10 दिनों तक चलने वाले गणेश उत्सव में मुंबई की गलियां गणेश पंडाल से पट जाती हैं। इनमें एक से बढ़कर एक फेमस मंडल हैं, जिनके गणपति दुनियाभर में फेमस हैं। इन्हीं में से एक हैं खेतवाड़ी के राजा गणेश का पंडाल, जहां की सजावट अद्भुत होती है।
बिजनेस डेस्क : 19 सितंबर से बुद्धि, समृद्धि और सौभाग्य के देवता भगवान गणेश का उत्सव गणेश चतुर्थी (Ganesh Chaturthi 2023) शुरू होने जा रहा है। गणेशोत्सव (Ganeshotsav) की सबसे ज्यादा रौनक और घूम मुंबईमें देखने के लिए मिल रही है। यहां सभी फेमस गणपति 10 दिनों वाले इस उत्सव में सज जाते हैं। इस त्योहार में मुंबई की गलियां गणेश पंडालों से पटी नजर आती हैं। इनमें एक से बढ़कर एक फेमस मंडल हैं, जिनके गणपति दुनियाभर में फेमस हैं। इन्हीं में से एक हैं खेतवाड़ी के राजा गणेश का पंडाल (Khetwadi cha Raja Pandal), जहां की भव्यता बड़ी संख्या में श्रद्धालुओं को आकर्षित करती है।
खेतवाडीचा राजा गणेश पंडाल
गणेशोत्सव में खेतवाडीचा राजा का पंडाल देखते ही बनता है। इस पंडाल की सबसे खास बात यहां की गणेश जी की प्रतिमाओं का आकार है। यहां सालों से एक जैसा ही मूर्तियां देखने को मिलती हैं। यहां के सभी 13 लेन में गणेश पंडाल सजाए जाते हैं। जिनमें से 12वीं लेन का गणपति पंडाल सबसे ज्यादा फेसम हैं। साउथ मुंबई के खेतवाणीचा में गणपति बप्पा का पंडाल बेहद अलग और खूबसूरत तरीके से सजाए जाते हैं।
40 फीट की दिव्य गणेश प्रतिमा
खेतवाडीचा राजा गणेश मंडल की स्थापना साल 1959 में की गई थी। साल 2000 में यह मंडल तब चर्चा में आ गया था, जब गणपति की सबसे ऊंची प्रतिमा स्थापित किया था। इस गणेश प्रतिमा की ऊंचाई 40 फीट थी, जो एक रिकॉर्ड था। इसके लिए समिति को पुरस्कार भी मिल चुका है।
सोने-चांदी की ज्वेलरी से गणपति की सजावट
यहां पंडाल समिति गणपति की साज-सज्जा सोने-चांदी और हीरे जवाहरात के ज्वेलरी से की जाती है। यहां आकर पंडाल की भव्यता और वैभव का आनंद उठा सकते हैं। खेतवाड़ी के गणपति बप्पा की प्रतिमा मनमोहक और हर किसी को आकर्षित करने वाली होती है। हर साल प्रतिमा जैसे आकार का ही होता है।
कब और कैसे पहुंचे खेतवाडीचा राजा गणेश पंडाल
खेतवाड़ी गणेश जी के दर्शन करने आना अपने आप में सौभाग्य की बात माना जाता है। दिन के समय यहां आना काफी अच्छा माना जाता है, क्योंकि शाम होते ही आधी रात तक यहां काफी भीड़ हो जोती है। यहां का सबसे नजदीकी रेलवे स्टेशन चरनी रोड और सैंडहर्स्ट रोड स्टेशन है। रेलवे स्टेशन से करीब 15 मिनट दूरी पर पंडाल सजाया जाता है।
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