Published : Apr 17, 2025, 06:01 PM ISTUpdated : Apr 17, 2025, 06:30 PM IST
क्या आप फाइनेंशियल क्राइसिस से गुजर रहे हैं तो आपको अपनी लाइफ को घोड़े की तरह दौड़ाने के लिए एक बेहतरीन स्ट्रेटजी अपनानी होगी। ताकि बिना किसी दिक्कत के आपकी गाड़ी दौड़ती रहे। आइए जानते हैं ऐसे ही 7 उपायों के बारे में।
1. सैलरी को 3 हिस्सों में बांटिए, जिंदगी में बैलेंस लाइए
इस सिंपल लेकिन इफेक्टिव बजटिंग ट्रिक से हर महीने की इनकम को तीन हिस्सों में बांटिए।
50% – ज़रूरी खर्च जैसे किराया, बिल, राशन
30% – लाइफस्टाइल, घूमना-फिरना, शौक
20% – सेविंग्स और निवेश
इससे खर्च भी काबू में रहेगा और फ्यूचर भी सेफ रहेगा।
27
2. "पहला हफ्ता सेविंग वाला" फॉर्मूला अपनाइए
हर महीने की शुरुआत बचत से कीजिए। अपनी सैलरी का कम से कम 20% पहले हफ्ते में ही सेविंग्स या SIP में डाल दीजिए। और अगर कोई बड़ी खरीदारी करनी हो, तो एक हफ्ते रुकिए—फिर देखें, क्या वाकई ज़रूरत है या बस शौक?
37
3. इमरजेंसी फंड: हालात कैसे भी हों, पैसे हों तैयार
कभी भी अनचाही सिचुएशन आ सकती है—जॉब चली गई, हेल्थ इशू हो गया या कोई फैमिली इमरजेंसी। इसलिए, अपनी मंथली इनकम का 6 गुना इमरजेंसी फंड ज़रूर बनाएं। ये आपकी बैकअप बैटरी है, जो मुसीबत में रोशनी दिखाएगी।
लोन लेते वक्त ध्यान रखें कि आपकी सारी EMI मिलाकर आपकी टेक-होम सैलरी का 40% से ज़्यादा न हो। इससे आप फाइनेंशियल प्रेशर में नहीं आएंगे और दूसरी ज़रूरतें भी स्मूद चलेंगी।
57
5. लाइफ कवर प्लानिंग: टर्म इंश्योरेंस में मत कीजिए कोताही
कहते हैं–जान है तो जहान है, लेकिन अगर कुछ हो जाए तो? इसलिए जरूरी है एक मजबूत टर्म इंश्योरेंस। 20x रूल अपनाइए। आपकी सालाना इनकम का 20 गुना टर्म कवर लीजिए। उदाहरण के लिए अगर आप साल में ₹5 लाख कमाते हैं, तो कम से कम ₹1 करोड़ का लाइफ कवर होना चाहिए। फैमिली को फाइनेंशियल सिक्योरिटी देने के लिए यह एक अनदेखा लेकिन बेहद ज़रूरी कदम है।
67
6. धन कब होगा डबल? जानिए ‘72 के नियम’ से
अपने निवेश पर रिटर्न से पैसा कितने सालों में दोगुना होगा, ये जानना हो तो ये फॉर्मूला अपनाएं। जैसे अगर आपके निवेश पर 12% सालाना रिटर्न मिल रहा है तो 72/12=6। यानी 6 साल में पैसा हो जाएगा दुगुना।
77
7. 100-Age रूल: जानिए कितना रिस्क लेना चाहिए
इंवेस्टमेंट का गोल्डन नियम–100-आपकी उम्र = इक्विटी इन्वेस्टमेंट %। मान लीजिए आप 30 साल के हैं तो 100 - 30 = 70 मतलब आपके पोर्टफोलियो का 70% हिस्सा इक्विटी (जैसे शेयर मार्केट) में और 30% हिस्सा डेब्ट या FD जैसे सेफ ऑप्शन्स में होना चाहिए। रिटायरमेंट की प्लानिंग हो या लॉन्ग टर्म वेल्थ—रिस्क और सेफ्टी का बैलेंस यही तरीका देता है।