वाडिया ग्रुप के स्वामित्व वाली एयरलाइन गो-फर्स्ट (Go First Airlines) इन दिनों वित्तीय संकट से गुजर रही है। कंपनी ने कई बैंकों से कराड़ों रुपए कर्ज ले रखा है। गो फर्स्ट के दिवालिया होने की खबर के चलते कई बैंकों के शेयर में जबर्दस्त गिरावट देखी गई।
Go First Airlines Crisis: वाडिया ग्रुप के स्वामित्व वाली एयरलाइन गो-फर्स्ट (Go First Airlines) इन दिनों वित्तीय संकट से गुजर रही है। एयरलाइन के पास ऑइल कंपनियों के फ्यूल का पैसा चुकाने तक के लिए कैश नहीं है। साथ ही कंपनी के कई विमानों की उड़ान लंबे समय से बंद है। यही वजह है कि कंपनी ने खुद को दिवालिया घोषित करने के लिए एप्लिकेशन दी है। बता दें कि Go First Airlines को कई बड़े बैंकों ने कर्ज दे रखा हे, जिसकी वजह से बुधवार को उनके शेयरों में गिरावट देखने को मिली।
Go First को कर्ज देने वाले बैंकों के शेयर धड़ाम
रिपोर्ट्स के मुताबिक, Go First Airlines को बैंक ऑफ बड़ौदा, एक्सिस बैंक, सेंट्रल बैंक ऑफ इंडिया, आईडीबीआई बैंक और ड्यूश बैंक ने कर्ज दे रखा है। इन सभी बैंकों को गो फर्स्ट से करीब 6,521 करोड़ रुपए लेने हैं। गो फर्स्ट को कर्ज देने की वजह से बुधवार को इन सभी बैंकों के शेयरों में गिरावट देखी गई। बैंक ऑफ बड़ौदा के शेयर में 2.30%, आईडीबीआई बैंक में 2.10%, एक्सिस बैंक में 1.22% और सेंट्रल बैंक ऑफ इंडिया में 1.60% की गिरावट दर्ज की गई।
Go First Airlines पर इतने हजार करोड़ का कर्ज
गो फर्स्ट एयरलाइंस पर बैंकों से कुल मिलाकर 11,463 करोड़ रुपये का कर्ज है। इनमें बैंकों के अलावा कुछ फाइनेंशियल इंस्टीट्यूशंस, वेंडर्स और लीज पर एयरक्राफ्ट देने वाली कंपनियां भी शामिल हैं। गो फर्स्ट के मैनेजमेंट ने साफ कह दिया है कि फिलहाल उसके पास एसेट्स से ज्यादा कर्ज हो गया है, जिसे चुकाने के लिए पैसे नहीं हैं।
Go First Airlines ने तीन दिन की उड़ाने कैंसिल कीं
आर्थिक तंगी से जूझ रही Go First Airlines ने अपनी 3, 4 और 5 मई की सभी उड़ानें रद्द कर दी हैं। कंपनी की ओर से NCLT में खुद को दिवालिया घोषित कराने के लिए आवेदन दिया गया है। बता दें कि कंपनी ने मंगलवार को कहा था कि उसके पास वित्तीय दायित्वों को पूरा करने के लिए पर्याप्त पैसा नहीं है। कंपनी ने अपनी खस्ता हालत के पीछे अमेरिकन कंपनी प्रैट एंड व्हिटनी को दोषी ठहराया है। बता दें कि Go First Airlines के विमानों में इसी कंपनी के इंजन इस्तेमाल किए जाते हैं।
एयरलाइन को इस वजह से आई कैश की दिक्कत :
दरअसल, एयरक्राफ्ट इंजन मैन्युफैक्चरर कंपनी प्रैट एंड व्हिटनी (PW) गो फर्स्ट के लिए इंजन की सप्लाई करती है। इस कंपनी को समय पर इंजन सप्लाई करनी थी, लेकिन उसने समय रहते इसकी आपूर्ति नहीं की। इसके चलते कंपनी को अपने आधे से अधिक विमान को ग्राउंडेड करना पड़ा। विमानों के लंबे समय से उड़ान न भरने की वजह से कंपनी के पास कैश की दिक्कत आई।
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