगाई अपने उच्चतम स्तर पर पहुंचने के साथ हल्की मंदी की चपेट में ले ली है। गुरुवार को प्रकाशित संशोधित आधिकारिक आंकड़ों के अनुसार, वर्ष के पहले तीन महीनों में, यूरोज़ोन में आर्थिक उत्पादन पिछली तिमाही की तुलना में 0.1% गिरा। 2022 की चौथी तिमाही में भी उत्पादन 0.1% गिरा है।

लगातार दो तिमाहियों में इकोनॉमिक स्लैश

दरअसल, आर्थिक कॉन्ट्रैक्शन लगातार दो तिमाहियों में होने पर, इसे आमतौर पर मंदी को परिभाषित किया जाता है। संशोधित आधिकारिक आंकड़ों के अनुसार, साल 2022 की चौथी तिमाही में यूरोजोन का इकोनॉमिक आउटपुट 0.1% गिरा है। जबकि इस साल 2023 की पहली तिमाही में पूर्व की तिमाही की तुलना में 0.1% गिरा। हालांकि, वृहदस्तर पर यूरोपीय अर्थव्यवस्था मंदी से बची रही। यूरोपीय संघ में जीडीपी पिछले साल के अंत में 0.2% गिरने के बाद पहली तिमाही में 0.1% तक पहुंच गया।

यूरोजोन डेटा पर आर्थिक विशेषज्ञों का क्या है कहना?

यूरोज़ोन डेटा पर कैपिटल इकोनॉमिक्स के मुख्य यूरोप अर्थशास्त्री एंड्रयू केनिंघम ने कहा कि हाई प्राइस और बढ़ते इंटरेस्ट रेट्स से परिवारों पर परचेज करने की शक्ति पर कठिन प्रभाव पड़ा है। पिक्टेट वेल्थ मैनेजमेंट में मैक्रोइकॉनॉमिक रिसर्च के प्रमुख फ्रेडरिक डुक्रोज़ेट के एक ट्वीट के मुताबिक, मुद्रास्फीति के लिए समायोजित होने के बाद इनकम के लिए शॉकिंग स्थिति का सामना करना पड़ सकता है।

क्यों आई ऐसी स्थितियां?

यूरोज़ोन में मुद्रास्फीति पिछले साल बढ़ी जब रूस ने यूक्रेन पर बडे़ पैमाने पर आक्रमण किया। इसके आक्रमण के बाद ईंधन की कीमतों में बेतहाशा वृद्धि हुई। मई में ओवरऑल कंज्यूमर प्राइसेस में 6.1 प्रतिशत की वृद्धि एक साल पहले की तुलना में दर्ज की गई है। सरकारी खर्च में तेज गिरावट इस साल की शुरुआत में जीडीपी में गिरावट का एक अन्य प्रमुख कारण था। पैंथियॉन मैक्रोइकॉनॉमिक्स के मुख्य यूरोजोन अर्थशास्त्री क्लॉस विस्टेसन ने कहा कि गुरुवार का डाउनवर्ड संशोधन मुख्य रूप से यूरोप की सबसे बड़ी अर्थव्यवस्था जर्मनी और आयरलैंड के लिए डाउनग्रेड के कारण था। जर्मन जीडीपी 2023 के पहले तीन महीनों में शून्य वृद्धि के पहले के अनुमान की तुलना में 0.3% गिर गया। यह इसलिए क्योंकि पिछले साल के ईंधन मूल्य के झटके से कंज्यूमर खर्च पर बड़ा गहरा असर पड़ा है। यूरोजोन में मंदी और जटिल स्थिति में पहुंचने वाली है जब यूरोपीय सेंट्रल बैंक इंटरेस्ट रेट्स को तय करने के लिए मीटिंग करेगा। यह मीटिंग अगले सप्ताह संभावित है। मुद्रास्फीति अभी भी बैंक के लक्ष्य से तीन गुना अधिक है। अगर इसे कम करने के लिए रेट्स बढ़ाए गए तो अर्थव्यवस्था को और नुकसान हो सकता है।

अमेरिकी अर्थव्यवस्था से पिछड़ रहे यूरोजोन और यूरोपीय संघ

यूरोज़ोन और पूरा यूरोपीय संघ दोनों अब अमेरिकी अर्थव्यवस्था से पिछड़ रहे हैं। आर्थिक सहयोग और विकास संगठन के आंकड़ों के अनुसार, पिछले साल के अंत में 0.6% की वृद्धि के बाद पहली तिमाही में अटलांटिक की जीडीपी में 0.3% की वृद्धि हुई। वार्षिक आधार पर, यूएसए की अर्थव्यवस्था पिछली तिमाही की तुलना में जनवरी-मार्च की अवधि में 1.3% बढ़ी।

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