अर्थशास्त्रियों के पूर्वानुमान के अनुसार भारत का सकल घरेलू उत्पाद (जीडीपी) पिछली तिमाही में 7.7% बढ़ा। पिछली तिमाही में 6.1 फीसदी की रफ्तार से वृद्धि हुई थी।
नई दिल्ली। भारत के सर्विसेज और मैन्युफैक्चरिंग में तेजी से वृद्धि हो रही है। इसके चलते अप्रैल-जून तिमाही में भारत की अर्थव्यवस्था एक साल में सबसे तेज गति से बढ़ी है। अर्थशास्त्रियों ने यह जानकारी दी है।
अर्थशास्त्रियों के पूर्वानुमान के अनुसार भारत का सकल घरेलू उत्पाद (जीडीपी) पिछली तिमाही में 7.7% बढ़ा। पिछली तिमाही में 6.1% की वृद्धि हुई थी। अप्रैल-जून 2022 के बाद से यह सबसे तेज विस्तार है। कमोडिटी की कम कीमतों ने निर्माताओं को मार्जिन बढ़ाने में मदद की है। मई 2022 के बाद से ब्याज दर में 250 आधार अंकों की वृद्धि से हुआ प्रभाव भी कम हुआ है।
सर्विसेज सेक्टर में ग्रोथ जारी रहेगा
कोटक इंस्टीट्यूशनल इक्विटीज के अर्थशास्त्री सुवोदीप रक्षित ने कहा कि हमें उम्मीद है कि सर्विसेज सेक्टर में ग्रोथ जारी रहेगा। सर्विसेज सेक्टर भारत के आर्थिक उत्पादन का आधे से अधिक हिस्सा है। इसमें मजबूत वृद्धि हुई है। इससे भारत की अर्थव्यवस्था को वैश्विक मंदी से उबरने में मदद मिली है। यह ऐसे वक्त में हुआ है जब चीन सहित कई प्रमुख अर्थव्यवस्थाएं लड़खड़ा गईं हैं।
बेहतर है परचेजिंग मैनेजर्स इंडेक्स
S&P ग्लोबल इंडिया सर्विसेज परचेजिंग मैनेजर्स इंडेक्स लगभग दो साल बाद सिकुरने के बदले बढ़ रहा है। यह 50 अंक से ऊपर मजबूती से बना हुआ है। यह अगस्त 2011 के बाद से सबसे लंबी अवधि के लिए 50 अंक से अधिक पर बना हुआ है। देश के आर्थिक विकास को समर्थन देने के लिए केंद्र सरकार बुनियादी ढांचे पर खर्च बढ़ा रही है। 1 अप्रैल से शुरू हुए वित्तीय वर्ष के पहले तीन महीनों में भारत ने 10 ट्रिलियन भारतीय रुपए (120.91 बिलियन डॉलर) के अपने पूंजीगत व्यय बजट का लगभग 28% खर्च किया था।
डॉयचे बैंक के मुख्य भारतीय अर्थशास्त्री कौशिक दास ने कहा कि थोक कीमतों में 3% की गिरावट हुई है। इससे लोगों को राहत मिली है। मंहगाई से राहत मिलने से लोगों की खरीदने की क्षमता बढ़ी है।