ITR Rules 2025 Low Income : क्या आपकी सालाना इनकम 2.5 लाख या 3 लाख रुपए से कम है? अगर हां, तो भी कुछ खास हालात में आईटीआर भरना कानूनी रूप से जरूरी हो जाता है। जानिए वो 5 जरूरी कंडीशंस, जहां कम इनकम के बावजूद रिटर्न फाइल करना पड़ता है।
अगर आपने किसी एक या एक से ज्यादा बैंक के करंट अकाउंट में सालभर में 1 करोड़ रुपए या उससे ज्यादा की राशि जमा की है, तो भले ही आपकी इनकम टैक्सेबल लिमिट से नीचे है, लेकिन ITR फाइल करना अनिवार्य है। दरअसल, इनकम टैक्स डिपार्टमेंट बड़ी बैंकिंग ट्रांजैक्शन्स पर नजर रखता है। अगर आप इतना पैसा जमा कर रहे हैं, तो आपको अपनी फाइनेंशियल क्लैरिटी साबित करनी होती है।
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साल में 25,000 रुपए या उससे ज्यादा TDS कटा?
अगर आपकी इनकम पर कुल TDS (टैक्स डिडक्शन एट सोर्स) 25,000 रुपए या उससे ज्यादा कट चुका है, तो ITR फाइल करना जरूरी है। इसमें सीनियर सिटिज़न्स के लिए छूट है। अगर आप इस कैटेगरी में हैं, तो लिमिट 50,000 रुपए तक बढ़ जाती है। हालांकि, टीडीएस कटने के बावजूद आप रिफंड पा सकते हैं। वो आईटीआर भरने पर ही मिलता है।
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साल में 1 लाख से ज्यादा का बिजली बिल भरते हैं?
अगर आपके घर या ऑफिस का सालभर का बिजली का बिल 1 लाख रुपए से ज्यादा है, तो यह संकेत देता है कि आपकी लाइफस्टाइल टैक्सेबल इनकम से मेल नहीं खा रही। इस स्थिति में भी आपको इनकम टैक्स रिटर्न फाइल करना होगा। इस बात का ध्यान रखें कि चाहे इनकम 3 लाख से भी कम हो, फिर भी हाई कंजम्पशन वाले कंज्यूमर्स को ट्रैक किया जाता है।
अगर आपने किसी एक या एक से ज्यादा विदेश यात्राओं पर 2 लाख या उससे ज्यादा खर्च किया है, तो फिर ITR फाइल करना जरूरी है, चाहे आपने वो ट्रैवल बिजनेस के लिए किया हो या छुट्टियों के लिए। ट्रैवल एजेंसी से बुकिंग या कार्ड पेमेंट के रिकॉर्ड के आधार पर खर्च का आंकलन किया जा सकता है।
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विदेश में संपत्ति या खाता है?
अगर आपके पास किसी दूसरे देश में प्रॉपर्टी, इन्वेस्टमेंट या बैंक अकाउंट है या फिर किसी विदेशी बैंक के खाते में आपकी साइनिंग अथॉरिटी यानी साइन करने का अधिकार है, तो आपको हर हाल में ITR फाइल करना होगा, भले ही आपकी भारत में इनकम टैक्स लिमिट से कम हो। ये नियम खासकर NRI, फॉरेन इन्वेस्टमेंट करने वालों या मल्टीनेशनल जॉब होल्डर्स के लिए अहम है।