जब कोई व्यक्ति कमाई शुरू करता है, तो उसके मन में निवेश की योजना बनाने और पैसे बचाने की इच्छा होती है, लेकिन अनुभव की कमी के कारण डर भी होता है। अगर आपको भी ऐसा ही डर है, तो अब इसे भूल जाइए। जितनी जल्दी निवेश शुरू करेंगे, उतना ही अच्छा होगा।
1. एमेरजेंसी फंड
सबसे पहले, अपने 6 महीने के खर्च के बराबर राशि सेविंग्स बैंक अकाउंट, लिक्विड म्यूचुअल फंड, बैंक डिपॉजिट आदि में रखें। इससे आपको अचानक आने वाली आर्थिक तंगी से निपटने में मदद मिलेगी।
2. जल्दी शुरुआत करें
जितनी जल्दी आप निवेश शुरू करेंगे, उतना ही प्रभावी ढंग से लंबी अवधि में संपत्ति बनाने का मौका मिलेगा। एसआईपी के जरिए म्यूचुअल फंड में निवेश करना एक अच्छा विकल्प हो सकता है।
3. क्रमिक वृद्धि
हर साल निवेश की राशि में क्रमिक वृद्धि करने से आपकी बचत में तेजी से बढ़ोतरी होगी। एसआईपी योजनाओं में निवेश को सालाना 5-10% तक बढ़ाने से लक्ष्य जल्दी हासिल करने में मदद मिलती है।
4. टैक्स प्लानिंग
ज्यादातर लोग वित्तीय वर्ष के अंत में टैक्स बचाने के तरीके खोजते हैं और लाभकारी निवेश योजनाओं में शामिल होते हैं। लेकिन, वित्तीय वर्ष की शुरुआत में ही उचित मूल्यांकन और योजना के साथ सही निवेश योजनाओं में शामिल होना अधिकतम टैक्स लाभ के लिए फायदेमंद होता है।
5. भावनाओं पर नियंत्रण
ज्यादातर निवेशक लालच और डर जैसी भावनाओं से जल्दी प्रभावित हो जाते हैं। शेयर बाजार में तेजी आने पर वे खरीददारी करते हैं और गिरावट आने पर बेचने की कोशिश करते हैं। लेकिन, बाजार के हर उतार-चढ़ाव का धैर्य से सामना करना और लंबी अवधि के लिए निवेश करना ही सही रणनीति है।
6. लक्ष्य आधारित निवेश
5 साल से कम के अल्पकालिक लक्ष्यों के लिए डेट/हाइब्रिड फंड चुनें। वहीं, 5 साल से अधिक की अवधि के लिए इक्विटी आधारित फंड बेहतर विकल्प हैं।
7. अलग-अलग जगह करें इन्वेस्ट
शेयर, बॉन्ड, सोना, रियल एस्टेट जैसी विभिन्न श्रेणियों में निवेश को बांटकर जोखिम कम करें और रिटर्न में स्थिरता लाएं। बैलेंस्ड एडवांटेज फंड, हाइब्रिड फंड जैसी म्यूचुअल फंड योजनाएं भी विविधीकरण के लिए उपयुक्त हैं।
8. बीमा सुरक्षा
जीवन बीमा के लिए अच्छी टर्म पॉलिसी और स्वास्थ्य सुरक्षा के लिए अच्छी स्वास्थ्य बीमा योजना में शामिल हों। जितनी जल्दी आप शुरुआत करेंगे, उतना ही कम प्रीमियम देना होगा।