3 दिन..और शेयर चारों खाने चित! इस Stock में पैसा लगा खून के आंसू रो रहे निवेशक

Published : Dec 10, 2024, 08:46 PM IST
Mishtann Foods Stock Crash

सार

मिष्ठान्न फूड्स के शेयरों में भारी गिरावट देखी जा रही है। SEBI द्वारा वित्तीय गड़बड़ी पाए जाने के बाद कंपनी के शेयर अर्श से फर्श पर आ गए हैं। निवेशकों में शेयर बेचने की होड़-सी लगी है। आखिर क्या है इसकी वजह, जानते हैं।

Mishtann Foods Stock Crash: फूड सेक्‍टर की कंपनी मिष्ठान्न फूड्स के शेयर इन दिनों सुर्खियों में है। दरअसल, इनकी चर्चा पॉजिटिव नहीं बल्कि नेगेटिव काम की वजह से हो रही है। इस शेयर ने पिछले 3 कारोबारी सत्रों में ही निवेशकों को तगड़ा झटका दिया है। पिछले एक महीने में ही शेयर करीब 43% तक टूट चुका है। स्टॉक में आए दिन लोअर सर्किट लग रहे हैं, जिससे निवेशक इससे बाहर भी नहीं निकल पा रहे हैं।

2 दिन में ही 30% टूटा मिष्ठान्न फूड्स का शेयर

बता दें कि पिछले तीन कारोबारी सत्र में ही ये शेयर 40% तक टूट चुका है। शुक्रवार 6 दिसंबर को स्टॉक में 20 प्रतिशत का लोअर सर्किट लगाना पड़ा था। इसके बाद सोमवार और मंगलवार को भी इस शेयर की अनियंत्रित गिरावट को थामने के लिए 10-10% का लोअर सर्किट लगा, जिसके बाद 10 दिसंबर को शेयर 8.95 रुपए पर क्लोज हुआ।

घटकर 447 करोड़ रह गया कंपनी का मार्केट कैप

Mishtann Foods Ltd के शेयर में जारी लगातार गिरावट के चलते कंपनी का मार्केट कैप भी घटकर महज 447 करोड़ रुपए रह गया है। शेयर का 52 वीक हाइएस्ट लेवल 26.36 रुपए है। वहीं, ऑलटाइम हाई लेवल 36 रुपए का है। शेयर की फेस वैल्यू 1 रुपए है।

निवेशकों में क्यों मची शेयर बेचने की होड़

सेबी ने हाल ही में Mishtann Foods Ltd में भारी वित्तीय गड़बड़ी पाए जाने के बाद सख्त एक्शन लिया है। SEBI ने कहा है कि इस कंपनी ने ग्रुप की दूसरी कंपनियों और प्रमोटरों के जरिए करीब 100 करोड़ रुपये की रकम में हेरफेर किया है। इसके साथ ही सेबी ने कंपनी को शोकॉज नोटिस भी जारी किया है।

7 साल तक सार्वजनिक तरीके से धन जुटाने पर भी रोक

सेबी ने मिष्ठान्न फूड्स पर 7 साल तक सार्वजनिक तरीके से धन जुटाने पर रोक लगा दी है। इसके चलते निवेशकों में अफरातफरी का माहौल है। इसके अलावा सेबी ने कंपनी को ऑर्डर दिया कि राइट्स इश्यू से जुटाए गए 49.82 करोड़ रुपये, जिसे गलत तरीके से डायवर्ट किया गया है, उसे वापस लाए। सेबी का कहना है कि मिष्‍ठान फूड्स ने फर्जी कंपनियां बनाकर अपनी बिक्री और खरीद के आंकड़ों को बहुत ज्यादा बढ़ा-चढ़ाकर दिखाया। दूसरी ओर, कंपनी ने सेबी के सभी आरोपों को खारिज करते हुए कहा कि उनकी लीगल टीम रेगुलेटर के सभी सवालों का जवाब देने की तैयारी कर रही है।

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