वाशिंगटन: अंतर्राष्ट्रीय मुद्रा कोष (IMF) ने भारत की सराहना करते हुए कहा है कि यह दुनिया की सबसे बड़ी विकासशील अर्थव्यवस्था बनी हुई है और देश के स्थूल आर्थिक तत्व मजबूत हैं। ‘2024-25 में भारत का सकल घरेलू उत्पाद (GDP) 7% की दर से बढ़ेगा। अच्छी बारिश के कारण कृषि उत्पादन भी अच्छा रहेगा। देश अभी भी दुनिया की सबसे बड़ी विकासशील अर्थव्यवस्था है’। IMF के एशिया पैसिफिक निदेशक कृष्ण श्रीनिवासन ने एक साक्षात्कार में यह कहा है।
तीन क्षेत्रों में सुधार करके भारत और तेजी से विकास कर सकता है। पहला, और अधिक नौकरी पैदा करने की जरूरत है। दूसरा, व्यापार संबंधी कुछ प्रतिबंधों को हटाना होगा। तीसरा, बुनियादी ढांचे और डिजिटल सुविधाओं को बढ़ाना होगा। इस साल चुनाव होने के बावजूद देश के आर्थिक मामले अच्छी स्थिति में हैं। विदेशी मुद्रा भंडार अच्छा है। स्थूल आर्थिक आंकड़े अच्छे हैं। इसलिए देश का विकास अच्छा हो रहा है। भारत के पास अभी भी कई क्षेत्रों में सुधार के अवसर हैं। कर्मचारियों का कौशल विकास बढ़ाना होगा। सामाजिक सुरक्षा योजनाओं को बेहतर बनाना होगा। सरकारी कामकाज में देरी को कम करना होगा।
2023 में 8.2% रहे भारत के सकल घरेलू उत्पाद (GDP) के इस साल 7% और 2025 में 6.5% तक गिरने की संभावना है, ऐसा अंतर्राष्ट्रीय मुद्रा कोष (IMF) ने मंगलवार को अनुमान लगाया है। मुख्य रूप से कोविड-19 के बाद वस्तुओं की मांग बढ़ी थी। इसलिए लोग बड़े पैमाने पर खरीदारी कर रहे थे। इससे भारत का GDP बढ़ा था। लेकिन अब दुनिया सामान्य स्थिति में लौट रही है। इसलिए GDP में गिरावट आएगी।
भारत की आर्थिक प्रगति दर उम्मीद से बेहतर है। इसलिए 2027 तक भारत दुनिया की तीसरी सबसे बड़ी अर्थव्यवस्था बन जाएगा, ऐसा अंतर्राष्ट्रीय मुद्रा कोष (IMF) की वरिष्ठ अधिकारी, मैसूरु की गीता गोपीनाथ ने कहा है।