IPO का अकाल! अगले हफ्ते सिर्फ 3 SME आईपीओ होंगे लिस्ट, जानें वजह

सार

Upcoming IPO Next Week: ट्रंप के टैरिफ से शेयर बाजार में गिरावट है, जिसका असर IPO पर भी दिख रहा है। मेनबोर्ड में कोई नया IPO नहीं, पर SME सेगमेंट से 3 कंपनियों की लिस्टिंग होगी। क्या ये राहत देगी?

IPO Calendar Next Week: ट्रंप के टैरिफ से जहां दुनियाभर के शेयर बाजारों में गिरावट है, वहीं इसका असर IPO मार्केट पर भी दिखने लगा है। पिछले कुछ हफ्तों से आईपीओ बाजार में जारी सूखा अगले हफ्ते भी बना रहेगा। मेनबोर्ड सेगमेंट में कोई नया आईपीओ नहीं आ रहा है। हालांकि, SME सेगमेंट से तीन कंपनियों के शेयरों की लिस्टिंग होगी, जो कुछ हद तक राहत देने वाली खबर है। बाकी आईपीओ मार्केट में सुस्ती बनी रहने के संकेत हैं।

महीनेभर से मेनबोर्ड सेगमेंट में कोई IPO नहीं आया

रिपोर्ट्स के मुताबिक, मेनबोर्ड कैटेगरी में पिछले एक महीने से भी ज्यादा समय से कोई नया IPO नहीं आया है। आगे भी कुछ हफ्तों तक ऐसा ही माहौल बना रह सकता है। मेनबोर्ड कैटेगरी में आखिर बार जिस कंपनी का इश्यू लिस्ट हुआ था, उसका नाम क्वालिटी पावर इलेक्ट्रिकल इक्विपमेंट्स है। इसके शेयर 24 फरवरी, 2025 को BSE-NSE पर लिस्ट हुए थे।

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SME IPO की लिस्टिंग देगी कुछ हद तक राहत

आने वाले हफ्ते में SME सेगमेंट में कुछ एक्टिविटी नजर आएगी। इस दौरान 3 कंपनियों Infonative Solutions, Spinaroo Commercial और Retaggio Industries के शेयरों की लिस्टिंग होगी। ये सभी इश्यू BSE-SME प्लेटफॉर्म पर लिस्ट होंगे। इनमें रेटागियो इंडस्ट्रीज के शेयर की लिस्टिंग सोमवार 7 अप्रैल, 2025 को होगी। इसके अलावा इन्फोनेटिव सॉल्यूशंस और स्पिनारू कमर्शियल के शेयरों की लिस्टिंग मंगलवार 8 अप्रैल को होगी।

2024 में हुई 300 से ज्यादा IPO की लिस्टिंग

2025 के शुरुआती तीन महीने भले ही आईपीओ के लिहाज से बहुत अच्छे न रहे हों, लेकिन 2024 इसके बिल्कुल उलट था। पिछले साल 300 से ज्यादा मेनबोर्ड और SME आईपीओ के जरिये कंपनियों ने कुल 1.71 खबर की भारी-भरकम राशि जुटाई थी। बता दें कि प्राइमरी मार्केट के निवेशकों के लिए 2024 एक असाधारण साल रहा है। हालांकि, 2025 में आईपीओ की स्पीड काफी कम हो गई है। इस साल अब तक 10 मेनबोर्ड कंपनियों के ही आईपीओ आए हैं, जिनसे करीब 15,983 करोड़ रुपए जुटाए गए हैं। वहीं, SME सेगमेंट की 56 कंपनियों ने 2,511.17 करोड़ जुटाए हैं।

IPO में कमी की वजहें

1- बाजार की अस्थिरता

टैरिफ वॉर की चिंता, कॉर्पोरेट इनकम में कमी और विदेशी निवेशकों की लगातार बिकवाली से बाजार की परेशानी बढ़ रही है।

2- अनिश्चितता

अनिश्चितता के चलते पिछले कुछ हफ्तों में आए आईपीओ को निवेशकों का अच्छा रिस्पांस नहीं मिला है। ऐसे में कंपनियां फिलहाल इस माहौल में अपना IPO लॉन्च करने से बच रही हैं। फिलहाल कंपनियां इस बात का इंतजार कर रही हैं कि FII की बिकवाली में कमी आए। साथ ही ट्रंप के टैरिफ का असर बाजार पर कितना पड़ेगा, इसका अनुमान लगाने के बाद ही कंपनियों IPO लाना चाहती हैं।

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