बिजनेस डेस्क. प्राइवेट टेलीकॉम कंपनी वोडाफोन आइडिया लिमिटेड आर्थिक संकटों से जूझ रही है। बीते साल फरवरी में सरकार ने कंपनी के 16,133 करोड़ रुपए से ज्यादा के बकाया ब्याज को इक्विटी में बदलने की मंजूरी दे दी थी। ऐसे में सरकार को कंपनी में 33% हिस्सेदारी मिल गई है। अब सरकार इस हिस्सेदारी को बेच सकती है।
VI के CEO अक्षय मूंदड़ा ने कहा कि हिस्सेदारी बेचने के विषय पर अब तक सरकार से बातचीत नहीं हुई है। ऐसे में सरकार पब्लिक शेयरहोल्डर के तौर पर अपने इन्वेस्टमेंट के मामले में फैसला ले सकती है। आपको बता दें की वोडाफोन आइडिया पर 2 लाख करोड़ रुपए से ज्यादा का कर्ज है।
सरकार बेच सकती है अपनी हिस्सेदारी
वोडाफोन आइडिया में फिलहाल 23.18% पार्टनरशिप सरकार के पास है। मीडिया रिपोर्ट्स के मुताबिक सरकार अपनी हिस्सेदारी सॉवरेन वेल्थ फंड्स को बेच सकती है। इक्विटी बेचने के लिए अबू धाबी इन्वेस्टमेंट अथॉरिटी , कतर इन्वेस्टमेंट अथॉरिटी और सिंगापुर के टेमासेक से बातचीत की जा रही है। अब कंपनी के CEO अक्षय मूंदड़ा का कहना है कि सरकार अपनी हिस्सेदारी न बेचे, इसे डावयर्ट कर सकती है।
VI दिवालिया होने कगार पर
मीडिया रिपोर्ट्स के मुताबिक, वोडाफोन आइडिया पर सरकार का 2.09 लाख करोड़ रुपए का कर्ज है। ऐसे में डेफर्ड स्पेक्ट्रम के मद में 1.39 लाख करोड़ रुपए बाकी हैं। एडजस्टेड ग्रॉस रेवेन्यू के 70,320 करोड़ रुपए बकाया है। आपको बता दें कि वोडाफोन आइडिया के शेयरों में 3.37% की गिरावट देखी गई है। ऐसे में ये शेयर 15.47 रुपए पर आ गया है। बीते 6 महीने में इसके शेयरों में 5% का उछाल आया है। इन्वेस्टर्स को बीते एक साल में 90% का रिटर्न दिया है।
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