नौकरी करने वाले लोगों के लिए नेशनल पेंशन सिस्टम (NPS) रिटायरमेंट फंड बनाने के लिए सबसे अच्छा ऑप्शन है। हालांकि, अगर आप मैच्योरिटी से पहले पैसा निकालना चाहते हैं तो इससे जुड़े नए नियम जरूर जान लें।
NPS Money Withdrawl Rules: नौकरी करने वाले लोगों के लिए नेशनल पेंशन सिस्टम (NPS) रिटायरमेंट फंड बनाने के लिए सबसे अच्छा ऑप्शन है। इस स्कीम में नौकरी के दौरान पैसा इन्वेस्ट किया जाता है, जो रिटायर होने के बाद पेंशन के तौर पर मिलता है। बता दें कि 1 अप्रैल, 2023 में NPS से पैसे निकालने से जुड़े नियमों में पेंशन फंड रेगुलेटरी एंड डेवलपमेंट अथॉरिटी (PFRDA) नेब दलाव किया है।
क्या हैं नए नियम
- नए नियमों के मुताबिक, टियर 1 स्कीम के तहत, कोई सब्सक्राइबर ग्राहक अपने फंड का 60 प्रतिशत निकाल सकता है।
- हालांकि, टियर 2 अकाउंट सरकारी कर्मचारियों को छोड़कर टैक्स छूट की पेशकश नहीं करता है।
- एनपीएस ग्राहकों को टैक्स सेविंग के साथ अधिकतम 60 प्रतिशत एकमुश्त निकासी की सुविधा देगा। बाकी 40 प्रतिशत पैसे का इस्तेमाल एन्युटी खरीदने के लिए किया जाएगा। ताकि इन्वेस्ट करने वाले को 60 की उम्र के बाद पेंशन मिल सके।
- बता दें कि NPS में इन्वेस्ट करने पर इनकम टैक्स की धारा 80C के तहत 1,50,000 रुपये की छूट और 80CCD के तहत 50,000 रुपए की अतिरिक्त छूट मिलती है।
कब निकाल सकते हैं पैसा?
NPS में मैच्योरिटी से पहले पैसा निकालने के लिए कुछ शर्तें हैं। इनमें बच्चों की हायर एजुकेशन, उनकी शादी, घर बनाने या खरीदने और गंभीर बीमारियों के इलाज के लिए ही रकम विदड्रॉल की जा सकती है। NPS में निवेश करने वाला पूरे टेन्योर (कुल अवधि) के दौरान केवल 3 बार की आंशिक रूप से पैसा निकाल सकते हैं।
क्या है NPS?
NPS यानी राष्ट्रीय पेंशन सिस्टम की शुरुआत 2004 में सरकारी कर्मचारियों के लिए की गई थी। हालांकि, 2009 में इसे सभी कैटेगरीज के लिए ओपन कर दिया गया। NPS रिटायरमेंट के लिए एक वॉलेंट्री (स्वैच्छिक) और लॉन्ग टर्म इन्वेस्टमेंट स्कीम है। बता दें कि देश में करीब 35 लाख करोड़ रुपए का पेंशन फंड है। इसमें से 22 प्रतियात यानी 7.72 लाख करोड़ रुपए NPS के पास हैं। वहीं EPFO करीब 40 प्रतिशत हिस्से का प्रबंधन करता है।
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