
बिजनेस डेस्क। व्यापार करना आसान नहीं है। कोई बिजनेस में सफल हो जाता है जबकि किसी को घाटे का सामना करना पड़ता है। जब आप मध्यमवर्गीय परिवार से आते हैं, तो ये काम और भी ज्यादा मुश्किल है। लेकिन, कहते हैं मेहनत और हिम्मत के आगे बड़ी से बड़ी परेशानी भी नतमस्तक हो जाती है। इसी बात को सच कर दिखाया इंदर जयसिंघानी ने, जो मुंबई स्थित लोहार चॉल में रहते थे। पिता के निधन के बाद घर की जिम्मेदारी उनके कंधों पर आ गई। 15 साल की उम्र में पढ़ाई छोड़कर वह नौकरी करने लगे, लेकिन उन्होंने हार नहीं मानी और आज करोड़ों की कंपनी खड़ी कर दी।
इंदर जयसिंघानी का शुरुआती जीवन संघर्ष भरा रहा। 15 साल की उम्र में पढ़ाई छोड़ने के बाद उन्होंने घर चलाने के लिए इलेक्ट्रॉनिक सामान बेचने वाली छोटी से दुकान में काम किया। यहां पर जयसिंघानी ने बिजनेस की बारीकियां सीखीं। 1986 में उन्होंने एक ट्रेडिंग फर्म की स्थापना के साथ पॉलीकैब कंपनी की शुरुआत की। उनकी ये राह बिल्कुल भी आसान नहीं थी। जयसिंघानी ने सूझबूझ और मेहनत के बल पर छोटे से कारोबार को भारत की सबसे बड़ी केबल और वायर कंपनी में बदल दिया। 1997 में इंदर जयसिंघानी ने बतौर चेयरमैन-डायरेक्टर के तौर पर कमान संभाली और कंपनी को बुलंदियों तक पहुंचाया। DNA की रिपोर्ट के अनुसार, जो कंपनी छोटी सी जगह से शुरू हुई थी, आज वह 1,01,000 करोड़ की बड़ी कंपनी बन चुकी है और हजारों लोगों को रोजगार दे रही है।
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2008 आते-आते पॉलीकैब दुनिया में अपना मुकाम हासिल कर चुकी थी। कंपनी को पहचान तब मिली, जब वर्ल्ड बैंक की निजी इकाई इंटरनेशनल फाइनेंस कॉर्पोरेशन (IFC) ने पॉलीकैब में निवेश किया। 2014 में कंपनी ने केबल तारों के अलावा फैन, एलईडी लाइट्स, स्विच और स्विचगियर जैसे प्रोडक्ट्स का निर्माण शुरू किया। 2019 में पॉलीकैब शेयर बाजार में लिस्ट हुई। आज ये कंपनी देशभर के विभिन्न हिस्सों में 28 मैन्युफैक्चरिंग प्लांट चलाने के साथ 79 देशों में प्रोडक्ट्स एक्सपोर्ट करती है।
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पॉलीकैब कंपनी के फाउंडर इंदर टी.जयसिंघानी हैं।
फोर्ब्स के अनुसार, जयसिंघानी कुल 13918 करोड़ की संपत्ति के मालिक हैं।
पॉलीकैब भारत की एक विद्युत तार (इलेक्ट्रिक वायर) कंपनी है, जो केबल तारों के साथ अब अन्य उपकरणों का निर्माण करती है।