होम लोन के रीपेमेंट के दौरान अगर आप थोड़ा-थोड़ा प्रीपपेमेंट करने पर आपको फायदा मिल सकता है। प्रीपेंट से आपका मूलधन यानी प्रिंसिपल अमाउंट को कम करता है और आपकी EMI कम हो सकता है। इतना ही नहीं इसमें आपका लोन टेन्योर भी कम होता है।
बिजनेस डेस्क. दुनिया में हर शख्स अपना घर बनाना चाहता है। कोई सारी उम्र सेविंग्स कर घर बनाता है। लेकिन कई लोग अब होम लोन का रुख कर अपने सपनों का आशियाना बनाते हैं। लेकिन होम लोन चुकाने के समय अगर आप स्मार्ट डिसीजन ले लेते हैं, तो आपके लाखों रुपए बचा सकते है। इसमें ब्याज के तौर दिए जाने वाले रुपए की बचत कर सकते हैं।
रीपेमेंट करते वक्त ले ये शानदार डिसीजन
होम लोन के रीपेमेंट के दौरान अगर आप थोड़ा-थोड़ा प्रीपपेमेंट करने पर आपको फायदा मिल सकता है। प्रीपेंट से आपका मूलधन यानी प्रिंसिपल अमाउंट को कम करता है और आपकी EMI कम हो सकता है। इतना ही नहीं इसमें आपका लोन टेन्योर भी कम होता है। आपको बता दें कि जब भी हम लोन से ज्यादा रकम का पेमें करते हैं, उसे प्री-पेमेंट कहा जाता है।
प्रीपेमेंट के दो तरीके, यहां जानें
होम लोन प्रीपेमेंट के तरीके होते हैं। इसमें आप आंशिक या पूर्ण रूप से किया जाता है। इसमें अच्छा ऑप्शन ये है कि अगर आपके पास एक साथ बड़ा अमाउंट जमा हो। तब आप होम लोन का एकसाथ प्रीपेमेंट कर सकते हैं। इसके अलावा EMI से अलग हर महीने अपनी सहुलियत के हिसाब से 2, 3 या पांच हजार रुपए जमा कर सकते हैं। अगर आप शुरू के पांच साल तक प्रीपेमेंट करते है, तो आपको ज्यादा फायदा हो सकता है।
प्रीपेमेंट के समय इन बातों का रखें ध्यान
अगर आप होम लोन पर प्रीपेमेंट करते हैं, तो आपको कुछ बातों का ध्यान रखना चाहिए। इसमें होम लोन फ्लोटिंग दर पर मिले होम लोन के प्रीपेमेंट पर किसी तरह का चार्ज नहीं देना पड़ता। साथ ही प्रीपेमेंट करते वक्त बैंक से इससे जुड़े नियमों की जानकारी ले। प्रीपेमेंट का फैसला अपनी जरूरतों की पूर्ति के बाद ही लें।
जानें प्रीपेमेंट के क्या है फायदे
अगर आप होम लोन के रीपेमेंट के समय प्रीपेमेंट करते हैं, तो आपको ज्यादा फायदे हो सकते हैं।
यह भी पढ़ें…
जनधन अकाउंट में कितना पैसा जमा और कितना निकाल सकते हैं, जानिए हर डिटेल्स