NSE ने छोटे और मीडियम साइज वाले SME आईपीओ की लिस्टिंग प्राइस लिमिट तय कर दी है। यानी अब NSE पर सभी SME IPO अपने इश्यू प्राइस से 90% से ऊपर लिस्ट नहीं हो सकेंगे। NSE ने ये फैसला इनके प्राइस में होनेवाले हेरफेर की खबरों के बाद लिया है।
SME IPO Listing Price Limit: नेशनल स्टॉक एक्सचेंज (NSE) ने SME प्लेटफॉर्म पर लिस्ट होने वाले IPO की लिस्टिंग प्राइस लिमिट तय कर दी है। इसके मुताबिक, अब NSE पर सभी SME IPO अपने इश्यू प्राइस से 90% से ऊपर लिस्ट नहीं हो सकेंगे। NSE ने ये फैसला इनके लिस्टिंग प्राइस में होनेवाले हेरफेर की खबरों के बाद लिया है। हालांकि, NSE ने साफ कहा है कि ये लिमिट केवल SME सेगमेंट पर लागू होगी। मेनबोर्ड आईपीओ की लिस्टिंग पहले की तरह ही होती रहेगी।
नेशनल स्टॉक एक्सचेंज द्वारा लाया गया ये नियम 4 जुलाई, 2024 से लागू हो चुका है। बता दें कि मीडियम और स्मॉल कैटेगरी के आईपीओ SME में आते हैं। एसएमई IPO के एक लॉट की कीमत कम से कम 1 लाख या उससे ज्यादा होती है। हाल ही में कई SME आईपीओ आए हैं।
जुलाई में 8 में से 6 SME IPO 90% से ऊपर लिस्ट हुए
जुलाई, 2024 में अब तक 8 SME IPO लिस्ट हो चुके हैं, जिनमें से 6 IPO 90% से ऊपर प्रीमियम पर लिस्ट हुए। इनमें Mason Infratech, Shivalic Power Control, Akiko Global Services, Petro Carbon and Chemicals और Diensten Tech का IPO शामिल है।
जानें NSE क्यों 90% वाला नियम?
मार्केट रेगुलेटर सिक्योरिटी एक्सचेंज बोर्ड ऑफ इंडिया (SEBI) को हाल ही में एसएमई आईपीओ में हेरफेर से जुड़ी शिकायतें मिली थीं। सेबी की चेयरपर्सन माधबी पुरी बुच ने कहा था कि हमें ऐसी कई शिकायतें मिली हैं, जिनमें कहा गया है कि SME सेगमेंट के तहत इश्यू होने वाले IPO के प्राइस के साथ हेरफेर हो रहा है। बता दें कि बड़ी संख्या में मिल रही शिकायतों के बाद सेबी इसकी जांच कर रहा है। साथ ही SME कैटेगरी के IPO पर एक्स्ट्रा डिस्क्लोजर भी लगाया जा सकता है।
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