FD स्कीम में निवेश करते वक्त कई जरूरी बातें भूल जाते है, जिसका खामियाजा बाद में भुगतना पड़ता है। ऐसे में हम आपको FD में निवेश करने से पहले पांच बातें जानना बेहद जरूरी है।
बिजनेस डेस्क. फिक्स्ड डिपॉजिट कई सालों से इन्वेस्टमेंट का बेहतर ऑप्शन बना है। शेयर मार्केट और म्यूचुअल फंड में निवेश के दौर में भी FD निवेशकों की पहली पसंद है। लेकिन FD स्कीम में निवेश करते वक्त कई जरूरी बातें भूल जाते है, जिसका खामियाजा बाद में भुगतना पड़ता है। ऐसे में हम आपको FD में निवेश करने से पहले पांच बातें जानना बेहद जरूरी है।
पूरी रकम एक ही FD स्कीम न लगाएं
अगर आप बड़ी रकम को FD में निवेश करना चाहते है, तो ऐसा बिल्कुल न करें। इस रकम को अलग-अलग अवधि वाली FD स्कीम में लगाए। इससे आपको ज्यादा फायदा होगा। उदाहरण के लिए अगर आप 5 लाख रुपए निवेश करना चाहते है, तो इसे एक साथ FD लगाने से अच्छा होगा कि 1 लाख की पांच स्कीम में पैसे अलग-अलग टेन्योर वाली स्कीम में लगाए। ऐसे में आपकी लिक्विडिटी भी बनी रहेगी और ब्याज दरों में फायदा होगा।
प्राइवेट सेक्टर या स्मॉल फाइनेंस में करने निवेश
निवेश करने का एकमात्र उद्देश्य होता है कि ज्यादा से ज्यादा रिटर्न मिलें। सरकारी बैंकों में ज्यादा से ज्यादा 7% तक ही ब्याज मिलता है। ऐसे में आप प्राइवेट सेक्टर के बैंक या स्मॉल फाइनेंस बैंक में भी ऑप्शन मिलेगा। इसमें ब्याज दर सरकारी बैंकों की तुलना में ज्यादा होती है।
सीनियर सिटीजन को मिलता है ज्यादा ब्याज
सीनियर सिटीजन को FD पर आम लोगों के तुलना में लगभग 0.50% ज्यादा ब्याज दिया जाता है। कुछ स्पेशल एफडी पर 1% ज्यादा ब्याज मिलता है। ऐसे में सीनियर सिटीजन के नाम पर FD कराकर ज्यादा ब्याज ले सकते है।
TDS से बचने के लिए करें ये काम
आपको मालूम ही होगा कि FD से कमाए हुए ब्याज पर टैक्स लगता है। अगर एक वित्तीय वर्ष में 10 हजार रुपए से ज्यादा ब्याज कमाते है, तो TDS डिडक्शन होता है। वहीं, सीनियर सिटीजंस के लिए यह लिमिट 50 हजार रुपए है। अगर टैक्सेबल रेंज से ब्याज से होने वाली आय कम है, तो आप 15G और 15H फॉर्म सबमिट कर TDS से बच सकते हैं।
टेन्योर पर ध्यान दें
अगर आप सिंगल FD करवाना चाहते है, तो टेन्योर पर ध्यान देना चाहिए। अगर लंबे समय के लिए FD करवाते है। और बीच में ही इसे तोड़ते है, तो आपको पेनल्टी भरनी पड़ेगी। ऐसे में FD करते समय टेन्योर का ख्याल रखें।
यह भी पढ़ें…
inflation Rate : घट गए खाने-पीने की चीजों के दाम, निचले स्तर पर आई खुदरा महंगाई