चोरी की एक खबर पढ़कर आया Godrej ग्रुप बनाने का आइडिया, दिलचस्प है कहानी

गोदरेज ने 1951 के पहले आम चुनाव के लिए बैलेट बॉक्‍स बनाए। 1955 में बायस के साथ मिलकर पहला भारतीय टाइपराइटर और 1958 में पहला फ्रिज बनाया। 2008 में चंद्रयान-1 के लिए लॉन्‍च व्‍हीकल और लूनर ऑर्बिटर गोदरेज ने ही तैयार किए।

 

बिजनेस डेस्क : देश के सबसे पुराने बिजनेस ग्रुप में से एक गोदरेज (Godrej) का अब बंटवारा होने जा रहा है। 4.1 अरब डॉलर वाली इस कंपनी का बंटवारा आदी गोदरेज (Adi Godrej), नादिर गोदरेज (Nadir Godrej), जमशेद गोदरेज (Jamshyd Godrej) और स्मिता गोदरेज (Smitha Godrej) के बीच होगा। इस ग्रुप ने भारत में कई ऐसे प्रोडक्ट्स बनाए, जो आज भी काफी फेमस हैं। बहुत कम लोग ही जानते हैं कि गोदरेज कंपनी बनाने का आइडिया चोरी की एक खबर पढ़कर आया था। आइए जानते हैं गोदरेज बनने से लेकर अब तक के सफर की दिलचस्प कहानी...

गोदरेज ग्रुप कब और किसने बनाया

Latest Videos

अर्देशिर गोदरेज और पिरोजशा बुर्जोरजी गोदरेज ने 1897 में गोदरेज ग्रुप बनाया था। पेशे से वकील अर्देशिर गोदरेज ने महज 3,000 हजार रुपए से सर्जरी ब्लेड का बिजनेस शुरू किया लेकिन वह ज्यादा दिन नहीं चल पाया, जिसके बाद उन्होंने अपने भाई के साथ मिलकर ताला बनाने वाली कंपनी गोदरेज की नींव रखी। आज गोदरेज ग्रुप 20 से ज्‍यादा कारोबार करता है। इस कंपनी ने आजादी के बाद 1951 में हुए पहले आम चुनाव के लिए बैलेट बॉक्‍स भी बनाए थे। 1955 में बायस के साथ मिलकर पहला भारतीय टाइपराइटर और 1958 में पहला फ्रिज बनाया था। इतना ही नहीं 2008 में चंद्रयान-1 के लिए लॉन्‍च व्‍हीकल और लूनर ऑर्बिटर भी गोदरेज ग्रुप ने ही तैयार किए थे।

गोदरेज का आइडिया कहां से आया

जब आर्देशिर गोदरेज का सर्जिकल ब्‍लेड बनाने का बिजनेस नहीं चला तो काफी समय तक खाली बैठे रहे। रिपोर्ट्स के मुताबिक, उनका ब्लेड का बिजनेस सिर्फ इसलिए नहीं चल पाया कि वे अपने प्रोडक्ट पर 'मेड इन इंडिया' लिखना चाहते थे लेकिन अंग्रेजी हुकूमत इसपर राजी नहीं थी. जब कोई काम नहीं था तब एक दिन आर्देशिर गोदरेज अखबार पढ़ रहे थे। उसमें एक खबर पर जाकर उनकी नजह टिक गई। यह खबर तब बंबई में चोरी की घटनाओं से जुड़ी थी। बंबई के तत्कालीन पुलिस कमिश्नर ने लोगों को अपने घरों और दफ्तरों की सुरक्षा बेहतर बनाने के लिए कहा था। यहीं खबर पढ़कर आर्देशिर के दिमाग में ताला बनाने का आइडिया आया। उस वक्त ताले तो बनते थे लेकिन मजबूत ताले की काफी कमी थी, जहां से गोदरेज ने मजबूत ताले बनाने का मन बनाया।

गोदरेज की शुरुआत कर्ज के साथ

आर्देशिर ने कुछ पैसे कर्ज लेकर बॉम्बे गैस वर्क्स के ठीक बगल में एक गोदाम खोला और ताला बनाने का काम शुरू कर दिया। इस तरह 1897 में गोदरेज कंपनी का जन्म हुआ। कुछ समय बाद उनके छोटे भाई पिरोजशा भी इसी कारोबार में आ गए। अब उन्हें गोदरेज ब्रदर्स के नाम से पहचान मिली। गोदरेज ने काफी मजबूत ताले बनाए जिन पर कुछ ही समय में लोगों का भरोसा जम गया।

गोदरेज बिजनेस का इस तरह हुआ विस्तार

इसे भी पढ़ें

Godrej के वो 5 पांच प्रोडक्ट्स, जो करते है भारतीयों के दिलों पर राज, देखें लिस्ट

 

चार हिस्सों में बंट जाएगा Godrej ग्रुप, जानें कंपनी में किसे कितना मिलेगा हिस्सा

 

 

Share this article
click me!

Latest Videos

'ये सरकार ने जान बूझकर...' संभल में बवाल पर अखिलेश का सबसे बड़ा दावा, कर देगा हैरान
महाराष्ट्र में महायुति की ऐतिहासिक जीत के साथ महा विकास अघाड़ी को लगा है एक और जबरदस्त झटका
राज्यसभा में सभापति जगदीप धनखड़ और मल्लिकार्जुन खड़गे के बीच हुई तीखी बहस
संभल मस्जिद विवाद: हिंसा के बाद इंटरनेट सेवा पर रोक, स्कूल-कॉलेज बंद
संभल जामा मस्जिद: क्यों उग्र हो गई भीड़, हालात हुए तनावपूर्ण । Sambhal Jama Masjid Dispute