कंप्यूटर साइंस में ग्रेजुएट तीन दोस्तों की कहानी भी कम दिलचस्प नहीं है। इनका इरादा था कि फेसबुक को टक्कर देने वाला एक सोशल मीडिया प्लेटफार्म बनाया जिए। उन्होंने जो बनाया उससे कमाई भी कर रहे हैं।
What Is Feeding Trends. भारत के वैज्ञानिक भले ही दुनिया भर की प्रतिष्ठित कंपनियों में काम कर रहे हैं। दुनिया की दिग्गज टेक कंपनियों के सीईओ हैं, लेकिन सारी सोशल मीडिया साइट्स विदेशी हैं। ऐसे ही बातें करने वाले कंप्यूटर साइंस ग्रेजुएट्स ने ठान लिया कि वे फेसबुक को टक्कर देने वाला प्लेटफार्म लांच करेंगे। बीबीडी यूनिवर्सिटी से कंप्यूटर साइंस ग्रेजुएट यश श्रीवास्तव उन्हीं में से एक हैं, जिन्होंने यह सपना देखा और एक स्टार्टअप के माध्यम से नई शुरूआत कर दी है।
तीन दोस्तों ने मिलकर बनाया फीडिंग ट्रेंड्स
यश श्रीवास्तव के दिमाग में जब यह आइडिया आया तो उन्होंने अपने दो दोस्तों शेखर गुप्ता और मोहम्मद फहद को भी साथ मिला लिया और फीडिंग ट्रेंड्स की शुरूआत कर दी। यह फेसबुक को टक्कर देने के उद्देश्य से लांच किया गया। यश बताते हैं कि 2018 से लेकर 2020 तक हमने रिसर्च किए और बहुत सारे प्रयोग किए। इसके बाद सितंबर 2020 में इसे लांच कर दिया गया है। फिर करीब डेढ़ साल तक इसकी टेस्टिंग चलती रही। मौजूदा समय में इस प्लेटफार्म पर करीब 20 हजार क्रिएटर्स हैं और रीडरशिप 2 करोड़ को पार कर गई है। इस प्लेटफार्म के लिए करीब 30 लोगों की टीम काम कर रही है और लगातार कंपनी ग्रोथ भी हो रहा है।
चुनौतियां आईं लेकिन यश ने हार नहीं मानी
जब कंप्यूटर साइंस ग्रेजुएट ने परिवार को अपने प्रयोग के बारे में बताया तो उन्हें समझाना मुश्किल हो गया। पिता ने कहा कि स्टार्टअप शुरू कर रहे हो लेकिन यह फेल होता है तो सारी जिम्मेदारी तुम्हारी होगी। दूसरी शर्त और खतरनाक थी कि इसके लिए घर से पैसा नहीं मिलेगा। दोनों शर्तों पर यश ने सहमति जताई और प्रयोगों का दौर शुरू हो गया। फिर कोविड ने काम को रोक दिया। तब लखनऊ में करीब 25 लोगों की टीम काम कर रही थी लेकिन कोविड की वजह से सिर्फ 3 दोस्त ही बचे और बाकी लोगों ने काम पर आना बंद कर दिया। फिर तीनों दोस्तों ने यह चुनौती भी पार की।
ब्लागिंग से हो रही अच्छी कमाई
यश बताते हैं कि हमारा देश नॉलेज हब है। हम क्रिएटर्स के साथ कमाई शेयर करते हैं। क्रिएटर नए कंटेट के साथ कमाई भी कर रहे हैं। हमने वीडियो से आर्टिकल बनाने का फीचर भी लांच कर दिया है। हमारे प्लेटफार्म पर किसी भी लैंग्वेज में टेक्स्ट डाला जा सकता है। अब हम नया फीचर ला रहे हैं कि कंटेट अंग्रेजी में है तो वह हिंदी सहित 10 दूसरी भाषाओं में ऑटोमेटिक ट्रांसलेट हो जाएगा। यश कहते हैं कि अब हमारा रेवेन्यू मॉडल बेहतर होता जा रहा है।
यह भी पढ़ें
रिक्शा चलाने से लेकर राष्ट्रपति के मेहमान बनने तक...धरमवीर ने अपने आइडिया से बदल दी दुनिया