मृत व्यक्ति का ITR कैसे फाइल करें? जानिए आसान स्टेप-बाय-स्टेप प्रॉसेस

Published : Aug 14, 2025, 02:13 PM IST
ITR Filing for Deceased Person

सार

Deceased Person Tax Rules : किसी व्यक्ति की मौत के बाद भी उसके नाम से इनकम रिटर्न दाखिल करना जरूरी होता है। इसमें जरूरी डॉक्यूमेंट्स, ऑनलाइन रजिस्ट्रेशन और समय पर रिटर्न फाइल करने जैसी प्रॉसेस होती है, ताकि वारिस को टैक्स से जुड़ी कोई परेशानी न हो।  

DID YOU KNOW ?
ITR भरने की शुरुआत कब हुई
1922 में इनकम टैक्स डिपार्टमेंट बना। मौजूदा इनकम टैक्स एक्ट 1961 को 1 अप्रैल 1962 से लागू किया गया, जिससे टैक्स सिस्टम और प्रशासन में अहम सुधार हुए।

ITR Filing for Deceased Person : क्या आप जानते हैं, मृत व्यक्ति का भी इनकम टैक्स रिटर्न भरना पड़ता है? सुनने में अजीब लग सकता है, लेकिन भारत में अगर किसी की मौत हो जाती है और उसकी इनकम टैक्सेबल है, तो उसका आईटीआर भरना कानूनी रूप से जरूरी है। इस स्थिति में उसके कानूनी वारिस (Legal Heir) को उसकी तरफ से ITR भरना होता है। इसके लिए कानूनी वारिस को इनकम टैक्स पोर्टल पर रजिस्टर करना पड़ता है और फिर मृतक की आय के अनुसार टैक्स कैलकुलेट करके फाइल करनी होती है। इस आर्टिकल में हम स्टेप-बाय-स्टेप पूरी प्रॉसेस, जरूरी डॉक्यूमेंट्स और टैक्स लायबिलिटी की लिमिट बताएंगे, जिससे आसानी से मृत व्यक्ति का ITR भर सकते हैं।

कानूनी वारिस कौन होता है? (Who is Legal Heir)

कानूनी वारिस वह होता है जो किसी व्यक्ति की मौत के बाद उसकी संपत्ति और हक का मालिक बनता है। इसे साबित करने के लिए कुछ डॉक्यूमेंट्स की जरूरत होती है। जिसमें कोर्ट से जारी लीगल हेयरशिप सर्टिफिकेट (Legal Heirship Certificate), स्थानीय राजस्व अधिकारी से जारी प्रमाण पत्र, नगरपालिका या नगरपालिका परिषद से जारी जीवित परिवार के सदस्यों का प्रमाण पत्र (Surviving Family Members Certificate), मृतक की रजिस्टर्ड वसीयत (Will), राज्य-केंद्र सरकार का फैमिली पेंशन सर्टिफिकेट (Family Pension Certificate) शामिल होता है। इस बात का ध्यान रखें कि कई बार ये सर्टिफिकेट्स लोकल लैंग्वेज में होते हैं, इन्हें इंग्लिश या हिंदी में ट्रांसलेट करके नोटरी से वैरिफाई भी कराना होता है।

इसे भी पढ़ें- ITR Filing: कम कमाई होने पर भी इनकम टैक्स भरना जरूरी? इन 5 कंडीशन्स को इग्नोर न करें

Income Tax पोर्टल पर Legal Heir के लिए रजिस्टर कैसे करें?

  • इनकम टैक्स ई-फाइलिंग पोर्टल पर जाएं और यूजर आईडी व पासवर्ड से लॉगिन करें।
  • 'ऑथराइज्ड पार्टनर्स' में जाकर 'रजिस्टर एज रिप्रजेंटेटिव' में 'लेट्स गेट स्टार्टेड' पर क्लिक करें।
  • Create New Request पर क्लिक करें।
  • कैटेगरी चुनें, मृतक का PAN, मृत्यु की तारीख और रजिस्ट्रेशन का कारण दर्ज करें।
  • डेथ सर्टिफिकेट, पैन, लीगल हेयर सर्टिफिकेट जैसे जरूरी डॉक्यूमेंट्स स्कैन करके अपलोड करें।
  • Proceed में जाकर Verify Request पर क्लिक करें।
  • Submit Request करने पर आपको एक acknowledgment मिलेगा।

ITR फाइल करने के लिए जरूरी डॉक्यूमेंट्स?

  1. मृतक का डेथ सर्टिफिकेट
  2. मृतक का PAN कार्ड
  3. कानूनी वारिस का PAN (Self-attested)
  4. लीगल हेयर सर्टिफिकेट
  5. अगर कोई कोर्ट या IT डिपार्टमेंट का आदेश है तो उसकी कॉपी

कानूनी वारिस के रजिस्ट्रेशन अप्रूवल का प्रॉसेस क्या है?

  • आपकी रिक्वेस्ट E-filing Administrator को भेजा जाएगा।
  • सही डॉक्यूमेंट्स होने पर अप्रूवल मिलेगा, नहीं तो रिजेक्शन के कारण बताए जाएंगे।
  • अप्रूवल के बाद, आप अपने लॉगिन में 'As Legal Heir' मोड में जाकर मृतक का ITR फाइल कर सकते हैं।

इसे भी पढ़ें- PAN-Aadhaar मिसमैच है? ITR फाइल करने से पहले ऐसे नाम और DOB सुधारें

मृत व्यक्ति का ITR कैसे फाइल करें?

  • अप्रूवल के बाद मृतक का ITR उसी तरह फाइल करें जैसे किसी व्यक्ति का सामान्य ITR भरा जाता है।
  • मृतक की मृत्यु तक की साल की आय कैलकुलेट करें (जैसे सैलरी, रेंट, इंटरेस्ट और अन्य)।
  • ITR को आधार OTP, नेट बैंकिंग से ई-वेरिफाई करें या ITR-V प्रिंट कर CPC बेंगलुरु भेजें।

टैक्स देनदारी की सीमा कितनी है, पेनल्टी और डिमांड केस क्या है?

कानूनी वारिस की देनदारी सिर्फ उतनी होगी जितनी संपत्ति उन्होंने विरासत में पाई है। जैसे अगर विरासत में 8 लाख रुपए मिले और टैक्स बकाया 9.5 लाख रुपए है, तो अधिकतम 8 लाख रुपए ही चुकाने होंगे। मृतक के बकाया टैक्स पर पेनल्टी या ब्याज भी वारिस को भरना पड़ सकता है, लेकिन यह भी संपत्ति की वैल्यू तक सीमित होगा।

 

PREV
Read more Articles on

Recommended Stories

कौन हैं यशस्विनी जिंदल? देश के एक बड़े औद्योगिक घराने से ताल्लुक
IndiGo Owner: 28 की उम्र में सबकुछ खोने वाला लड़का कैसे बना No.1 एयरलाइन का बॉस?