मैच्योरिटी से पहले NPS से निकालना चाहते हैं रकम, तो जान लें इससे जुड़े नए नियम

नेशनल पेंशन सिस्टम (NPS) रिटायरमेंट फंड बनाने के लिए सबसे बेहतर विकल्प है। 2004 में इसे सरकारी कर्मचारियों के लिए शुरू किया गया था। हालांकि, 2009 में इसे सभी वर्गों के लिए खोल दिया गया।

National Pension System: नौकरीपेशा लोगों के लिए नेशनल पेंशन सिस्टम (NPS) रिटायरमेंट फंड बनाने के लिए सबसे बेहतर विकल्प है। इस स्कीम में नौकरी के दौरान पैसा जमा करते हैं, जो रिटायरमेंट के बाद आपको पेंशन के रूप में मिलता है। पिछले महीने यानी जनवरी, 2023 में NPS से पैसे निकालने के नियमों में बड़ा बदलाव हुआ है। बता दें कि 1 जनवरी, 2023 से पेंशन फंड रेगुलेटरी एंड डेवलपमेंट अथॉरिटी (PFRDA) ने नेशनल पेंशन सिस्टम से आंशिक निकासी के लिए नए नियम लागू किए हैं।

PFRDA ने केंद्र सरकार के सभी कर्मचारियों को 1 जनवरी, 2023 से अपने संबंधित नोडल कार्यालयों के जरिए आंशिक निकासी आवेदन जमा करने को कहा है। ऐसे में अब NPS में पैसा लगाने वालों को मैच्योरिटी से पहले पैसा निकालने की वजह नोडल अधिकारियों को बताना होगा। साथ ही इससे संबंधित जरूरी डॉक्यूमेंट्स भी दिखाने होंगे।

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PFRDA ने कोरोना के दौरान निवेशकों को सेल्फ डिक्लेरेशन के तहत आंशिक निकासी की परमिशन दी थी। नेशनल पेंशन सिस्टम निवेशकों को मैच्योरिटी से पहले या तीन साल पूरे होने के बाद ही समय से पहले पैसे निकालने की अनुमति देता है। इसमें कुल योगदान का 25 प्रतिशत से ज्यादा नहीं निकाला जा सकता।

इन हालातों में निकाला जा सकता है पैसा :

NPS से मैच्योरिटी से पहले निकासी बच्चों की हायर एजुकेशन, उनकी शादी, घर बनाने या खरीदने और गंभीर बीमारियों के इलाज के लिए ही निकाली जा सकती है। NPS में निवेश करने वाला पूरे टेन्योर के दौरान सिर्फ 3 बार की आंशिक रूप से पैसे निकाल सकता है।

एन्युटी प्लान के लिए अलग फॉर्म नहीं :

नए नियमों के तहत NPS मैच्योर होने के वक्त ग्राहक को एन्युटी के लिए अलग से फॉर्म भरने की जरूरत नहीं पड़ेगी। पहले एनपीएस ग्राहकों को PFRDA में एक एग्जिट फॉर्म भरना होता था। साथ में लाइफ इंश्योरेंस कंपनी में एन्युटी प्लान खरीदने के लिए डिटेल प्रपोजल फॉर्म भरना होता था। इसी आधार पर पेंशन मिलती थी। अब प्रपोजल फॉर्म भरने की जरूरत नहीं होगी] क्योंकि एग्जिट फॉर्म से ही एन्युटी प्लान के लिए आवेदन हो जाएगा।

क्या है एनपीएस?

NPS यानी राष्ट्रीय पेंशन सिस्टम 2004 में सरकारी कर्मचारियों के लिए शुरू किया गया था। हालांकि, 2009 में इसे सभी वर्गों के लिए खोल दिया गया। राष्ट्रीय पेंशन योजना रिटायरमेंट के लिए एक स्वैच्छिक और लॉन्‍ग टर्म इनवेस्‍टमेंट स्‍कीम है। बता दें कि देश में 35 लाख करोड़ रुपए का पेंशन फंड है। इसमें से 22% यानी 7.72 लाख करोड़ रुपए NPS के पास हैं। वहीं EPFO 40% हिस्से को मैनेज करता है।

कौन कर सकता है निवेश :

NPS में 18 से लेकर 60 साल की उम्र तक के लोग निवेश कर सकते हैं। नेशनल पेंशन सिस्टम केंद्र सरकार की ओर से शुरू की गई एक ऐच्छिक पेंशन योजना है। इसमें निवेशक को इक्विटी और डेट दोनों में इन्वेस्टमेंट करने का मौका मिलता है। एनपीएस में निवेशक 75 फीसदी इक्विटी में निवेश का विकल्प भी चुन सकता है। इसके साथ ही वो स्कीम की अवधि पूरी होने के बाद अपनी कुल जमा राशि का 60 प्रतिशत तक निकाल भी सकता है। वहीं, बाकी 40 प्रतिशत राशि का उपयोग एन्युटी के लिए किया जाता है। ताकि इन्वेस्ट करने वाले को 60 साल की उम्र के बाद पेंशन मिल सके।

ये भी देखें : 

NPS Rule Change 2022: नेशनल पेंशन योजना में निवेश से पहले जान लें ये 5 नए नियम, क्या होगा असर?

 

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