
Health Insurance for Family: आजकल हेल्थ इंश्योरेंस सिर्फ फॉर्मलिटी नहीं रह गया, बल्कि यह आपके और आपकी फैमिली की सुरक्षा की जरूरत बन चुका है। कई लोग सोचते हैं कि उनके लिए ऑफिस की पॉलिसी ही काफी है, लेकिन असल में यह हमेशा काम नहीं आती। छोटी-मोटी बीमारियों में तो मदद करती है, लेकिन बड़े मेडिकल खर्च या गंभीर बीमारियों में यह कवर अक्सर कम पड़ जाता है। इसलिए, यह समझना जरूरी है कि फैमिली के लिए कितनी और कौन-कौन सी हेल्थ पॉलिसी रखनी चाहिए, ताकि कोई भी मेडिकल इमरजेंसी आपके लिए और आपके परिवार के लिए बोझ न बने।
ज्यादातर नौकरी करने वाले लोगों के पास ऑफिस की हेल्थ पॉलिसी होती है। यह कर्मचारियों और उनके परिवार को ₹3 लाख से ₹5 लाख तक का कवर देती है। छोटी बीमारियों या हॉस्पिटलाइजेशन में यह काम आती है, लेकिन गंभीर बीमारियों जैसे कि कैंसर, हार्ट अटैक या लंबी हॉस्पिटलाइजेशन में यह कवर पर्याप्त नहीं होता।
पर्सनल हेल्थ इंश्योरेंस का मुख्य फायदा यह है कि यह नौकरी बदलने, ब्रेक लेने या रिटायर होने पर भी जारी रहता है। इसके अलावा, इसमें आप अपनी जरूरत के हिसाब से कवर बढ़ा सकते हैं और एड-ऑन ऑप्शन चुन सकते हैं, जैसे कि क्रिटिकल इलनेस कवर या हॉस्पिटल रूम अपग्रेड।
परिवार की हेल्थ पॉलिसी लेते समय ध्यान दें कि फ्लोटर पॉलिसी सिर्फ कुल कवर देती है। इसका मतलब है कि एक सदस्य के बड़े हॉस्पिटलाइजेशन से पूरा कवर खत्म हो सकता है। इसलिए, अलग-अलग सदस्य के लिए पर्याप्त कवर रखना फायदेमंद होता है।
ऑफिस पॉलिसी: छोटे क्लेम और रोजमर्रा की मेडिकल जरूरतों के लिए पर्याप्त।
पर्सनल पॉलिसी: गंभीर बीमारियों, लंबी हॉस्पिटलाइजेशन और अतिरिक्त सुरक्षा के लिए।
बच्चों और बुजुर्गों के लिए अलग कवर: जरूरत पड़ने पर अतिरिक्त पॉलिसी या एड-ऑन लेना।
सही कॉम्बिनेशन: ऑफिस पॉलिसी को बोनस की तरह लें और पर्सनल पॉलिसी को मुख्य सुरक्षा के तौर पर रखें।
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